आधे राजस्थान में बारिश बनी बैरन, रेगिस्तान में बाढ़ के हालात
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/07/havoc-of-heavy-rain-in-rajasthan.html
जयपुर। पिछले करीब पांच दिनों से हो रही बारिश के चलते प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश बैरन बन गई है और बारिश के बाद पानी भराव के उपजे हालातों से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। कई जगह पर पानी से लबालब हो चुके बांधों के गेट खोले जाने के बाद आसपास के क्षेत्रों में पानी का काफी भराव हो गया है, जिससे वहां के निवासियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश के एक दर्जन जिलों में इन्द्रदेव जरुरत से ज्यादा मेहरबार क्या हुए नदियों ने तट तोड़ दिए। बांधों के गेट खुल गए। गांव-कस्बे-ढाणी पानी से लबालब हो गए। सड़के पानी के बहाव के साथ बह रही है। नदियों को पानी उफनकर शहरों की ओर बढ़ रहा है। खेतों ने बांधों का रूप ले लिया है। राज्य के धौलपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, जैसलमेर, जालौर, बासंवाड़ा, चितौडग़ढ़, जोधपुर में बारिश का दौर जारी है।
जालौर के सांचौर में बाढ़ के हालात है। जोधपुर से भेजी गई बचाव टीम राहत कार्यों में जुटी हुई है। धौलपुर में च बल उफान पर है। एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी भर गया है। बांधोंं के गेट खोले गए हैं। जैसलमेर में पानी भरने से सडकें टूट गई हैं। बारां में भारी बरसात से स्कूलों में पानी भर गया है। भीलवाड़ा में रेलवे की पटरियां पानी में डूब गई है। चितौडग़ढ़ बांधों के गेट खोले गए।
सीमावर्ती इलाके बाड़मेर में पिछले छह दिनों में 425 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। यहां भारी बारिश के चलते रेगिस्तान में हर ओर पानी ही पानी हो गया है और बाढ़ के हालात बने हुए हैं। यहां तीन दिन से 755 मिमी पानी बरस चुका है। प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर यहां पर अतिरिक्त इंतजाम करवाए हैं। पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का क्रम जारी है। जोधपुर से एसडीआर की रेस्क्यू टीम को गुड़ामालानी भेजा गया है।
प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की आपात बैठक बुलाकर सेना व वायुसेना को भी मदद के लिए अलर्ट रहने को कहा है। भारी बारिश को देखते हए एहतियात के तौर पर लूनी नदी से सटे इलाकों के गांवों में लोगों को सुरक्षित रहने को सावचेत किया गया है। सिणधरी क्षेत्र में वर्षाजनित हादसे से रविवार शाम को एक युवक किशनाराम की पानी में बह जाने के बाद मौत हो गई। चौहटन में 176 मिमी, सिणधरी में 171 मिमी, सेड़वा में 163 मिमी बारिश दर्ज की गई।
प्रदेश के एक दर्जन जिलों में इन्द्रदेव जरुरत से ज्यादा मेहरबार क्या हुए नदियों ने तट तोड़ दिए। बांधों के गेट खुल गए। गांव-कस्बे-ढाणी पानी से लबालब हो गए। सड़के पानी के बहाव के साथ बह रही है। नदियों को पानी उफनकर शहरों की ओर बढ़ रहा है। खेतों ने बांधों का रूप ले लिया है। राज्य के धौलपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, जैसलमेर, जालौर, बासंवाड़ा, चितौडग़ढ़, जोधपुर में बारिश का दौर जारी है।
जालौर के सांचौर में बाढ़ के हालात है। जोधपुर से भेजी गई बचाव टीम राहत कार्यों में जुटी हुई है। धौलपुर में च बल उफान पर है। एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी भर गया है। बांधोंं के गेट खोले गए हैं। जैसलमेर में पानी भरने से सडकें टूट गई हैं। बारां में भारी बरसात से स्कूलों में पानी भर गया है। भीलवाड़ा में रेलवे की पटरियां पानी में डूब गई है। चितौडग़ढ़ बांधों के गेट खोले गए।
सीमावर्ती इलाके बाड़मेर में पिछले छह दिनों में 425 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। यहां भारी बारिश के चलते रेगिस्तान में हर ओर पानी ही पानी हो गया है और बाढ़ के हालात बने हुए हैं। यहां तीन दिन से 755 मिमी पानी बरस चुका है। प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर यहां पर अतिरिक्त इंतजाम करवाए हैं। पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का क्रम जारी है। जोधपुर से एसडीआर की रेस्क्यू टीम को गुड़ामालानी भेजा गया है।
प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की आपात बैठक बुलाकर सेना व वायुसेना को भी मदद के लिए अलर्ट रहने को कहा है। भारी बारिश को देखते हए एहतियात के तौर पर लूनी नदी से सटे इलाकों के गांवों में लोगों को सुरक्षित रहने को सावचेत किया गया है। सिणधरी क्षेत्र में वर्षाजनित हादसे से रविवार शाम को एक युवक किशनाराम की पानी में बह जाने के बाद मौत हो गई। चौहटन में 176 मिमी, सिणधरी में 171 मिमी, सेड़वा में 163 मिमी बारिश दर्ज की गई।