जयपुर नगर निगम ने किए लाइसेंस नियमों में बदलाव

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जयपुर। जयपुर नगर निगम की ओर से लाइसेंस देने के नियमों में बदलाव किए गए हैं, जिनके तहत अब शहर में विभिन्न प्रकार की सेवाओं से जुड़े कार्यों के सेंटर लेने के लिए अब नगर निगम से लाइसेंस लेना जरूरी होगा।

इन सेवाओं में ब्यूटीपार्लर, सैलून, हेल्थ क्लब, स्पा सेंटर, अस्पताल, डायगनोस्टिक सेंटर सहित एक दर्जन से अधिक सेंटर्स शामिल होंगे। निगम की ओर से किए गए इन बदलावों को जल्द ही लागू किया जाएगा।

कमजोर आर्थिक स्थिती से निपटने के लिए नगर निगम ने अब लाइसेंस प्रक्रिया में बदलाव किए हैं। इसके तहत जेएमसी एक दर्जन से अधिक सेवाओं और सेंटर्स को लाइसेंसिंग के दायरे में लाने की तैयारी कर रहा है, जिससे जेएमसी को इनकम हो और सेवाओं और सेंटर्स को रेगुलेट किया जा सके।

इसके अतिरिक्त जयपुर नगर निगम कानून बनाकर इन सब सेंटर्स को लाइसेंसिंग के दायरे में लाएगा। जेएमसी की बायलॉज कमेटी ने इस सबंध में बायलॉज बनाना शुरू कर दिया है। आगामी कुछ महीनों में बायलॉज बना कर शहर में लागू किया जाएगा।

गौरतलब है कि महापौर निर्मल नाहटा ने पिछले दिनों में निर्देश दिए थे कि शहर में चल रहे ब्यूटीपार्लर, स्पा सेंटर, हेल्थ क्लब, जिम, सैलून, अस्पताल, कोचिंग सेंटर, पीजी हॉस्टल्स, टयूशन सेंटर, डायगनोस्टिक सेंटर, लैब आदि के लिए जेएमसी से लाइसेंस लेना अनिवार्य किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि अशोक परनामी के मेयर के कार्यकाल के दौरान इन सेंटर्स के लिए बॉयलॉज बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन उस समय बॉयलॉज तैयार नहीं हो पाए। ऐसे में अब जयपुर नगर निगम ने फिर से बॉयलॉज बनाने की प्रक्रिया शुरू की है।

बायलॉज कमेटी के चेयरमेन एवं डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज के अनुसार कमेटी ब्यूटीपार्लर, कोचिंग सेंटर, स्पा, सैलून, अस्पताल, डायगनोस्टिक सेंटर आदि के लिए बॉयलॉज बना रही है। बायलाज बनाने के बाद उन्हें स्वीकृति के लिए जेएमसी की जनरल बॉडी की मीटिंग में रखा जाएगा। जनरल बॉडी की मीटिंग में स्वीकृत होने के बाद बायलॉज का लागू किया जाएगा। बायलॉज बनने के बाद जऐमसी इन सेंटर्स को लाइसेंस जारी करेगा।

यू होगी इनकम

इन सेंटर्स के लिए जऐमसी की ओर से जारी किया जाने वाला लाइसेंस लेना जरूरी होगा और जिन सेंटर्स पर लाइसेंस नहीं लिया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगा, जिससे जेएमसी को इनकम भी होगी और सेंटर्स के लिए एक कानून तैयार हो जाएगा। इसके बाद ये सेंटर्स हर जगह नहीं खोले जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक सेंटर के लिए भी उचित मापदंड तैयार किए जाएंगे।

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