https://khabarrn1.blogspot.com/2015/12/many-changes-in-system-of-state-government-departments.html
जयपुर। प्रदेश में भाजपा सरकार की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर जहां जनपथ पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियां की जा रही है, वहीं प्रदेश में सरकारी तंत्र को और मजबूत बनाने के लिए कई सरकारी विभागों के नियमों में परिवर्तन किए जाने की कवायद भी की जा रही हैं। इनके तहत जहां शिक्षा विभाग की तबादला नीति में बदलाव किए जाएंगे, वहीं जयपुर नगर निगम की लाईसेंस शाखा एवं जलदाय विभाग की ओर से प्रदेश में आरओ प्लांट लगाए जाने के लिए निकाले गए टेंडर की शर्तों में बदलाव किए गए हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेशभर में सरकारी तंत्र को और अधिक मजबूज बनाने के साथ ही सरकार के राजस्व में भी इजाफा हो सकता है, वहीं प्रदेशवासियों को सरकार की ओर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
शिक्षा विभाग की तबादला नीति में जल्द बदलाव किया जा सकता है, जिसके लिए शिक्षा विभाग में कवायद शुरू की जा चुकी है। जानकारी के अनुसार तबादला नीति में बदलाव किए जाने के बाद 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों का तबादला जिले से बाहर किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नई तबादला नीति में अन्य भी कई प्रकार के प्रावधान किए जाने के सुझाव सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार, नई शिक्षक तबादला नीति में 1 अप्रैल से 30 जून तक की अवधि में तबादलों का काम पूरा करने का प्रावधान शामिल होगा। बीच में तबादले नहीं होंगे।
जयपुर नगर निगम की ओर से लाइसेंस देने के नियमों में बदलाव किए गए हैं, जिनके तहत अब शहर में विभिन्न प्रकार की सेवाओं से जुड़े कार्यों के सेंटर लेने के लिए अब नगर निगम से लाइसेंस लेना जरूरी होगा। इन सेवाओं में ब्यूटीपार्लर, सैलून, हेल्थ क्लब, स्पा सेंटर, अस्पताल, डायगनोस्टिक सेंटर सहित एक दर्जन से अधिक सेंटर्स शामिल होंगे। निगम की ओर से किए गए इन बदलावों को जल्द ही लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि महापौर निर्मल नाहटा ने पिछले दिनों में निर्देश दिए थे कि शहर में चल रहे ब्यूटीपार्लर, स्पा सेंटर, हेल्थ क्लब, जिम, सैलून, अस्पताल, कोचिंग सेंटर, पीजी हॉस्टल्स, टयूशन सेंटर, डायगनोस्टिक सेंटर, लैब आदि के लिए जेएमसी से लाइसेंस लेना अनिवार्य किया जाएगा।
प्रदेश के फ्लोराइड युक्त पानी की समस्या से प्रभावित इलाकों में आरओ प्लांट लगाने की दिशा में जलदाय विभाग की ओर से अगस्त माह में आरओ प्लांट के टेंडर निकाले गए थे, जिनमे अब बदलाव किया गया है, जिसके बाद आरओ प्लांट के टेेंडर फिर से निकाले गए हैं। जानकारी के अनुसार नई शर्तों के साथ निकाले गए टेंडर में विभाग की ओर से प्री-क्वालिफिकेशन के साथ फाइनेंसियल और टेक्निकल क्राइटेरिया शर्तों में बदलाव किया गया है।