धोखाधडी मामले में आईडीबीआई बैंक अधिकारियों की जमानत याचिका खारिज
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जयपुर। जयपुर महानगर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रमांक 14 ने आईडीबीआई बैंक लिमिटेड के उप महाप्रबंधक बालकिशन तथा सहायक महाप्रबंधक आर के मीणा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
दरअसल, आईडीबीआई के रिटेल रिकवरी प्रभाग से जुडे इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ जयपुर के पुलिस थाना महेश नगर में 16 जनवरी 2015 को प्रथम सूचना रिपोर्ट भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406-5, 403, 506, 511, 467, 468, 741 तथा 120 बी के तहत सरला शर्मा ने दर्ज कराई थी, जिसमे कहा गया था कि सरला शर्मा के पति स्व. रामअवतार शर्मा ने आईडीबीआई होम फाईनेंस लिमिटेड से 12 लाख रूपये का गृह ऋण वर्ष 2005 में 7.75 प्रतिशत स्थाई ब्याज दर पर लिया था। इस रकम के पुनर्भुगतान की राशि 12,826 रूपये प्रतिमाह की 144 किश्तों में देना सुनिश्चित था।
दिसंबर 2010 में रामअवतार शर्मा का निधन हो गया, उसके पूर्व तक वे बैंक की मासिक किश्त जमा करवाते रहे और 6.94 लाख रूपये बैंक को जमा करा चुके थे। बाद में सरला शर्मा ने बैंक से बकाया ऋण के बारे में जानकारी प्राप्त की तो बैंक द्वारा 11.84 लाख रूपये का जालसाजी पूर्ण कूटरचित बैंक स्टेटमेंट थमा दिया, जिसमें तयशुदा ब्याज दर के विपरीत 12.85% ब्याज दर लगाकर लाखों रूपये की हेर-फेर कर रखी थी।
बैंक के उच्चाधिकारी स्तर पर भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई बल्कि प्रंबधन लगातार धमकाता रहा और संपत्ति से ऋण वसूलने की धमकी देता रहा और फिर संपत्ति पर कब्जा करने के प्रयास आरंभ कर दिये, जिसकी एफआईआर महेश नगर थाने में दर्ज कराई गई। आरोपी बैंक के अधिकारियों ने तथ्यों को छुपाकर जमानत अर्जी लगाई, जिसे अतिरिक्त जिलान्यायाधीश क्रमांक 14 ने खारिज कर दिया।
दरअसल, आईडीबीआई के रिटेल रिकवरी प्रभाग से जुडे इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ जयपुर के पुलिस थाना महेश नगर में 16 जनवरी 2015 को प्रथम सूचना रिपोर्ट भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406-5, 403, 506, 511, 467, 468, 741 तथा 120 बी के तहत सरला शर्मा ने दर्ज कराई थी, जिसमे कहा गया था कि सरला शर्मा के पति स्व. रामअवतार शर्मा ने आईडीबीआई होम फाईनेंस लिमिटेड से 12 लाख रूपये का गृह ऋण वर्ष 2005 में 7.75 प्रतिशत स्थाई ब्याज दर पर लिया था। इस रकम के पुनर्भुगतान की राशि 12,826 रूपये प्रतिमाह की 144 किश्तों में देना सुनिश्चित था।
दिसंबर 2010 में रामअवतार शर्मा का निधन हो गया, उसके पूर्व तक वे बैंक की मासिक किश्त जमा करवाते रहे और 6.94 लाख रूपये बैंक को जमा करा चुके थे। बाद में सरला शर्मा ने बैंक से बकाया ऋण के बारे में जानकारी प्राप्त की तो बैंक द्वारा 11.84 लाख रूपये का जालसाजी पूर्ण कूटरचित बैंक स्टेटमेंट थमा दिया, जिसमें तयशुदा ब्याज दर के विपरीत 12.85% ब्याज दर लगाकर लाखों रूपये की हेर-फेर कर रखी थी।
बैंक के उच्चाधिकारी स्तर पर भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई बल्कि प्रंबधन लगातार धमकाता रहा और संपत्ति से ऋण वसूलने की धमकी देता रहा और फिर संपत्ति पर कब्जा करने के प्रयास आरंभ कर दिये, जिसकी एफआईआर महेश नगर थाने में दर्ज कराई गई। आरोपी बैंक के अधिकारियों ने तथ्यों को छुपाकर जमानत अर्जी लगाई, जिसे अतिरिक्त जिलान्यायाधीश क्रमांक 14 ने खारिज कर दिया।