महज कागजी साबित हो रही डेंगू रोकथाम के लिए फॉगिंग की कार्रवाई
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/09/fogging-for-prevention-tha-dengue-is-proving-documentation.html
जयपुर। प्रदेश में बढ़ते हुए डेंगू और स्वाइन फ्लू के प्रकोप के चलते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा स्वास्थ्य महकमे में खास सतर्कता बरतने के लिए दिए गए निर्देशों के बावजूद स्वास्थ्य महकमे में इसका खास असर नजर नहीं आ रहा है और विभाग की ओर से डेंगू के बढ़ते हुए प्रकोप को रोकने के लिए की जाने वाली कवायद महज कागजी साबित हो रही है।
डेंगू के मरीजों की बढ़ती हुई तादाद के बीच प्रदेशभर में के 20 नए मामले सामने आए हैं, इनमे से अकेले कोटा में 18 नए मामले मिले हैं। इसके बाद अब डेंगू रोगियों की संख्या बढ़कर करीब 470 के पास जा पहुंची है। वहीं स्वाइन-फ्लू फैलने का खतरा भी मंडराने लगा है। सूत्रों की माने तो इस आंकड़े में निजी अस्पतालों के पूरे आंकड़े शामिल नहीं है। ऐसे में डेगू से ग्रसित रोगियों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है।
वहीँ दूसरी ओर, प्रदेश में बढ़ते हुए डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ की और से स्वास्थ्य महकमे को दिए गए निर्देशों के तहत फॉगिंग एवं डेंगू प्रभावित मरीज के आस-पास के 50 घरों में स्प्रे किए जाने कवायद शहर में कई स्थानों पर दिखाई ही नहीं दे रही है।
डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से भले ही सतत मॉनिटरिंग और फोगिंग की बात कही जा रही हो, लेकिन अभी तक विभाग की ओर से यह फॉगिंग शहर में कहां करवाई जा रही है, इसका कोई खासा उदहारण कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। मुख्यतः अधिकारी भी वीआईपी एरिया और बड़े अफसरों के बंगलों के आसपास फॉगिंग कर जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं।
विभाग की ओर से किए जा रहे फोगिंग के दावे के बावजूद शहर की कई ऐसी कॉलोनियां हैं, जहाँ अभी तक फॉगिंग की कार्रवाई नहीं की गई है। उन इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में फॉगिंग करने वाली टीम अभी तक नहीं आई है।
डेंगू के मरीजों की बढ़ती हुई तादाद के बीच प्रदेशभर में के 20 नए मामले सामने आए हैं, इनमे से अकेले कोटा में 18 नए मामले मिले हैं। इसके बाद अब डेंगू रोगियों की संख्या बढ़कर करीब 470 के पास जा पहुंची है। वहीं स्वाइन-फ्लू फैलने का खतरा भी मंडराने लगा है। सूत्रों की माने तो इस आंकड़े में निजी अस्पतालों के पूरे आंकड़े शामिल नहीं है। ऐसे में डेगू से ग्रसित रोगियों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है।
वहीँ दूसरी ओर, प्रदेश में बढ़ते हुए डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ की और से स्वास्थ्य महकमे को दिए गए निर्देशों के तहत फॉगिंग एवं डेंगू प्रभावित मरीज के आस-पास के 50 घरों में स्प्रे किए जाने कवायद शहर में कई स्थानों पर दिखाई ही नहीं दे रही है।
डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से भले ही सतत मॉनिटरिंग और फोगिंग की बात कही जा रही हो, लेकिन अभी तक विभाग की ओर से यह फॉगिंग शहर में कहां करवाई जा रही है, इसका कोई खासा उदहारण कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। मुख्यतः अधिकारी भी वीआईपी एरिया और बड़े अफसरों के बंगलों के आसपास फॉगिंग कर जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं।
विभाग की ओर से किए जा रहे फोगिंग के दावे के बावजूद शहर की कई ऐसी कॉलोनियां हैं, जहाँ अभी तक फॉगिंग की कार्रवाई नहीं की गई है। उन इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में फॉगिंग करने वाली टीम अभी तक नहीं आई है।