हिट एंड रन केस : बरी हुए सलमान खान, पर मुश्किलें नहीं हुई ख़त्म

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मुंबई। वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में बॉलीवुड के 'दबंग' स्टार सलमान खान को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज सभी आरोपों से बरी कर दिया है। गौरतलब है कि इस मामले में सलमान खान को सत्र न्यायालय ने दोषी ठहराया था और पांच वर्ष जेल की सजा मुकर्रर की थी। अपने प्रशंसकों से खचाखच भरी अदालत में 49 वर्षीय अभिनेता सलमान खान को बरी करते हुए न्यायमूर्ति ए आर जोशी ने कहा कि अपील को स्वीकार किया जाता है और निचली अदालत के फैसले को खारिज किया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि सलमान को सभी आरोपों से मुक्त किया जाता है। अदालत के इस फैसले को सुनते समय सलमान की आंखों में आंसू आ गये।

अदालत ने भले ही सलमान खान को इस मामले के सभी आरोपों से बरी कर दिया है, लेकिन सलमान की मुश्किलें अभी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुई है। सलमान के खिलाफ राजस्थान में काले हिरण के शिकार मामले में अदालत का अंतिम फैसला आना अभी बाकी है। गौरतलब है कि इस मामले में सलमान को एक साल की सजा सुनाई गई है, जिसके खिलाफ उनकी ओर से दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट का फैसला अभी आना बाकी है।

इस मामले में पिछले माह हुई सुनवाई में सलमान के वकील ने उनकी ओर से इस्तेमाल की गई जिप्सी के ड्राइवर हरीश दुलानी को गवाह बनाने का विरोध किया है। सलमान के वकील के अनुसार, हरीश ने उन्हें बताया था कि उससे जिप्सी लेने के बाद सलमान और एक अन्य आरोपी दुष्यंत सिंह ने उसे जाने को कहा था। जंगल जाते वक्त वह गाड़ी में था ही नहीं, तो उसे चश्मदीद कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी दलील दी थी कि जिप्सी में से जो बंदूक के छर्रे मिले हैं, वे पक्षियों का शिकार करने के लिए थे, न कि जंगली जानवर के।

सलमान खान आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए दोपहर करीब डेढ़ बजे नीले और सफेद रंग की कमीज पहने अदालत पहुंचे। पुलिस ने हाईकोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर रखी थी। सलमान के साथ उनके बॉडीगार्ड शेरा, बहनोई आयुष, बहन अलविरा और उनके प्रबंधक भी मौजूद थे। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति जोशी ने कहा कि अभियोजन पक्ष इस मामले में आरोपी (सलमान) के खिलाफ सभी आरोपों को साबित करने में विफल रहा है। न्यायमूर्ति जोशी सोमवार से अपना फैसला लिखवा रहे थे।

न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी के अपराध को साबित करने की जिम्मेदारी अभियोजन पक्ष पर है और इसे संदेह से परे प्रमाणित करने की जरूरत है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से कई खामियां रहीं। इसमें जरूरी और महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही रिकॉर्ड नहीं करना, घायल गवाहों की गवाही में कई चीजों को छिपा लेना या उनके बयानों में अंतर्विरोध होना जैसी कमियां शामिल हैं जो अपराध में सलमान की संलिप्तता पर संदेह उत्पन्न करते हैं। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इन साक्ष्यों के आधार पर सलमान को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

न्यायाधीश ने कहा कि जांच में कई प्रकार की चूक हुई, जिसके आधार पर संदेह का लाभ आरोपी को मिलना चाहिए। न्यायमूर्ति ने कहा कि न्यायालय का कार्य उसके समक्ष पेश किये गये साक्ष्य का विश्लेषण करना है और साथ ही यह देखना है कि संदेह से परे अपराध सिद्ध होता हो। उन्होंने कहा कि उनकी राय में अपीलकर्ता को दोषी ठहराने के लिए निचली अदालत ने जिन साक्ष्यों को आधार बनाया वे आपराधिक कानूनों के सिद्धांतों के अनुसार समुचित और विधिसम्मत नहीं थे।

न्यायाधीश ने कहा कि इस कारण निश्चित रूप से यह कहा जाना चाहिए कि यह उस प्रकार का मामला नहीं है जिसमें अभियोजन पक्ष ने पूरी तरह आरोपों को साबित कर दिया हो। उन्होंने साथ ही कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किये गये सभी साक्ष्य परिस्थिति पर आधारित थे। अदालत ने कहा कि मुख्य पहलू नशे की हालत में गाड़ी चलाने से जुड़ा था लेकिन अभियोजन ने इस पक्ष में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया जिससे आरोपी का अपराध साबित हो।

उल्लेखनीय है कि अभिनेता की कार 28 सितंबर 2002 को उपनगरीय बांद्रा की एक दुकान में घुस गई थी। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग घायल हो गए थे।
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