फाइलों में जंग खा रही निगम की अटकी योजनाएं
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/07/jaipur-nagar-nigam-unfinished-plans-are-rusting.html
जयपुर। बीते एक साल से कंगाली के दौर से गुजर रहे नगर निगम की और से कई योजनाएं शुरू की जा रही है और उन पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया जा रहा है। नगर निगम की ओर से कई नई योजनाओं की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा रही है, वहीं पुरानी योजनाएं जंग खा रही है। इनमें भी अधिकांश योजनाएं वित्तीय स्वीकृति जारी होने के पश्चात भी समय पर काम शुरू नहीं होने पर निरस्त हो गई।
गौरतलब है कि बीते तीन साल में निगम ने जो भी बड़ी योजनाएं हाथ में ली, उन योजनाओं पर काम अटक गया। कहीं वित्त की कमी के चलते काम अटका तो कहीं सीईओ के जाने के बाद नए सीईओ ने रूचि नहीं दिखाई। निगम की तीन दर्जन से ज्यादा योजनाएं कार्य नहीं होने की वजह से जंग खा रही है और जिन कार्यों के विकास में लाखों रुपए खर्च कर निगम की आदर्श योजनाएं बताकर वाह-वाही लूटी गई, आज वहां पर बदहाली दिखाई दे रही है। हालत यह है कि अब यहां पर सुध लेना वाला कोई नहीं है।
समय सीमा पर काम शुरू नहीं होने के कारण छह महीनों में तीन दर्जन से ज्यादा वित्तीय स्वीकृतियों की फाइल निरस्त करनी पड़ी। अब यह मामले बोर्ड बैठक में जाएंगे। इनमें सामान्य पेचवर्क, सीवरेज, सड़क, नालियों से संबंधित फाइलें है।
गौरतलब है कि बीते तीन साल में निगम ने जो भी बड़ी योजनाएं हाथ में ली, उन योजनाओं पर काम अटक गया। कहीं वित्त की कमी के चलते काम अटका तो कहीं सीईओ के जाने के बाद नए सीईओ ने रूचि नहीं दिखाई। निगम की तीन दर्जन से ज्यादा योजनाएं कार्य नहीं होने की वजह से जंग खा रही है और जिन कार्यों के विकास में लाखों रुपए खर्च कर निगम की आदर्श योजनाएं बताकर वाह-वाही लूटी गई, आज वहां पर बदहाली दिखाई दे रही है। हालत यह है कि अब यहां पर सुध लेना वाला कोई नहीं है।
समय सीमा पर काम शुरू नहीं होने के कारण छह महीनों में तीन दर्जन से ज्यादा वित्तीय स्वीकृतियों की फाइल निरस्त करनी पड़ी। अब यह मामले बोर्ड बैठक में जाएंगे। इनमें सामान्य पेचवर्क, सीवरेज, सड़क, नालियों से संबंधित फाइलें है।
जोन स्तर पर उपायुक्त को करीब 50 लाख की वित्तीय स्वीकृति जारी करने का शक्तियां है, लेकिन यह फाइलें भी सीईओ से जोन और जोन से सीईओ तक आने-जाने में ही अटकी रही तथा इसी बीच समय सीमा पूरी हो गई। वहीं सीईओ स्तर पर जारी होने वाले कार्य भी अटके हुए हैं। सूत्रों के अनुसार इनमें कई योजनाएं तो वित्त की कमी से अटकी पड़ी है।
ये योजनाएं अटकी :
- चारदीवारी में जर्जर बरामदों को ठीक करने का कार्य।
- संजय बाजार में डक्टिग प्रोजेक्ट और वॉल सिटी प्रोजेक्ट।
- चौगान स्टेडियम के पास पार्किंग योजना।
- अशोक नगर पार्किंग परियोजना की धीमी चाल से संसाधनों में लगी जंग।
- 5 हजार गंदी गलियों में सफाई का कार्य।
- निगम में स्थायी रैन बसेरों के बनाने का काम।
- ट्रांसपोर्ट नगर योजना और दिल्ली रोड पर ग्रीन वैली प्रोजेक्ट।