चाँद पर बसने वाला पहला मानव सिंधी भाषी : देवनानी
प्रो. देवनानी ने शनिवार को सिंधु सहित्य ऐं कल्चरल सोसाइटी तथा सतगुरू एड्ज्यूकेशन एण्ड चेरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में विद्यार्थियों का उत्सावर्द्धन करते हुए यह बात कही। उन्होंने अपने उद्धबोधन में राष्ट्रपति अब्बदुल कलाम के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए विद्यार्थियो का आव्हान करते हुए कहा कि रात में देखे गए सपने सच हो या नहीं हो दिन में खुली आंखों से देखे सपने मेहनत के द्वारा सच किए जा सकते है। राज्य सरकार कलाम के जन्म दिन को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाने जा रही है।
उन्होंने कहा कि सिंधु सम्यता विश्व की पुरातन, सर्वश्रेष्ठ तथा सबको आत्मसात करने वाली संस्कृति है। पवित्रा सिंधु नदी के किनारे वेदों की रचना हुई है। सिंधु सभ्यता ने विश्व को संतों और फरिश्तों की एक लम्बी श्रृंख्ला दी है। उन्होंने कहा कि सिंधु सभ्यता और साहित्य के विकास के लिए अवश्यक है कि परिवार में सिंधी भाषा का इस्तेमाल किया जाए तथा इससे नई पीढ़ी को रूबरू कराया जाए। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित अभिभावकों का आव्हान किया कि अपने बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा दिलाने की व्यवस्था करें।
भारतीय राजस्व सेवा के अन्तर्गत मुम्बई में कार्यरत केन्द्रीय एक्साईज कमीशनर सुरेश किशनानी ने व्यापार और प्रशासनीक सेवाओं की विस्तार पूर्वक तुलना की और बताया कि समाज की सेवा प्रशासनीक सेवाओं के माध्यम से बेहतर तरीके से की जा सकती है। इससे मानवीय संवेदनाओं के साथ सीधे स्पर्श होने का अवसर प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि संस्कृति के अस्तित्व में ही अपना अस्तित्व निहीत है इस अवसर पर प्रेम प्रकाश आश्रम के संत साँई ओम प्रकाश ने कहा कि समाज और संस्कृति को जीवित रखने के लिए विचार आवश्यक है। विचार के लिए साहित्य आवश्यक है और साहित्य को जीवित रखने के लिए भाषा की मूल आवश्यकता है।
प्रतिभा सम्मान समारोह में उच्च अंक अर्जित करने वाले 112 विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्रा देकर सम्मानित किया गया। जिनमें से 15 अधिस्नात्तक, 34 स्नात्तक, 12 तकनीकी तथा शेष ने अन्य स्तरों पर अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सिंधु साहित्य ऐं कल्चरल सोसाइटी के अध्यक्ष सुरेश बबलानी तथा सतगुरू एज्यूकेशन एण्ड चेरिटेबल ट्रस्ट के राजा ठारवानी भी उपस्थित थे।