अजमेर जिला एवं सम्पूर्ण राजस्थान को सामूहिक प्रयासों से अकाल मुक्त बनाएंगे

अजमेर। जिले के प्रभारी मंत्री एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने जिले के सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे प्रशासन और...

अजमेर। जिले के प्रभारी मंत्री एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने जिले के सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे प्रशासन और आमजन के साथ एक जुट होकर कार्य कर “मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना“ का प्रभावी क्रियान्वयन करें और अजमेर जिले सहित सम्पूर्ण राजस्थान को अकाल मुक्त बनाने का संकल्प लें।

प्रभारी मंत्री प्रो. देवनानी आज सायंकाल जिला परिषद सभागार में आयोजित “मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना“ की जिला स्तरीय बैठक में समीक्षा कर रहे थे।  बैठक में जिला प्रमुख वंदना नोगिया, विधायक भागीरथ चौधरी, सुरेश सिंह रावत, जिले के प्रभारी सचिव एवं ग्रामीण विकास व पंचायतराज विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री श्रीमत पाण्डे, जिला कलक्टर डाॅ. आरूषि मलिक सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद थे।

प्रो. देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के प्रयासों को हमें सब मिलकर पूरा करना है कि राजस्थान में जल का संचय व जल संरक्षण करके पानी के अभाव से राज्य को मुक्त करना है।  सम्पूर्ण राजस्थान में इसके लिए जन आंदोलन और जन चेतना चलाकर ही इस अभियान को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अजमेर जिले को इसमें अग्रणी बनकर पहल करनी होगी। जिले के सभी नागरिक, जनप्रतिनिधि, विभिन्न ट्रस्ट, सामाजिक व अन्य संस्थाएं, संस्थान और भामाशाह मिलकर इस अभियान को अपनाएं और अजमेर जिले को ऐसे माॅडल के रूप में तैयार करें कि यहां वर्षा के पानी को रोककर उसका संचय कर सके जिससे जल स्तर भी बढे़गा और हमारी आवश्यकताओं की भी पूर्ति होगी। उन्होंने प्रत्येक नागरिक से जल के महत्व को समझने और इसके अपव्यय को रोकने का अनुरोध भी किया।

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि “मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना“ का शुभारम्भ आगामी 27 जनवरी 2016 को होगा जिसका प्रथम चरण जून तक चलेगा इसमें राजस्थान के 3400 गांव को जोड़ा गया है। अगले चरण में 21 हजार से अधिक गांवों को जोड़ा जाएगा।

जिले के प्रभारी सचिव पाण्डे ने कहा कि प्रथम चरण में अजमेर जिले की 43 ग्राम पंचायत के 108 गांवों में इस अभियान को चलाया जाएगा। उन्होंने सभी से पानी के मामले में गंभीरता रखते हुए इसके सदुपयोग के बारे में बताया और महाराष्ट्र में किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सामुहिक रूप से मिलजुल कर ही इस अभियान को सफल बनाना है।

जिला कलक्टर डाॅ. आरुषि मलिक ने बताया कि इस अभियान के लिए पूरे जिले में कार्यशाला आयोजित कर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी गई। प्रथम चरण में जिन 43 ग्राम पंचायतों को जोड़ा गया है। उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उन्होंने जिले में सम्पूर्ण स्वच्छता आंदोलन के तहत खुले में शौच मुक्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान में जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए जा रहे सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया और जिले की सभी ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त बनाने के अभियान को और तेज करने में सहयोग देने की अपील की। इस अभियान में अजमेर जिला राजस्थान में सबसे अग्रणी है।

जिला प्रमुख नोगिया ने “मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना“ को अजमेर जिले में लहर के रूप में चलने का सभी से आव्हान किया।

किशनगढ़ के विधायक भागीरथ चौधरी ने सभी जनप्रतिनिधियों सेे एक साथ मिलकर अपने-अपने क्षेत्र को इस योजना के साथ जल स्वावलम्बी बनाने का अनुरोध किया।

पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पानी की समस्या समझना चाहिए और पानी की महत्वता को देखते हुए इसके दुरूपयोग को रोकना होगा। इसके लिए जन चेतना जरूरी है।

बी.पी. सारस्वत ने कहा कि यह अभियान सामूहिक कार्य है जो जन आंदोलन के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी  राजेश चौहान ने बताया कि इस अभियान के लिए ब्लाॅक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।  9 दिसम्बर को विशेष ग्राम सभा आयोजित हुई तथा आगामी 23 दिसम्बर को भी सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा आयोजित होगी। इसमें प्रत्येक गांव के लिए डीपीआर बनाने के संबंध में चर्चा होगी।
बैठक में उपजिला प्रमुख सहित विभिन्न पंचायत समितियों के प्रधान, विभिन्न चयनित 43 ग्राम पंचायतों के सरपंचों सहित सभी जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद थे। 
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