देश की जड़ों से जुड़ा हो औद्योगिक विकास : देवनानी

अजमेर । जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि देश का वास्तविक विकास तभी संभव है जब यह देश की जड़ों से ज...

अजमेर । जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि देश का वास्तविक विकास तभी संभव है जब यह देश की जड़ों से जुड़ा हो। देश की विभिन्न जरूरतों का उत्पादन देश में देशी उद्योगों द्वारा किया जाना चाहिए। साथ ही हमें काम काज में भी देश को सर्वाेपरि रखकर सोचने की आवश्यकता है।

देवनानी ने आज डी.ए.वी. काॅलेज में  एन्टरप्रन्योरशिप ग्लोबल इकाॅनोमी एण्ड सस्टेनेबल डवलपमेंट फाॅर डवलेपिंग इण्डिया विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि उद्यम हमारा स्वभाव है और यह हमारी सदियों की आदतों से जुड़ा हुआ है। अर्थ व्यवस्था राष्ट्र की रीढ होती है और अब इस पर गंभीरता के साथ चिंतन मनन की आवश्यकता है। भारत की अर्थ व्यवस्था और विकास तभी सही मायनों में सफल साबित होंगे जब इनका जुड़ाव हमारी जड़ों से होगा।

उन्होंने कहा कि आजादी के तुरन्त पश्चात हमारी अर्थ व्यवस्था को जो दिशा मिलनी चाहिए थी वह नही मिल पायी। कभी समाजवाद तो कभी पूंजीवाद हमारी सोच पर हावी रहे जबकि सही मायने में इन्हें देश की जड़ों पर आधारित होना चाहिए था। अर्थ व्यवस्था का जड़ों से जुड़ाव जानना हो तो हमे पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद को समझना होगा। आज आवश्यकता हैं कि हम युग की चीजों को देशानुकूल एवं देश की चीजों को युगानुकूल बनाए। इस सोच से सारी समस्याएं स्वतः ही हल होती जाएगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार एवं मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राज्य सरकार अर्थ व्यवस्था की मजबूती के लिए शानदार काम कर रही है। हाल ही आयोजित रिसर्जेंट राजस्थान में तीन लाख करोड़ से अधिक के एम.ओ.यू. राजस्थान को उद्योगों के क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति में ले आएंगे। इसके साथ ही हुनरमंद युवाओं को तैयार करने का राज्य सरकार का प्रयास भी बेहद सफल साबित हो रहा है। प्रदेश में बढ़ी संख्या में युवाओं को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षत किया जा रहा है। आने वाले समय में राजस्थान उद्योगों में प्रशिक्षित युवाओं की जरूरतों को पूरा करने वाला प्रमुख राज्य बनेगा।

देवनानी ने युवाओं का आह्वान किया कि वे तीन आई- इनीशिएटिव, इनोवेशन, इन्टेलीजेन्सी तथा तीन सी - कम्यूनिकेशन, क्रियेटिविटी और कान्फिडेन्स को जीवन में शामिल कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में जुट जाए। उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के अधिक से अधिक इस्तेमाल का आग्रह किया।

सेमीनार के उद्घाटन समारोह को प्राचार्य डाॅ. अनूप कुमार, मुुख्य वक्ता डाॅ. आशीष पारीक आदि ने भी सम्बोधित कर विषय पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सेमीनार के सम्भागी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। 
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