लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों की अमित शाह से मुलाकात
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/05/laghu-udhyog-bharti-officials-met-Amit-Shah.html
जयपुर। लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने कल दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की समस्याओं और मुद्दों को लेकर चर्चा की। लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय महासचिव ओमप्रकाश मित्तल ने दिल्ली से लौटकर इस बातचीत के बारे में बताया।
मित्तल ने बताया कि भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय की ओर से संसद में प्रस्तावित विधेयक को मानसून सत्र तक के लिए स्थगित कर दिया गया है, ताकि इसे और ज्यादा कारगर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस बैठक में एमएसएमई को नए सिरे से परिभाषित करने, स्किल डेवलपमेंट को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के साथ जोड़ने, मुद्रा योजना के स्वरुप, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों की कार्यप्रणाली और उसके संचालन को और तार्किक बनाने, लघु औद्योगिक इकाइयों को बैंकों से आसान और कम ब्याज दर पर ऋण और असंतुलित आयात-निर्यात से छोटे उद्योगों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
इसके साथ ही हाल ही सरकार की ओर से 20 आइटम्स को डी-रिज़र्व करने का संगठन ने विरोध किया और पुनः उन्हें रिज़र्व लिस्ट में शामिल करने और उनकी संख्या बढ़ाने की भी मांग की गई। इससे पहले लघु उद्यमियों के कल्याणार्थ मुद्रा बैंक योजना के लिए सरकार की नीतियों की प्रशंसा की गई।
इसी तरह सेंट्रल पॉलुशन बोर्ड में लघु उद्योगों को प्रतिनिधित्व देने के लिए पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और स्टेट तथा सेंट्रल रेगुलेटरी गाइडलाइन्स लागू करने के लिए ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को संगठन की तरफ से धन्यवाद दिया गया। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल, राष्ट्रीय महामंत्री राममाधव, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रकाश चन्द्र और राष्ट्रीय अध्यक्ष एचवीएस कृष्णा भी मौजूद थे।
मित्तल ने बताया कि भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय की ओर से संसद में प्रस्तावित विधेयक को मानसून सत्र तक के लिए स्थगित कर दिया गया है, ताकि इसे और ज्यादा कारगर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस बैठक में एमएसएमई को नए सिरे से परिभाषित करने, स्किल डेवलपमेंट को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के साथ जोड़ने, मुद्रा योजना के स्वरुप, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों की कार्यप्रणाली और उसके संचालन को और तार्किक बनाने, लघु औद्योगिक इकाइयों को बैंकों से आसान और कम ब्याज दर पर ऋण और असंतुलित आयात-निर्यात से छोटे उद्योगों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
इसके साथ ही हाल ही सरकार की ओर से 20 आइटम्स को डी-रिज़र्व करने का संगठन ने विरोध किया और पुनः उन्हें रिज़र्व लिस्ट में शामिल करने और उनकी संख्या बढ़ाने की भी मांग की गई। इससे पहले लघु उद्यमियों के कल्याणार्थ मुद्रा बैंक योजना के लिए सरकार की नीतियों की प्रशंसा की गई।
इसी तरह सेंट्रल पॉलुशन बोर्ड में लघु उद्योगों को प्रतिनिधित्व देने के लिए पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और स्टेट तथा सेंट्रल रेगुलेटरी गाइडलाइन्स लागू करने के लिए ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को संगठन की तरफ से धन्यवाद दिया गया। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल, राष्ट्रीय महामंत्री राममाधव, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रकाश चन्द्र और राष्ट्रीय अध्यक्ष एचवीएस कृष्णा भी मौजूद थे।