अशोक परनामी ने फिर थामी प्रदेश भाजपा की कमान
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/12/ashok-parnami-became-state-bjp-president-again.html
जयपुर। प्रदेश में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की कमान एक बार फिर से अशोक परनामी ने थामी है। इससे पहले भी परनामी 12 फरवरी 2014 को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए थे। कल शाम को नामांकन की औपारिकता के बाद आज सुबह 11 बजे परनामी के नाम का औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया। प्रदेशाध्यक्ष के लिए परनामी के नाम की घोषणा किए जाने के साथ ही भाजपा मुख्यालय में मौजूद कार्यकर्ताओं ने जिंदाबाद के नारे लगाकर परनामी का स्वागत किया।
आज सुबह से ही भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ था। इस बीच मुख्यमंत्री राजे के आगमन के साथ ही पर्यवेक्षक और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने घोषणा की प्रक्रिया शुरू की। घोषणा के बाद उत्साहित कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की एवं मिठाइयां बांटी। घोषणा के बाद परनामी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, रामदास अग्रवाल, गुलाबचंद कटारिया के साथ मिलकर भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किए। इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेशाण्यक्ष परनामी का स्वागम किया गया। यहां से परनामी मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पहुंचे, जहां उन्होंने गणेश जी की पूजा-अर्चना की एवं प्रदेश के उज्जवल भविष्य की कामना की।
गौरतलब है कि भाजपा में पिछले दिनों जिला और मंडलों के चुनाव हुए थे। इन चुनावों में आम राय से ही सभी का निर्वाचन हुआ था। इसके बाद से ही तय माना जा रहा था कि परनामी को ही पार्टी एक बार फिर प्रदेश की कमान सौंपेंगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और संघ के भीे परनामी के नाम पर सहमति जता देने के बाद से ही परनामी की फिर ताजपोशी की संभावना बढ़ गई थी। अंतिम प्रक्रिया के तहत सोमवार शाम को यहां अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरे गए थे।
जानकार सूत्रों के अनुसार प्रदेश भाजपा में वसुंधरा विरोधी खेमा परनामी के खिलाफ ज्यादा मुखर नहीं हो पाया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि परनामी अध्यक्ष नहीं बनते तो फिर उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलता। अध्यक्ष के लिए पार्टी कई अन्य नेताओं के नामों पर भी विचार कर रही थी। इनमें सांसद ओम बिरला और नारायण पंचारिया की दावेदारी उभरी थी। इसके अलावा वरिष्ठ मंत्री कालीचरण सराफ भी दौड़ में शामिल थे।
आज सुबह से ही भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ था। इस बीच मुख्यमंत्री राजे के आगमन के साथ ही पर्यवेक्षक और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने घोषणा की प्रक्रिया शुरू की। घोषणा के बाद उत्साहित कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की एवं मिठाइयां बांटी। घोषणा के बाद परनामी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, रामदास अग्रवाल, गुलाबचंद कटारिया के साथ मिलकर भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किए। इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेशाण्यक्ष परनामी का स्वागम किया गया। यहां से परनामी मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पहुंचे, जहां उन्होंने गणेश जी की पूजा-अर्चना की एवं प्रदेश के उज्जवल भविष्य की कामना की।
गौरतलब है कि भाजपा में पिछले दिनों जिला और मंडलों के चुनाव हुए थे। इन चुनावों में आम राय से ही सभी का निर्वाचन हुआ था। इसके बाद से ही तय माना जा रहा था कि परनामी को ही पार्टी एक बार फिर प्रदेश की कमान सौंपेंगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और संघ के भीे परनामी के नाम पर सहमति जता देने के बाद से ही परनामी की फिर ताजपोशी की संभावना बढ़ गई थी। अंतिम प्रक्रिया के तहत सोमवार शाम को यहां अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरे गए थे।
जानकार सूत्रों के अनुसार प्रदेश भाजपा में वसुंधरा विरोधी खेमा परनामी के खिलाफ ज्यादा मुखर नहीं हो पाया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि परनामी अध्यक्ष नहीं बनते तो फिर उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलता। अध्यक्ष के लिए पार्टी कई अन्य नेताओं के नामों पर भी विचार कर रही थी। इनमें सांसद ओम बिरला और नारायण पंचारिया की दावेदारी उभरी थी। इसके अलावा वरिष्ठ मंत्री कालीचरण सराफ भी दौड़ में शामिल थे।