जिले को खुले में शौच से मुक्त करेंगे : डॉ आरुषि मलिक
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अजमेर। जिला कलक्टर डाॅ. आरूषि मलिक ने कहा कि जिले को खुले में शौच से मुक्त करने हेतु संकल्पबद्ध होकर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे वांछित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जिले में आगामी 2 अक्टूबर तक 75 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से पूर्णतया मुक्त करने के लक्ष्य को समन्वित प्रयास से प्राप्त किया जाएगा।
डाॅ. मलिक आज जिला कलेक्टरेट सभागार में आयोजित राजस्व अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रही थी । उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने हेतु समन्वित प्रयास किए गए है, जिसके परिणामस्वरूप 12 ग्राम पंचायतें पूर्णतया खुले में शौच से मुक्त हो चुकी है। इसी क्रम में आगामी 2 अक्टूबर तक जिले की 75 ग्राम पंचायतों को पूर्णतया खुले में शौच से मुक्त करने हेतु उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं विकास अधिकारी एक्शन प्लान बनाकर एकजुट होकर समन्वित प्रयास करेंगेे तो वांछित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि जिले में वर्ष 2015-16 में 52 हजार शौचालयों का निर्माण का लक्ष्य है जिसके तहत अब तक 41 हजार 135 शौचालयों का निर्माण किया गया है। जिले को खुले में शौच से मुक्त करने हेतु कार्य की गति को बढाने एवं स्थानीय सरपंच, वार्डपंच के सहयोग से मौहल्ला स्तर पर टीम बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे वांछित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकेगा। कलक्टर डाॅ मलिक ने उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदार व विकास अधिकारियों से ग्राम पंचायतों में निर्मित शौचालयों की जानकारी ली एवं सुझाव भी आमंत्रित किए।
बैठक में स्वच्छ भारत मिशन की संकल्पना पर कार्य कर रहे जागृति फाउन्डेशन के प्रतिनिधि ने स्लाईड प्रजेन्टेशन के माध्यम से पुष्कर के होलिका चैक को कचरा मुक्त करने हेतु किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुष्कर में फिनलैंड से मंगाए गए आधुनिक कचरा पात्रा में कचरा संग्रहण किया जा रहा है, जिससे कचरा सडक पर नही फैलता है एवं कचरा पात्रा के समीप आवारा पशुओं का जमावडा भी नही होता है। कलक्टर डाॅ. मलिक ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को किसी भी एक ग्राम पंचायत में कार्पोरेट सामाजिक सहभागिता के आधार पर उक्त कचरा पात्रा लगवाकर नवीन पहल करने की बात कही, जिससे जिले को खुले में शौच से मुक्त करने के साथ स्वच्छता के उच्च मापदंड भी स्थापित किए जा सके।
उन्होंने राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज उपखण्ड स्तरीय शिकायतों के निस्तारण हेतु की गई कार्यवाही का क्रास वेरिफिकेशन करने हेतु संबंधित उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिस भी समस्या का निराकरण किया जाए उससे संबंधित फोटोग्राफ को भी वेबसाइट पर अपलोड करवा सकते है। इस अवसर पर भदूण सबसेन्टर पर डाक्टर नही आने, जालिया पीएचसी चार दिनों से बन्द रहने, बांदरसिन्दरी में अध्यापक के राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त रहने, केकडी व धून्धरी में विद्यालयों में तालाबन्दी, रूपनगढ में अध्यापकों की कमी, किशनगढ के रलावता, भिनाय, टाॅटगढ व सरवाड में पेयजल आपूर्ति में बाधा, गगवाना व लोसल में अवैध कनेक्शन, अवैध खनन एवं बिजली के ढीले तारों आदि समस्याओं की जानकारी तहसीलदार व उपखण्ड अधिकारियों द्वारा दी गई। जिस पर कलक्टर डाॅ. मलिक ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
कलक्टर डाॅ मलिक ने इस अवसर पर भामाशाह वेबपोर्टल पर आंकडों की फीडिंग, अभिनव पहल योजना के तहत सरकारी भवनों में पौधारोपण, निर्मल ग्राम पंचायत पुरस्कार, राजस्व न्यायालयों में दर्ज व निस्तारित प्रकरणों की समीक्षा, अवैध खनन की रोकथाम, पीडीआर व रोडा एक्ट के तहत वसूली, पेंशन प्रकरणों की स्थिति, राजस्थान सम्पर्क व ई-सुगम पोर्टल पर लंबित प्रकरण, मुख्यमंत्राी कार्यालय से प्राप्त प्रकरणों की समीक्षा आदि के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने चारागाह, श्मशान भूमि पर अतिक्रमण, धारा 183 बी, 90 व 90 ए के प्रकरणों को दर्ज कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर नामान्तरकरण के प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा, पीडीआर व रोडा एक्ट के प्रकरणों में वसूली, लंबित पैंशन प्रकरण, वेतन स्थरीकरण के प्रकरण की भी समीक्षा की।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार चैहान ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर खाद्यान्न भण्डार गृह का निर्माण करवाने की देते हुए सडक किनारे पौधारोपण, विद्यालयों में चारदीवारी के निर्माण एवं कन्वर्जेंस के कार्याें की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर किशोर कुमार, हरफूल सिंह यादव, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी समेत कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
डाॅ. मलिक आज जिला कलेक्टरेट सभागार में आयोजित राजस्व अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रही थी । उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने हेतु समन्वित प्रयास किए गए है, जिसके परिणामस्वरूप 12 ग्राम पंचायतें पूर्णतया खुले में शौच से मुक्त हो चुकी है। इसी क्रम में आगामी 2 अक्टूबर तक जिले की 75 ग्राम पंचायतों को पूर्णतया खुले में शौच से मुक्त करने हेतु उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं विकास अधिकारी एक्शन प्लान बनाकर एकजुट होकर समन्वित प्रयास करेंगेे तो वांछित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि जिले में वर्ष 2015-16 में 52 हजार शौचालयों का निर्माण का लक्ष्य है जिसके तहत अब तक 41 हजार 135 शौचालयों का निर्माण किया गया है। जिले को खुले में शौच से मुक्त करने हेतु कार्य की गति को बढाने एवं स्थानीय सरपंच, वार्डपंच के सहयोग से मौहल्ला स्तर पर टीम बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे वांछित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकेगा। कलक्टर डाॅ मलिक ने उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदार व विकास अधिकारियों से ग्राम पंचायतों में निर्मित शौचालयों की जानकारी ली एवं सुझाव भी आमंत्रित किए।
बैठक में स्वच्छ भारत मिशन की संकल्पना पर कार्य कर रहे जागृति फाउन्डेशन के प्रतिनिधि ने स्लाईड प्रजेन्टेशन के माध्यम से पुष्कर के होलिका चैक को कचरा मुक्त करने हेतु किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुष्कर में फिनलैंड से मंगाए गए आधुनिक कचरा पात्रा में कचरा संग्रहण किया जा रहा है, जिससे कचरा सडक पर नही फैलता है एवं कचरा पात्रा के समीप आवारा पशुओं का जमावडा भी नही होता है। कलक्टर डाॅ. मलिक ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को किसी भी एक ग्राम पंचायत में कार्पोरेट सामाजिक सहभागिता के आधार पर उक्त कचरा पात्रा लगवाकर नवीन पहल करने की बात कही, जिससे जिले को खुले में शौच से मुक्त करने के साथ स्वच्छता के उच्च मापदंड भी स्थापित किए जा सके।
उन्होंने राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज उपखण्ड स्तरीय शिकायतों के निस्तारण हेतु की गई कार्यवाही का क्रास वेरिफिकेशन करने हेतु संबंधित उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिस भी समस्या का निराकरण किया जाए उससे संबंधित फोटोग्राफ को भी वेबसाइट पर अपलोड करवा सकते है। इस अवसर पर भदूण सबसेन्टर पर डाक्टर नही आने, जालिया पीएचसी चार दिनों से बन्द रहने, बांदरसिन्दरी में अध्यापक के राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त रहने, केकडी व धून्धरी में विद्यालयों में तालाबन्दी, रूपनगढ में अध्यापकों की कमी, किशनगढ के रलावता, भिनाय, टाॅटगढ व सरवाड में पेयजल आपूर्ति में बाधा, गगवाना व लोसल में अवैध कनेक्शन, अवैध खनन एवं बिजली के ढीले तारों आदि समस्याओं की जानकारी तहसीलदार व उपखण्ड अधिकारियों द्वारा दी गई। जिस पर कलक्टर डाॅ. मलिक ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
कलक्टर डाॅ मलिक ने इस अवसर पर भामाशाह वेबपोर्टल पर आंकडों की फीडिंग, अभिनव पहल योजना के तहत सरकारी भवनों में पौधारोपण, निर्मल ग्राम पंचायत पुरस्कार, राजस्व न्यायालयों में दर्ज व निस्तारित प्रकरणों की समीक्षा, अवैध खनन की रोकथाम, पीडीआर व रोडा एक्ट के तहत वसूली, पेंशन प्रकरणों की स्थिति, राजस्थान सम्पर्क व ई-सुगम पोर्टल पर लंबित प्रकरण, मुख्यमंत्राी कार्यालय से प्राप्त प्रकरणों की समीक्षा आदि के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने चारागाह, श्मशान भूमि पर अतिक्रमण, धारा 183 बी, 90 व 90 ए के प्रकरणों को दर्ज कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर नामान्तरकरण के प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा, पीडीआर व रोडा एक्ट के प्रकरणों में वसूली, लंबित पैंशन प्रकरण, वेतन स्थरीकरण के प्रकरण की भी समीक्षा की।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार चैहान ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर खाद्यान्न भण्डार गृह का निर्माण करवाने की देते हुए सडक किनारे पौधारोपण, विद्यालयों में चारदीवारी के निर्माण एवं कन्वर्जेंस के कार्याें की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर किशोर कुमार, हरफूल सिंह यादव, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी समेत कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।