आगामी शिक्षा सत्र गुणवत्ता को समर्पित होगा : देवनानी

Vasudev Devnani, वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी, Jaipur, Rajasthan
जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि राज्य में आगामी शिक्षा सत्र गुणवत्ता को समर्पित होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के विकास की नींव श्रेष्ठ शिक्षा ही है और शिक्षा की नींव प्रारंभिक शिक्षा है। उन्होंने ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को प्रारंभिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के साथ ही नामांकन वृद्धि, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और निजी के मुकाबले सरकारी विद्यालयों में अभिभावकों की विश्वास वृद्धि के लिए गंभीर प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी यह सुनिष्चित करे कि अपने-अपने ब्लाॅक में कहीं पर भी किसी विद्यालय में सौ से कम बच्चे नहीं हों। उन्होंने कहा कि जो ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी नामांकन बढ़ाने, नियमों पर चलते हुए विद्यालयों के विकास में योगदान देगा, सरकार उसे सम्मानित करेगी।

देवनानी यहां राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, दुर्गापुरा में आयोजित प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक, जिला शिक्षा अधिकारियों एवं ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों की दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला नहीं बल्कि प्रारंभिक शिक्षा की समीक्षा और योजना बैठक है। ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी शिक्षा से जुड़े कार्यों के बहुआयामों को समझें। वे समय पर पाठ्य-पुस्तकों के वितरण, विद्यालय विकास समितियों के सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय जैसे अभियानों की गंभीरता को समझते हुए विद्यालयों में प्रभावी वातावरण निर्माण के सहभागी बनें। उन्होंने विद्यालय विकास समितियों से जनप्रतिनिधियों  को जोड़ने के साथ ही ब्लाॅक स्तर पर भामाशाहों के सहयोग से विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए भी कार्य करने पर जोर दिया।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि इस बात पर शिक्षा अधिकारियों को आत्म-चिंतन करने की जरूरत है कि सरकारी विद्यालयों में योग्य एवं कुशल शिक्षकों का चयन होता है, सरकार विद्यार्थिंयो को निजी के मुकाबले बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध कराती और उनका परिसर भी निजी के मुकाबले बड़ा ओर बेहतर होता है, फिर क्या ऐसा कारण है कि नामांकन निजी विद्यालयों के मुकाबले कम होता है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के साथ विद्यालयों में बच्चों का ठहराव भी तभी सुनिष्चित होगा जब अध्यापक समय पर आएंगे और गुणवत्तापूर्ण षिक्षा विद्यालयों में प्रदान करेंगे।

देवनानी ने कहा कि नवीन शिक्षा सत्र में सभी को मिलकर यह प्रयास करने की जरूरत है कि अभिभावकों का रूझान सरकारी विद्यालयो में अपने बच्चों के दाखिले का हो। जब सरकारी विद्यालय में प्रवेश पूर्ण हो जाए तब वे निजी की ओर रूख करे। इसके लिए ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को निरीक्षण व्यवस्था दुरस्त करने की भी जरूरत है। निरीक्षण करते समय वह सरकारी विद्यालयों की कमियों को प्रकट ही नहीं करे बल्कि स्वयं उन कमियों को दूर करने में अपनी भूमिका भी निभाएं। उन्होंने प्रवेशोत्सव को बच्चों को स्कूल से जोड़ने के प्रयास के रूप में मनाने, विद्यालयों में शिशु वाटिकाओं के निर्माण और बेहतर वातावरण के लिए प्रयास किए जाने पर जोर दिया। देवनानी ने कार्यशाला में ‘स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय’ लघु फोल्डर का भी विमोचन किया।

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