अगस्त से प्रसूताओं को मिलेगा आॅनलाइन भुगतान, साॅफ्टवेयर तैयार
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श्रीगंगानगर। राजकीय चिकित्सालयों में प्रसव के बाद जननी सुरक्षा योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से चेक के जरिए मिलने वाली राशि अब आॅनलाइन मिलेगी। सरकार ने प्रारंभिक तैयारी कर एक अगस्त से इस नए कार्यक्रम को लागू करने का निर्णय लिया है और इसके लिए साॅफ्टवेयर तैयार किया गया है।
इस संबंध में मंगलवार को राज्यस्त से एनएचएम के मिशन निदेशक नवीन जैन और अतिरिक्त मिशन निदेशक नीरज के पवन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष दिशा-निर्देश दिए। जिलास्तर से सीएमएचओ डाॅ. नरेश बंसल, आरसीएचओ डाॅ. वीपी असीजा, पीएमओ डाॅ. सुनीता सरदाना, बीसीएमओ डाॅ. अजय सिंगला, डीएनओ कमल गुप्ता, आशा समन्वयक रायसिंह सहारण, आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई एवं एनयूएचएम के नकुल शेखावत मौजूद थेे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. नरेश बंसल ने बताया कि शहर से लेकर ग्राम स्तर तक अब हर महिला को बैंक में खाता खुलवाना चाहिए, क्योंकि सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत आॅनलाइन भुगतान किया जा रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी एक अगस्त से राजकीय जिला चिकित्सालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होने वाले प्रसव के बाद सभी प्रसूताओं को जेएसवाई की राशि आॅनलाइन भुगतान की जाएगी। जेएसवाई आॅनलाइन के लिए साॅफ्टवेयर सहित अन्य तैयारियां राज्यस्तर पर कर ली गई हैं और इस संबंध में मंगलवार को जिलास्तरीय बैठक आयोजित कर संबंधित चिकित्सा संस्था प्रभारियों को भी जानकारी दी गई है।
इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को 21 से 30 जुलाई तक राज्य, जिला व खण्डस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस साॅफ्टवेयर के बाद अब प्रतिदिन होने वाले प्रसवों का आॅनलाइन रिकाॅर्ड रहेगा, जिसके जरिए लिंगानुपात स्थिति का भी पता चलेगा और इसके साथ ही प्रसवों को लेकर समीक्षा की जा सकेगी।
सीएमएचओ डाॅ. बंसल ने बताया कि सभी आशा और एएनएम को निर्देश दिए जा रहे हैं कि गर्भवती महिला के संस्थान पर पहली जांच के लिए आने पर उससे बैंक खाते की जानकारी ली जाए। यदि महिला का बैंक में खाता नहीं है तो उसे खाता खुलवाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में खाता खुलवाने में समस्याएं आएंगी वहां संबंधित मुख्य बैंक को इसके लिए जिला कलेक्टर की ओर से निर्देशित करवाया जाएगा।
बंसल ने बताया कि आॅनलाइन भुगतान के बाद संबंधित प्रसूता के पास मेसेज भी जाएगा ताकि उसे भुगतान होने की जानकारी मिल सके। इसी तरह उसे अन्य तरह के आॅनलाइन भुगतान में भी सुविधा होगी, इसलिए विषेषकर महिलाओं को चाहिए कि वे अपने नजदीकी बैंकों में खाते खुलवाएं। राज्यस्तरीय निर्देशों के तहत यदि अन्य राज्य की महिला भी यहां प्रसव करवाती है तो उसको जेएसवाई के तहत भुगतान किया जाएगा।
इस संबंध में मंगलवार को राज्यस्त से एनएचएम के मिशन निदेशक नवीन जैन और अतिरिक्त मिशन निदेशक नीरज के पवन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष दिशा-निर्देश दिए। जिलास्तर से सीएमएचओ डाॅ. नरेश बंसल, आरसीएचओ डाॅ. वीपी असीजा, पीएमओ डाॅ. सुनीता सरदाना, बीसीएमओ डाॅ. अजय सिंगला, डीएनओ कमल गुप्ता, आशा समन्वयक रायसिंह सहारण, आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई एवं एनयूएचएम के नकुल शेखावत मौजूद थेे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. नरेश बंसल ने बताया कि शहर से लेकर ग्राम स्तर तक अब हर महिला को बैंक में खाता खुलवाना चाहिए, क्योंकि सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत आॅनलाइन भुगतान किया जा रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी एक अगस्त से राजकीय जिला चिकित्सालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होने वाले प्रसव के बाद सभी प्रसूताओं को जेएसवाई की राशि आॅनलाइन भुगतान की जाएगी। जेएसवाई आॅनलाइन के लिए साॅफ्टवेयर सहित अन्य तैयारियां राज्यस्तर पर कर ली गई हैं और इस संबंध में मंगलवार को जिलास्तरीय बैठक आयोजित कर संबंधित चिकित्सा संस्था प्रभारियों को भी जानकारी दी गई है।
इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को 21 से 30 जुलाई तक राज्य, जिला व खण्डस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस साॅफ्टवेयर के बाद अब प्रतिदिन होने वाले प्रसवों का आॅनलाइन रिकाॅर्ड रहेगा, जिसके जरिए लिंगानुपात स्थिति का भी पता चलेगा और इसके साथ ही प्रसवों को लेकर समीक्षा की जा सकेगी।
सीएमएचओ डाॅ. बंसल ने बताया कि सभी आशा और एएनएम को निर्देश दिए जा रहे हैं कि गर्भवती महिला के संस्थान पर पहली जांच के लिए आने पर उससे बैंक खाते की जानकारी ली जाए। यदि महिला का बैंक में खाता नहीं है तो उसे खाता खुलवाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में खाता खुलवाने में समस्याएं आएंगी वहां संबंधित मुख्य बैंक को इसके लिए जिला कलेक्टर की ओर से निर्देशित करवाया जाएगा।
बंसल ने बताया कि आॅनलाइन भुगतान के बाद संबंधित प्रसूता के पास मेसेज भी जाएगा ताकि उसे भुगतान होने की जानकारी मिल सके। इसी तरह उसे अन्य तरह के आॅनलाइन भुगतान में भी सुविधा होगी, इसलिए विषेषकर महिलाओं को चाहिए कि वे अपने नजदीकी बैंकों में खाते खुलवाएं। राज्यस्तरीय निर्देशों के तहत यदि अन्य राज्य की महिला भी यहां प्रसव करवाती है तो उसको जेएसवाई के तहत भुगतान किया जाएगा।