जिला कलक्टर ने की आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा

बून्दी। जिले में बाढ़ आपदा प्रबंधन के संबंध में विभिन्न विभागों द्वारा की  तैयारियों की गई राजस्थान सम्पर्क केन्द्र में जिला कलक्टर नेहा गिरि ने उपखण्ड अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा की।

बैठक में जिला कलक्टर ने जल संसाधन, विद्युत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवहन, सार्वजनिक निर्माण, रसद, पशुपालन एवं स्थानीय निकायों द्वारा संभावित अतिवृष्टि व बाढ़ की स्थिति में आपदा प्रबंधन के लिए की गई तैयारियों तथा ऐहतियाती उपायों के बारे में जानकारी ली।

उन्होंने निर्देश दिए कि सभी उपखण्ड अधिकारियों तथा तहसीलदारों के पास बाढ़ आपदा प्रबंधन की कार्य योजना उपलब्ध रहे। उन्होंने नगर परिषद बून्दी व सभी नगर पालिकाओं के अधिकारियों को निर्देश दिये कि अगले दस दिनों मे नगरीय क्षेत्रों के बड़े-छोटे नालों की सफाई तथा जल भराव वाले स्थानों का चिन्हीकरण करवा लिया जावे।

जल निकासी के लिए डीजल पम्पसेट, जेसीबी मशीन, पर्याप्त मात्र में मिट्टी से भरे कट्टों की व्यवस्था रखी जावे। आश्रय स्थानों का सूचीकरण कर सम्बन्धित कार्मिकों के नाम व फोन नम्बरोंं की सूची कक्षों में उपलब्ध करावें। तैराकों के नाम पतों तथा फोन नम्बरों की सूची भी आदिनांक करवा ले।

बैठक में जिला कलक्टर ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जिले के सभी बांधों एवं तालाबों का भली प्रकार से निरीक्षण करवा लें। ग्राम पंचायतों के अधीन आने वाले तालाबों का निरीक्षण तहसीलदार एवं विकास अधिकारी करे। उपखण्ड अधिकारी भी अपने उपखण्ड क्षेत्र के सभी बांधों एवं तालाबों का आपदा प्रबंधन की दृष्टि से निरीक्षण करें तथा आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य करवा लें। बड़े बांधों का साइरन सिस्टम चालू हालत में रहें।

उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि केशवरायपाटन तथा इन्द्रगढ़ तहसील क्षेत्रों में चम्बल नदी में चलने वाली नावों की जांच की जावे। सभी नाविकों के पास नौका चालन का लाईसेंस होना सुनिश्चित करे।

जिला कलक्टर ने विद्युत निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि बिजली के झूलते हुए तारों को ठीक कराये तथा झुके हुए विद्युत, खम्भों को सीधा करवावें। जल भराव क्षेत्रों मेें तत्काल विद्युत प्रवाह बंद करवाना तथा ऐहतियाती प्रबंध कर वापस चालू करवाना एवं ट्रांसफार्मरों को सुरक्षित रखवाना आदि की कार्यवाही सुनिश्चित करावें। बैठक में जिला कलक्टर ने सार्वजनिक विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिये कि पुलियाओं तथा रपटों पर बरसात का पानी ऑवरफ्लो होता है, उन पर चेतावनी बोर्ड एवं रेडियम कलर से सुरक्षा संकेतक लगावें। पुलियाओं तथा रपटों पर लम्बे समय तक पानी बहने की स्थिति में अन्य वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था भी की जावें।

बैठक में जिला कलक्टर ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरधा बांध, भीमलत बांध, गुढा बांध, रामेश्वर महादेव तथा कमलेश्वर महादेव आदि पिकनिक स्थानों पर आने वाले आगुन्तक का देर रात तक ठहराव नहीं हो। दिन अस्त होने तक इन स्थानों को आगुन्तकों से खाली करवा लिया जावें। चौकीदार, पुलिस, होमगार्ड द्वारा किसी भी व्यक्ति को बांधों की दीवारों पर नहीं जाने दिया जावे। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) रामजीवन मीणा ने भी आवश्यक निर्देश दिए।

बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश यादव, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रदीप गावण्डे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अम्बरीश मेहता एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर (सीलिंग) मदनगोपाल मीणा उपस्थित रहे।

नियंत्रण कक्षों की करें स्थापना 

जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर कलक्ट्रेट सहित जल संसाधन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी व विद्युत निगम कार्यालयों तथा उपखंड एवं तहसील स्तर पर 15 जून से बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की जावे। ये नियंत्रण कक्ष दिन-रात संचालित हो। साथ ही नियंत्रण कक्षों में सम्बन्धित अधिकारियों तथा कार्मिकों के नाम व मोबाइल/फोन नम्बर की सूची उपलब्ध भी रहनी चाहिए।
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