महज 1300 कर्मचारी कैसे साफ कर सकते हैं 6 लाख लोगों द्वारा फैंका कचरा : गहलोत
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/12/ajmer-mayor-dharmendra-gehlot-says-in-meet-the-press.html
अजमेर। अजयमेरु प्रेस क्लब की ओर से मंगलवार को आयोजित किए गए 'मीट द प्रेस' कार्यक्रम में अजमेर नगर निगम महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा है कि अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि चूंकि किसी भी स्मार्ट सिटी के लिए उसके अपने मापदंड तय हैं, जिन्हे देखते हुए अजमेर को वास्तव में एक स्मार्ट सिटी के रूप में स्थापित करने के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि विदेशों में नगर निगम के पास ही बिजली, पानी, कानून व्यवस्था, संचार, सड़क, शिक्षा आदि के अधिकार होते हैं। ऐसे में वहां का मेयर योजना के मुताबिक कार्यक्रमों की क्रियान्विति करता है, लेकिन वहीं अजमेर में तो सफाई के अलावा निगम के पास कोई कार्य है ही नहीं।
महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि हमारे शहर अजमेर की आबादी 6 लाख है और निगम के पास ठेका पद्धति से 1300 सफाईकर्मी हैं। अक्सर पत्रकारों के सवालों का जवाब देने वाले महापौर ने पत्रकारों के समक्ष ही सवाल रख दिया। मेयर ने पत्रकारों के समक्ष सवाल रखा कि 6 लाख लोगों द्वारा फेंके गए कचरे को 1300 कर्मचारी कैसे साफ कर सकते हैं?
उन्होंने कहा कि, यह कहना बहुत आसान है कि शहरभर में गंदगी है, लेकिन में पूछना चाहता हूं कि इस गन्दगी के लिए जिम्मेदार कौन है? गली-मोहल्लाा, बाजार साफ रहें, क्या इसकी जिम्मेदारी आम नागरिक की नहीं है? गहलोत ने कहा कि अगले कुछ ही दिनों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का काम शुरू हो जाएगा।
गहलोत ने बताया कि हेरिटेज सिटी की योजना के अंतर्गत 40 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए है। इसके अंतर्गत नया बाजार के अकबर का किला से लेकर गोल प्याऊ चौपड़, घी मंडी होते हुए जैन मंदिरों तक एक हेरिटेज वॉक-वे बनाना है। वॉक-वे भी ऐसा कि देशी-विदेशी पर्यटक सुगमता के साथ चल सकें और जगह-जगह आरामदायक बेंच लगी हो।
गहलोत ने पूछा कि अजमेर में कोई व्यक्ति है जो भीड़ वाले नया बाजार क्षेत्र में हेरिटेज वॉक-वे का निर्माण करवा सके। बाजार के दुकानदार अपनी दुकानों के आगे दस-दस फिट अतिक्रमण कर लेते हैं। ऐसे में वॉक-वे कैसे बनेगा? उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि कुछ लोग विदेशों की नकल कर योजना तो बना देते हैं, लेकिन अजमेर जैसे शहर की भौगौलिक स्थिति को नहीं देखते।
उन्होंने कहा कि मेयर का पद संभालने के बाद से उनके सामने कई प्रकार की चुनौतियां हैं, जिन्हे दूर करने के लिए वे अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं, लेकिन शहर में सभी व्यवस्थाएं तभी बरकरार रह सकती है, जब इसमें शहरवासियों का भी पूरा सहयोग हो।
उन्होंने विश्वास जताया कि यदि शहरवासियों ने सहयोग किया तो अजमेर को स्मार्ट सिटी भी बनाएंगे और कानूनों के अंतर्गत सभी लोगों को राहत प्रदान करेंगे। साथ ही निश्चित रूप से विश्व पटल पर अपना स्थान रखने वाले शहर अजमेर को दुनियभर में एक स्वच्छ शहर के रूप में स्थापित करेंगे।
महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि विदेशों में नगर निगम के पास ही बिजली, पानी, कानून व्यवस्था, संचार, सड़क, शिक्षा आदि के अधिकार होते हैं। ऐसे में वहां का मेयर योजना के मुताबिक कार्यक्रमों की क्रियान्विति करता है, लेकिन वहीं अजमेर में तो सफाई के अलावा निगम के पास कोई कार्य है ही नहीं।
महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि हमारे शहर अजमेर की आबादी 6 लाख है और निगम के पास ठेका पद्धति से 1300 सफाईकर्मी हैं। अक्सर पत्रकारों के सवालों का जवाब देने वाले महापौर ने पत्रकारों के समक्ष ही सवाल रख दिया। मेयर ने पत्रकारों के समक्ष सवाल रखा कि 6 लाख लोगों द्वारा फेंके गए कचरे को 1300 कर्मचारी कैसे साफ कर सकते हैं?
उन्होंने कहा कि, यह कहना बहुत आसान है कि शहरभर में गंदगी है, लेकिन में पूछना चाहता हूं कि इस गन्दगी के लिए जिम्मेदार कौन है? गली-मोहल्लाा, बाजार साफ रहें, क्या इसकी जिम्मेदारी आम नागरिक की नहीं है? गहलोत ने कहा कि अगले कुछ ही दिनों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का काम शुरू हो जाएगा।
गहलोत ने बताया कि हेरिटेज सिटी की योजना के अंतर्गत 40 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए है। इसके अंतर्गत नया बाजार के अकबर का किला से लेकर गोल प्याऊ चौपड़, घी मंडी होते हुए जैन मंदिरों तक एक हेरिटेज वॉक-वे बनाना है। वॉक-वे भी ऐसा कि देशी-विदेशी पर्यटक सुगमता के साथ चल सकें और जगह-जगह आरामदायक बेंच लगी हो।
गहलोत ने पूछा कि अजमेर में कोई व्यक्ति है जो भीड़ वाले नया बाजार क्षेत्र में हेरिटेज वॉक-वे का निर्माण करवा सके। बाजार के दुकानदार अपनी दुकानों के आगे दस-दस फिट अतिक्रमण कर लेते हैं। ऐसे में वॉक-वे कैसे बनेगा? उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि कुछ लोग विदेशों की नकल कर योजना तो बना देते हैं, लेकिन अजमेर जैसे शहर की भौगौलिक स्थिति को नहीं देखते।
उन्होंने कहा कि मेयर का पद संभालने के बाद से उनके सामने कई प्रकार की चुनौतियां हैं, जिन्हे दूर करने के लिए वे अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं, लेकिन शहर में सभी व्यवस्थाएं तभी बरकरार रह सकती है, जब इसमें शहरवासियों का भी पूरा सहयोग हो।
उन्होंने विश्वास जताया कि यदि शहरवासियों ने सहयोग किया तो अजमेर को स्मार्ट सिटी भी बनाएंगे और कानूनों के अंतर्गत सभी लोगों को राहत प्रदान करेंगे। साथ ही निश्चित रूप से विश्व पटल पर अपना स्थान रखने वाले शहर अजमेर को दुनियभर में एक स्वच्छ शहर के रूप में स्थापित करेंगे।