नियम विरूद्ध खनन से ग्रामीणों को जान- माल का खतरा
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खदान के मलबे में दबा एनीकट। |
उक्त खदान के समीप से ही निकल रहे नाले पर राज्य सरकार ने एक एनीकट भी बनवाया हुआ है, लेकिन खदान मालिक द्वारा खदान का मलबा डालने से एनीकट पुरी तरह मलबे में दब चुका है। नाले में मलबा भर जाने से मवेशियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
नियमों के मुताबिक कोई भी एग्रीमेंट सड़क, नदी-नाले, आबादी व हाई टेंशन लाइन से 45 मी. दूरी पर होना आवश्यक है। जबकि खदान के ऊपर से विद्युत लाइन गुजर रही है और सतकुडिय़ा-तिलस्ंवा रोड़ व आबादी के एकदम समीप है। उक्त खदान का नक्शा भी गलत है, जो मूल नक्शे से मेल नहीं खाता है। इसके बावजूद भी खान विभाग व पटवारी की मिलीभगत से नियमों को धत्ता बताते हुए उक्त खदान एग्रीमेंट कर दी गई। एग्रीमेंट में सुप्रीम कोर्ट व ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की भी खुल कर अवहेंलना की गई है।
सच्चाई जानने के लिए जब खनिज विभाग के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया जाता है तो अधिकारी बात करने से भी कतराते हैं। ग्रामवासियों ने उपखण्ड अधिकारी को जनसुनवाई में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग भी की।