रिसर्जेंट राजस्थान में राजस्थान की नई 'एमएसएमई पॉलिसी 2015 हुई लॉन्च
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/11/kalraj-mishra-launches-msme-policy-2015-in-resurgent-rajasthan-summit.html
जयपुर। राजधानी जयपुर के सीतापुरा के जेईसीसी में कल से शुरू हुई ग्लोबल इन्वेस्टर मीट 'रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट' के तहत कल साइन हुए कई एमओयू के बाद आज समिट के अन्तिम दिन माइक्रो, स्माल और मीडियम एंटरप्राइज (एमएसएमई) कांक्लेव का आयोजन किया गया। कांक्लेव की अध्यक्षता केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने की। समिट में आज के कार्यक्रम में राजस्थान की नई 'एमएसएमई पॉलिसी 2015' भी लांच की गई है। समिट में आज सोमानी सेरेमिक और जेके टायर जैसी कंपनियों ने हिस्सा लिया।
समिट अन्तिम दिन आज 'एमएसएमई - ग्राम्थ इंजन फॉर मेक इन इंडिया' विषय पर सम्भावनाएं एवं चुनौतियों को लेकर के आयोजित किए जा रहे सत्र में राजस्थान सरकार के इंडस्ट्रीज कमिश्नर अभय कुमार ने स्वागत एवं परिचय उद्बोधन में सभी उद्योगपतियों का स्वागत किया एवं एमएसएमई को लेकर अपने विचार व्यक्त किया। इसके बाद केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र द्वारा राजस्थान की नई 'एमएसएमई पॉलिसी 2015' लांच की गई। इस पॉलिसी के तहत राज्य की एमएसएमई काउंसिल को मजबूत करना, एमएसएमई क्लस्टर का डेवलपमेंट और स्टार्ट अप की मदद करना है।
गौरतलब है कि अभी राजस्थान में 90 फीसदी इंडस्ट्री एमएसएमई की केटेगरी में आती है। इससे करीब 18.7 लाख लोग जुड़े हुए हैं। राजस्थान में एग्रीकल्चर के बाद एमएसएमई सेक्टर में सबसे अधिक नौकरियां हैं। इसलिए राज्य सरकार एमएसएमई सेक्टर में निवेश बढ़ाने के लिए काम कर रही है। एमएसएमई सेक्टर में करीब देशभर में 361.76 लाख यूनिट है। इसमें से सिर्फ 40 फीसदी एक्सपोर्ट और 8 फीसदी जीडीपी में सहयोग करती है। राज्य में जेम्स एंड ज्वैलरी, टेक्सटाइल और गारमेंट, हैंडीक्राफ्ट, ऑटोमोबाइल और कॉर्पोरेट से जुड़ी एमएसएमई यूनिट अधिक है। इसके बाद राजस्थान सरकार के एमएसएमई इंडस्ट्रीज के प्रिंसिपल सेके्रटरी राजीव स्वरूप ने एमएसएमई पॉलिसी 2015 के बिन्दुओं को प्रस्तुत किया।
एमएसएमई पॉलिसी लॉन्च किए जाने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस खुशी जताते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि राजस्थान की नई 'एमएसएमई पॉलिसी 2015Ó के तहत राज्य की एमएसएमई काउंसिल को मजबूत करने में मदद मिलेगी और यह एमएसएमई क्लस्टर के डेवलपमेंट और स्टार्ट अप में भी काफी फायदेमंद साबित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एमएसएमई सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए काम रही है और इस दिशा में यह पॉलिसी काफी कामगार साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान हमेशा से उद्यमिता में देश का सिरमौर रहा है और अब यह भारत की स्टार्टअप और नवाचारों की राजधानी बनेगा। हमने इसके लिये निवेश और विकास का बेहतरीन माहौल तैयार कर लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दूरदृृष्टि और विकास के लिये दीर्घकालीन रणनीति पर काम कर रही है। राजस्थान विकास को गति देने के लिये स्टार्टअप पॉलिसी लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। साथ ही हमने इंफ्रास्ट्रक्चर, श्रम, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और पेयजल के क्षेत्रों में क्रांतिकारी सुधार लागू किये हैं, जिससे राजस्थान वल्र्ड बैंक की रैंकिंग में छठा स्थान तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में निवेश के लिये उपयुक्त राज्यों की श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल हुआ है।
वहीं एमएसएमई कांक्लेव की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान की नई 'एमएसएमई पॉलिसी 2015' से प्रदेश में लघु एवं मंझले उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा एवं प्रदेश में बेहतर निवेश का माहौल बन सकेगा। सत्र के आखिर में राजस्थान सरकार में इंडस्टी मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींमसर ने सभी अतिथियों एवं उद्योगपतियों का आभार व्यक्त किया।
समिट अन्तिम दिन आज 'एमएसएमई - ग्राम्थ इंजन फॉर मेक इन इंडिया' विषय पर सम्भावनाएं एवं चुनौतियों को लेकर के आयोजित किए जा रहे सत्र में राजस्थान सरकार के इंडस्ट्रीज कमिश्नर अभय कुमार ने स्वागत एवं परिचय उद्बोधन में सभी उद्योगपतियों का स्वागत किया एवं एमएसएमई को लेकर अपने विचार व्यक्त किया। इसके बाद केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र द्वारा राजस्थान की नई 'एमएसएमई पॉलिसी 2015' लांच की गई। इस पॉलिसी के तहत राज्य की एमएसएमई काउंसिल को मजबूत करना, एमएसएमई क्लस्टर का डेवलपमेंट और स्टार्ट अप की मदद करना है।
गौरतलब है कि अभी राजस्थान में 90 फीसदी इंडस्ट्री एमएसएमई की केटेगरी में आती है। इससे करीब 18.7 लाख लोग जुड़े हुए हैं। राजस्थान में एग्रीकल्चर के बाद एमएसएमई सेक्टर में सबसे अधिक नौकरियां हैं। इसलिए राज्य सरकार एमएसएमई सेक्टर में निवेश बढ़ाने के लिए काम कर रही है। एमएसएमई सेक्टर में करीब देशभर में 361.76 लाख यूनिट है। इसमें से सिर्फ 40 फीसदी एक्सपोर्ट और 8 फीसदी जीडीपी में सहयोग करती है। राज्य में जेम्स एंड ज्वैलरी, टेक्सटाइल और गारमेंट, हैंडीक्राफ्ट, ऑटोमोबाइल और कॉर्पोरेट से जुड़ी एमएसएमई यूनिट अधिक है। इसके बाद राजस्थान सरकार के एमएसएमई इंडस्ट्रीज के प्रिंसिपल सेके्रटरी राजीव स्वरूप ने एमएसएमई पॉलिसी 2015 के बिन्दुओं को प्रस्तुत किया।
एमएसएमई पॉलिसी लॉन्च किए जाने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस खुशी जताते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि राजस्थान की नई 'एमएसएमई पॉलिसी 2015Ó के तहत राज्य की एमएसएमई काउंसिल को मजबूत करने में मदद मिलेगी और यह एमएसएमई क्लस्टर के डेवलपमेंट और स्टार्ट अप में भी काफी फायदेमंद साबित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एमएसएमई सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए काम रही है और इस दिशा में यह पॉलिसी काफी कामगार साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान हमेशा से उद्यमिता में देश का सिरमौर रहा है और अब यह भारत की स्टार्टअप और नवाचारों की राजधानी बनेगा। हमने इसके लिये निवेश और विकास का बेहतरीन माहौल तैयार कर लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दूरदृृष्टि और विकास के लिये दीर्घकालीन रणनीति पर काम कर रही है। राजस्थान विकास को गति देने के लिये स्टार्टअप पॉलिसी लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। साथ ही हमने इंफ्रास्ट्रक्चर, श्रम, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और पेयजल के क्षेत्रों में क्रांतिकारी सुधार लागू किये हैं, जिससे राजस्थान वल्र्ड बैंक की रैंकिंग में छठा स्थान तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में निवेश के लिये उपयुक्त राज्यों की श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल हुआ है।
वहीं एमएसएमई कांक्लेव की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान की नई 'एमएसएमई पॉलिसी 2015' से प्रदेश में लघु एवं मंझले उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा एवं प्रदेश में बेहतर निवेश का माहौल बन सकेगा। सत्र के आखिर में राजस्थान सरकार में इंडस्टी मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींमसर ने सभी अतिथियों एवं उद्योगपतियों का आभार व्यक्त किया।