कहीं आप भी तो नहीं खा रहे प्लास्ट‍िक से बने चावल, यूं करें पहचान

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नई दिल्ली। अपने घर की रसोई में पकाए जाने वाले चावल, जिसे आप बड़े चाव से खाते हैं, क्या आप जानते हैं कि वह चावल हकीकत में चावल ही है या फिर प्लास्टिक से तैयार किए जाने वाला चावल? जाहिर तौर से आपका जवाब ना ही होगा, क्योंकि चीन से आने वाला यह प्लास्टिक चावल दिखने में बिल्कुल असली चावल की तरह ही दिखाई देता है। और तो और पकने के बाद भी आप प्लास्ट‍िक चावल और असली चावल में फर्क नहीं कर सकते। असली चावल के साथ मिलाकर बाजारों में बिकने वाला यह चावल, असली चावल में इस कदर मिल जाता है, कि आप इसके रूप, रंग, आकार और यहां तक कि स्वाद में भी फर्क नहीं कर पाएंगे।

क्या आप जानते हैं कि इस चावल को खाने से आप कैंसर जैसी भयानक बीमारी के शिकार हो सकते हैं। लेकिन उससे भी पहले आप शिकार हो सकते हैं, पेट की बीमारियों के। एक कटोरी प्लास्टिक चावल, एक बैग पॉलीथि‍न के बराबर होता है। जरा सोचिए, प्लास्टिक या पॉलीथि‍न को खाने के बाद, पेट की क्या हालत होगी? क्योंकि यह ना तो पचता है, और ना ही सड़ता है।

प्लास्टिक चावल के इन सभी दुष्परिणामों से बचने के लिए इस चावल की पहचान करना बेहद आवश्यक है। ऐसे में सवाल उठता है, कि प्लास्टिक चावल की पहचान आखिर कैसे की जाए। चलिए हम बताते हैं की आखिर प्लास्टिक चावल की आप आप कैसे पहचान कर सकते हैं। 

यूं करें पहचान :

  • चमक : जब आप चावल को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे प्लास्टिक के चावल असली चावल की तुलना में ज्यादा चमकीला नजर आता है।
  • आकार : अगर दो तरह के नकली चावलों को एक साथ मिलाकर देखेंगें, तो सारे चावलों की मोटाई और आकार, एक जैसा ही दिखाई देगा। जबकि असली चावल के दानों का आकार अलग-अलग साइज का होता है। 
  • वजन : नकली चावल का वजन असली की तुलना में कुछ कम होता है, इसीलिए तौलने पर न‍कली चावल की मात्रा अधिक होती है। 
  • भूसी : नकली चावल बिल्कुल साफ-सुथरा होगा, जबकि असली चावल में कहीं न कहीं धान की भूसी जरूर मिल ही जाती है। 
  • खुशबू : चावल को पकाते वक्त उसे सूंघ कर जरूर देख लें। प्लास्टिक चावल को पकाते वक्त, बिल्कुल प्लास्टिक की तरह की ही गंध आती है।
  • कच्चापन : प्लास्टिक चावल काफी देर तक पकाने के बाद भी ठीक से नहीं पक पाता है , जबकि असली चावल अच्छी तरह से पक जाता है।
  • मांड : प्लास्टिक चावल को पकाने के बाद, बचे हुए उसके पानी यानि मांड पर सफेद रंग की परत जम जाती है, जबकि असली चावल में ऐसा नहीं होता। अगर इस मांड को कुछ देर तक धूप में रख दिया जाए, तो यह पूरी तरह से प्लास्टिक बन जाता है, जिसे जलाया भी जा सकता है। यह एक बेहतर तरीका है, प्लास्टिक चावल को पहचानने का।
  • भि‍गोते वक्त रखें ध्यान :  चावल को पकाने से पहले पानी में भिगोए जाने के दौरान यह ध्यान रखें कि प्लास्ट‍िक चावल पानी में तैरता नहीं है क्‍योंकि यह सौ फीसदी प्‍लास्‍टिक नहीं होता, इसमें आलू और शकरकंद भी मिला होता है। जबकि कुछ असली चावल पानी में तैरते हैं।
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