तकनीक को अब नए तरीके से मात दे रहे हैं सोना तस्कर
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जयपुर। Follow @PawanTlr
विश्वस्तर पर सोने की सबसे ज्यादा खपत दुबई में आंकी जाती
है, जहां सोने की कीमत अन्य देशों की अपेक्षा काफी कम है और यही वजह है कि
सबसे ज्यादा सोना दुबई से ही तस्करी कर भारत लाया जाता है। पिछले करीब
दो-तीन सालों में भारी मात्रा में दुबई से भारत लाया जा रहा सोना तस्करों
से बरामद किया गया है।
पिछले दो वर्षों की बात की जाए तो अब तक भारत के अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डों पर अवैध रूप से लाये जाने वाला खरबों रुपयों से भी अधिक का सोना कस्टम अधिकारियों ने जप्त किया है। तस्करों द्वारा खासकर दुबई से भारत में सोना छिपाकर लाये जाने का सबसे मुख्य कारण यह है कि वहां सोने की कीमत दूसरे देशों की अपेक्षा बहुत सस्ती है और लगभग एक किलो सोना भारत में लाकर बेचने पर उससे तस्करों को लगभग तीन लाख रुपए तक की बचत तो होती है। इसके अलावा कस्टम विभाग की नजरों में धूल झौंककर बचाए जाने वाली कस्टम ड्यूटी का पैसा भी इनके मुनाफे में ही आता है। इस तरह से भारी बचत के कारण ही ये तस्कर भारत में ज्यादा सक्रिय है।
राजस्थान के जयपुर-सांगानेर हवाई अड्डे की बात की जाये तो पिछले एक वर्ष में अब तक करोड़ों रुपए का सोना कस्टम अधिकारियों ने जप्त किया है, जिसमे कुछ विदेशी तस्कर भी शामिल है। जयपुर हवाई-अड्डे पर तैनात संयुक्त कस्टम कमिश्नर होनहार सिंह मीणा के मुताबिक तस्करों द्वारा सोना छिपाकर लाये जाने के नित-नए तरीके सामने आ रहे हैं। यहां तक कि एक महिला द्वारा अपनी वेजिना में सोना छिपाकर लाया गया था, जिसकी पुख्ता शिकायत मिलने पर उसका मेडिकल मुआयना करवाया गया और उसके शरीर से सोना बाहर निकलवाया गया तथा महिला को कस्टम-ड्यूटी चोरी के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया।
उसके कुछ दिनों पहले ही हैदराबाद के एक दंपति, जिनके साथ एक ओमानी महिला भी थी। इन तीनों ने मिलकर कस्टम ड्यूटी बचाने के इरादे से अपने जूते-चप्पलों में 10-10 तोले के कुल 23 बिस्किट छिपा रखे थे। इनमे दोनों महिलाओं के सैंडिलों में से 5-5 तथा पुरुष के जूतों में 3 बिस्किट बरामद किए गए थे। असल में इन तीनों की पैदल चाल में कुछ अलग तरह का रिएक्शन देखकर इनके ऊपर शक हुआ तो इनके जूते खुलवाकर ली गई मैन्यूअल तलाशी के दौरान इनके पास से लगभग 68 लाख रुपए कीमत का सोना जप्त किया गया था।
देश की राजधानी दिल्ली के भी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पिछले वर्ष अरबों रुपए का अवैध सोना जप्त किया गया। बताया जाता है कि तस्करों द्वारा ये सोना एक विशेष प्रकार की कार्बन शीट में लपेटकर किसी इलेक्ट्रॉनिक आइटम में छिपाकर रख दिया जाता है, जिससे ये सोना स्कैनिंग मशीन में दिखाई नहीं देता है और तस्करी करने वाला व्यक्ति साफ तौर से बचकर निकल जाता है। इतनी बड़ी मात्रा में सोना पकड़े जाने के बावजूद तस्करों का हौसले कम होते दिखाई नहीं दे रहे हैं। देश के विभिन्न हवाई अड्डों से आज भी किसी ना किसी तरीके से भारी मात्रा में सोना छिपाकर लाया जा रहा है।
विश्वस्त सूत्रों से के मुताबिक तस्करी का ज्यादातर सोना मुम्बई, दिल्ली, जयपुर और अहमदाबाद हवाई अड्डों पर लाया जाता है। बताया जाता है कि पिछले कुछ अरसे से सोने की स्मगलिंग के मामले में अहमदाबाद हवाई अड्डे को केंद्रित किया जा रहा है। अहमदाबाद के नेताजी सुभाष चंद्र बॉस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात कस्टम अधीक्षक भागीरथ मल मीणा के मुताबिक यहां उतरने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों के यात्रियों के लगेज का सावधानी पुर्वक एक्सरे किया जाता है और किसी यात्री के द्वारा स्मगलिंग की सूचना या शिकायत मिलती है तो विभाग द्वारा उसको ट्रेप किया जाता है तथा उसके सामान की मैन्यूअली तलाशी ली जाती है।
इसी प्रकार से जयपुर के सांगानेर एअरपोर्ट पर तैनात संयुक्त कस्टम कमिश्नर होनहार सिंह मीणा का कहना है कि जयपुर उतरने वाले सभी यात्रियों के सामान का अच्छी तरह से एक्सरे किया जाता है। कस्टम विभाग के सभी अधिकारियों द्वारा मुश्तैदी से काम किया जाता है और कोशिश यही रहती है कि कोई भी स्मगलिंग से जुड़ा यात्री बचकर ना निकलने पाये। यही वजह है कि जयपुर में इस तरह के ज्यादातर मामले पकड़े गए हैं। मीणा ने बताया कि पकड़े जाने वाले स्मगलिंग के मामलो में ज्यादातर मामले गोल्ड के है और ज्यादातर गोल्ड को कार्बन की शीट में छिपाकर लाया जाना पाया गया है, जिसे कस्टम अधिकारियों की चौकस निगाहों के चलते पकड़ लिया जाता है।
देश की अर्थव्यवस्था में लगातार हो रही सेंध और इस तरह की स्मगलिंग के बारे में लगातार मिल रही खबरों को लेकर दुबई तक जाकर की गई पड़ताल से पता चला कि इस तरह की स्मगलिंग करने वाले ज्यादातर लोग राजस्थान के शेखावाटी इलाके के हैं। ये बात भी सच है कि शेखावाटी का ज्यादातर मजदूर तबका खाड़ी देशों में रोजगार के लिए गया हुआ है। असल में ये तस्कर इसी बात का फायदा उठाते हैं और इनको घर वापसी के वक्त लालच दिया जाता है, जिसमें रिटर्न टिकट और कुछ पैसा जो लगभग 40 से 50 हजार रुपए तक होता है, लेकिन उसके एवज में भारत आने वाले यात्री को तस्करों का एक लगेज, जो करीब 20-25 किलो तक का होता है, उसे लेकर आना होता है। उसे कहा जाता है कि इसमें कोई जरुरी सामान है, जिसे एअरपोर्ट से बाहर निकलते ही लेने वाला मिल जाएगा। ऐसे में चंद रुपए के लालच में आकर लोग इतना बड़ा जुर्म कर बैठते हैं और जाने-अनजाने में अपने देश की अर्थव्यवस्था में सेंधमारी का काम करते हैं, जिसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ जाती है।
"जयपुर हवाई अड्डे पर स्मगलिंग के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है। गत वित्तीय वर्ष में करीब साढ़े 12 किलोग्राम अवैध रूप से लाया जा रहा सोना पकड़ा गया है, जिसकी कीमत करीब साढ़े ३ करोड़ रुपए है। इस तरह हो रही तस्करी की रोकथाम के लिए सख्त योजना बनाई जाकर आधुनिक उपकरणों को तैयार करवाया जाएगा, जिससे किसी भी गैर कानूनी तरीके से लाया जाने वाला गोल्ड कस्टम विभाग की नजरों से बच नहीं सकेगा। जिस तकनीक से सोना छिपाकर लाया जा रहा है, उसके लिए जल्दी ही नया तोड़ निकालेंगे और ऐसे यात्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएंगे।" -होनहार सिंह मीणा, 'संयुक्त कस्टम कमिश्नर', सांगानेर एअरपोर्ट, जयपुर।
पिछले दो वर्षों की बात की जाए तो अब तक भारत के अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डों पर अवैध रूप से लाये जाने वाला खरबों रुपयों से भी अधिक का सोना कस्टम अधिकारियों ने जप्त किया है। तस्करों द्वारा खासकर दुबई से भारत में सोना छिपाकर लाये जाने का सबसे मुख्य कारण यह है कि वहां सोने की कीमत दूसरे देशों की अपेक्षा बहुत सस्ती है और लगभग एक किलो सोना भारत में लाकर बेचने पर उससे तस्करों को लगभग तीन लाख रुपए तक की बचत तो होती है। इसके अलावा कस्टम विभाग की नजरों में धूल झौंककर बचाए जाने वाली कस्टम ड्यूटी का पैसा भी इनके मुनाफे में ही आता है। इस तरह से भारी बचत के कारण ही ये तस्कर भारत में ज्यादा सक्रिय है।
राजस्थान के जयपुर-सांगानेर हवाई अड्डे की बात की जाये तो पिछले एक वर्ष में अब तक करोड़ों रुपए का सोना कस्टम अधिकारियों ने जप्त किया है, जिसमे कुछ विदेशी तस्कर भी शामिल है। जयपुर हवाई-अड्डे पर तैनात संयुक्त कस्टम कमिश्नर होनहार सिंह मीणा के मुताबिक तस्करों द्वारा सोना छिपाकर लाये जाने के नित-नए तरीके सामने आ रहे हैं। यहां तक कि एक महिला द्वारा अपनी वेजिना में सोना छिपाकर लाया गया था, जिसकी पुख्ता शिकायत मिलने पर उसका मेडिकल मुआयना करवाया गया और उसके शरीर से सोना बाहर निकलवाया गया तथा महिला को कस्टम-ड्यूटी चोरी के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया।
उसके कुछ दिनों पहले ही हैदराबाद के एक दंपति, जिनके साथ एक ओमानी महिला भी थी। इन तीनों ने मिलकर कस्टम ड्यूटी बचाने के इरादे से अपने जूते-चप्पलों में 10-10 तोले के कुल 23 बिस्किट छिपा रखे थे। इनमे दोनों महिलाओं के सैंडिलों में से 5-5 तथा पुरुष के जूतों में 3 बिस्किट बरामद किए गए थे। असल में इन तीनों की पैदल चाल में कुछ अलग तरह का रिएक्शन देखकर इनके ऊपर शक हुआ तो इनके जूते खुलवाकर ली गई मैन्यूअल तलाशी के दौरान इनके पास से लगभग 68 लाख रुपए कीमत का सोना जप्त किया गया था।
देश की राजधानी दिल्ली के भी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पिछले वर्ष अरबों रुपए का अवैध सोना जप्त किया गया। बताया जाता है कि तस्करों द्वारा ये सोना एक विशेष प्रकार की कार्बन शीट में लपेटकर किसी इलेक्ट्रॉनिक आइटम में छिपाकर रख दिया जाता है, जिससे ये सोना स्कैनिंग मशीन में दिखाई नहीं देता है और तस्करी करने वाला व्यक्ति साफ तौर से बचकर निकल जाता है। इतनी बड़ी मात्रा में सोना पकड़े जाने के बावजूद तस्करों का हौसले कम होते दिखाई नहीं दे रहे हैं। देश के विभिन्न हवाई अड्डों से आज भी किसी ना किसी तरीके से भारी मात्रा में सोना छिपाकर लाया जा रहा है।
विश्वस्त सूत्रों से के मुताबिक तस्करी का ज्यादातर सोना मुम्बई, दिल्ली, जयपुर और अहमदाबाद हवाई अड्डों पर लाया जाता है। बताया जाता है कि पिछले कुछ अरसे से सोने की स्मगलिंग के मामले में अहमदाबाद हवाई अड्डे को केंद्रित किया जा रहा है। अहमदाबाद के नेताजी सुभाष चंद्र बॉस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात कस्टम अधीक्षक भागीरथ मल मीणा के मुताबिक यहां उतरने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों के यात्रियों के लगेज का सावधानी पुर्वक एक्सरे किया जाता है और किसी यात्री के द्वारा स्मगलिंग की सूचना या शिकायत मिलती है तो विभाग द्वारा उसको ट्रेप किया जाता है तथा उसके सामान की मैन्यूअली तलाशी ली जाती है।
इसी प्रकार से जयपुर के सांगानेर एअरपोर्ट पर तैनात संयुक्त कस्टम कमिश्नर होनहार सिंह मीणा का कहना है कि जयपुर उतरने वाले सभी यात्रियों के सामान का अच्छी तरह से एक्सरे किया जाता है। कस्टम विभाग के सभी अधिकारियों द्वारा मुश्तैदी से काम किया जाता है और कोशिश यही रहती है कि कोई भी स्मगलिंग से जुड़ा यात्री बचकर ना निकलने पाये। यही वजह है कि जयपुर में इस तरह के ज्यादातर मामले पकड़े गए हैं। मीणा ने बताया कि पकड़े जाने वाले स्मगलिंग के मामलो में ज्यादातर मामले गोल्ड के है और ज्यादातर गोल्ड को कार्बन की शीट में छिपाकर लाया जाना पाया गया है, जिसे कस्टम अधिकारियों की चौकस निगाहों के चलते पकड़ लिया जाता है।
देश की अर्थव्यवस्था में लगातार हो रही सेंध और इस तरह की स्मगलिंग के बारे में लगातार मिल रही खबरों को लेकर दुबई तक जाकर की गई पड़ताल से पता चला कि इस तरह की स्मगलिंग करने वाले ज्यादातर लोग राजस्थान के शेखावाटी इलाके के हैं। ये बात भी सच है कि शेखावाटी का ज्यादातर मजदूर तबका खाड़ी देशों में रोजगार के लिए गया हुआ है। असल में ये तस्कर इसी बात का फायदा उठाते हैं और इनको घर वापसी के वक्त लालच दिया जाता है, जिसमें रिटर्न टिकट और कुछ पैसा जो लगभग 40 से 50 हजार रुपए तक होता है, लेकिन उसके एवज में भारत आने वाले यात्री को तस्करों का एक लगेज, जो करीब 20-25 किलो तक का होता है, उसे लेकर आना होता है। उसे कहा जाता है कि इसमें कोई जरुरी सामान है, जिसे एअरपोर्ट से बाहर निकलते ही लेने वाला मिल जाएगा। ऐसे में चंद रुपए के लालच में आकर लोग इतना बड़ा जुर्म कर बैठते हैं और जाने-अनजाने में अपने देश की अर्थव्यवस्था में सेंधमारी का काम करते हैं, जिसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ जाती है।
गरीब-अनपढ़ मजदूरों को बनाते हैं निशाना :
पड़ताल में सामने आया कि खाड़ी देशों में डेरा डाले रह रहे स्मगलर ज्यादातर अपना निशाना उन्ही लोगों को बनाते हैं जिनकी माली हालत खराब होती है। ये ऐसे गरीब और अनपढ़ मजदूरों को अपने जाल में फंसाते है और फिर उन्हें आने-जाने का टिकिट और कुछ रुपए का लालच देकर उनसे ये काम करवाते हैं। दुबई में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारी मात्रा में सोने की तस्करी करने वाले अधिकतर स्मगलर शेखावाटी के नवलगढ़, फतेहपुर, रामगढ़, सीकर और नागौर इलाके के होते हैं।यूं देते हैं तकनीक को मात :
जानकारी के मुताबिक अवैध रूप से लाए जाने वाले सोने को कस्टम अधिकारियों की नजरों से बचाने के लिए इन तस्करों के द्वारा सोने के बिस्किट को सबसे पहले एक विशेष प्रकार की कार्बन शीट से अच्छी तरह लपेटा जाता है, फिर उसे काले रंग की पाईप रैपिंग टेप से लपेटकर किसी खास इलेक्ट्रॉनिक आयटम की बैटरी के अंदर फिट कर दिया जाता है। मजे की बात तो ये है कि इसी इलेक्ट्रॉनिक आयटम की बैटरी के अंदर एक छोटी बैटरी को सोने के साथ फिट कर दिया जाता है और छोटी बैटरी फिट करने का कारण यह होता है कि एक्यूपमेंट मूवमेंट करता रहता है तथा किसी को शक भी नहीं होता। वहीं दूसरी ओर एक खास उपकरण के ट्रांसफार्मर की जगह भी सोना आराम से फिट कर दिया जाता है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक सोना लेकर आने वाला यात्री का लगेज जब एक्सरे मशीन से गुजरता है तो कार्बन के अंदर लिपटा होने की वजह से सोना दिखाई नहीं देता और यात्री अपना सामान लेकर बाहर निकल जाता है तथा बाहर निकलते ही उसको सोना प्राप्त करने के लिए रिसीवर मिल जाता है।"जयपुर हवाई अड्डे पर स्मगलिंग के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है। गत वित्तीय वर्ष में करीब साढ़े 12 किलोग्राम अवैध रूप से लाया जा रहा सोना पकड़ा गया है, जिसकी कीमत करीब साढ़े ३ करोड़ रुपए है। इस तरह हो रही तस्करी की रोकथाम के लिए सख्त योजना बनाई जाकर आधुनिक उपकरणों को तैयार करवाया जाएगा, जिससे किसी भी गैर कानूनी तरीके से लाया जाने वाला गोल्ड कस्टम विभाग की नजरों से बच नहीं सकेगा। जिस तकनीक से सोना छिपाकर लाया जा रहा है, उसके लिए जल्दी ही नया तोड़ निकालेंगे और ऐसे यात्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएंगे।" -होनहार सिंह मीणा, 'संयुक्त कस्टम कमिश्नर', सांगानेर एअरपोर्ट, जयपुर।