15 दिनों में दूसरी बार फिर बढ़े पेट्रोल एवं डीजल के दाम
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/05/price-of-Petrol-and-Diesel-hiked.html
नई दिल्ली। तेल विपणन कंपनियों ने मई के महीने में लगातार दूसरी बार पेट्रोल तथा डीजल की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी की है, इससे पहले 1 मई को ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की गई थी, जिसमे पेट्रोल के दाम 3.96 रुपये तथा डीजल के दाम 2.37 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। इसके बाद शुक्रवार को एक बार फिर से पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ा दिए गए, जिसमे पेट्रोल के दाम में 3.13 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल के दाम में 2.71 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया गया है। बढ़ी हुई कीमतें शुक्रवार मध्यरात्रि से लागु हो गई है।
मोदी सरकार के कार्यकाल में यह डीजल के दामों में सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है जबकि पेट्रोल के दाम में दूसरी सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी। इससे पहले 1 मई से पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए थे। इस प्रकार एक पखवाड़े के भीतर पेट्रोल के दाम 7.09 रुपये तथा डीजल के दाम 5.08 रुपये बढ़ गए हैं।
डीजल के दाम बढ़ने से खाद्य पदार्थों समेत सभी जरूरी चीजों की ढुलाई बढ़ने से इनकी कीमतें बढ़ेंगी जिससे आम लागों के घर का बजट गड़बड़ा सकता है। इसके अलावा इस बार बेमौसम बारिश से रबी की फसल को हुए नुकसान के कारण दालों के दाम पहले ही आसमान छू रहे हैं।
मानसून के दीर्घावधि औसत से कम रहने के अनुमान से आने वाले दिनों में खाद्य पदार्थों की कीमतें और बढ़ सकती हैं। खुदरा खाद्य महंगाई दर अप्रैल महीने में घटकर 5.11 प्रतिशत तथा थोक खाद्य महंगाई 5.73 फीसदी रही थी। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने के बाद इसमें बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है।
इससे पहले अप्रैल के आखिरी सप्ताह में भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी की गई थी। उस दौरान पेट्रोल 3.96 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.37 रुपये प्रति लीटर महंगा किया गया था। इससे पहले 2 अप्रैल व 16 अप्रैल को पेट्रोल के दाम में क्रमश: 49 पैसे व 80 पैसे प्रति लीटर, जबकि डीजल के दाम में 1.12 रुपये व 1.30 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी।
अगस्त से फरवरी के दौरान पेट्रोल के दाम में कुल मिलाकर दस कटौतियों में 17.11 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई, जबकि अक्टूबर से फरवरी के दौरान डीजल के दाम में छह कटौतियों में कुल मिलाकर 12.96 रूपये प्रति लीटर की कमी की गई। इसके बाद 16 फरवरी को पेट्रोल के दाम में 82 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल के दाम में 61 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गई। एक मार्च को दाम फिर बढ़े थे।
मोदी सरकार के कार्यकाल में यह डीजल के दामों में सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है जबकि पेट्रोल के दाम में दूसरी सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी। इससे पहले 1 मई से पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए थे। इस प्रकार एक पखवाड़े के भीतर पेट्रोल के दाम 7.09 रुपये तथा डीजल के दाम 5.08 रुपये बढ़ गए हैं।
डीजल के दाम बढ़ने से खाद्य पदार्थों समेत सभी जरूरी चीजों की ढुलाई बढ़ने से इनकी कीमतें बढ़ेंगी जिससे आम लागों के घर का बजट गड़बड़ा सकता है। इसके अलावा इस बार बेमौसम बारिश से रबी की फसल को हुए नुकसान के कारण दालों के दाम पहले ही आसमान छू रहे हैं।
मानसून के दीर्घावधि औसत से कम रहने के अनुमान से आने वाले दिनों में खाद्य पदार्थों की कीमतें और बढ़ सकती हैं। खुदरा खाद्य महंगाई दर अप्रैल महीने में घटकर 5.11 प्रतिशत तथा थोक खाद्य महंगाई 5.73 फीसदी रही थी। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने के बाद इसमें बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है।
इससे पहले अप्रैल के आखिरी सप्ताह में भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी की गई थी। उस दौरान पेट्रोल 3.96 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.37 रुपये प्रति लीटर महंगा किया गया था। इससे पहले 2 अप्रैल व 16 अप्रैल को पेट्रोल के दाम में क्रमश: 49 पैसे व 80 पैसे प्रति लीटर, जबकि डीजल के दाम में 1.12 रुपये व 1.30 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी।
अगस्त से फरवरी के दौरान पेट्रोल के दाम में कुल मिलाकर दस कटौतियों में 17.11 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई, जबकि अक्टूबर से फरवरी के दौरान डीजल के दाम में छह कटौतियों में कुल मिलाकर 12.96 रूपये प्रति लीटर की कमी की गई। इसके बाद 16 फरवरी को पेट्रोल के दाम में 82 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल के दाम में 61 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गई। एक मार्च को दाम फिर बढ़े थे।