छात्रसंघ चुनाव रद्द करने को लेकर छात्रों ने किया विरोध-प्रदर्शन
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव रद्द करने पर आज छात्रों का आक्रोश विश्वविद्यालय प्रशासन एवं पुलिस के खिलाफ खुलकर सामनें आया।...
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जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव रद्द करने पर आज छात्रों का आक्रोश विश्वविद्यालय प्रशासन एवं पुलिस के खिलाफ खुलकर सामनें आया। विश्वविद्यालय परिसर के सामने आज छात्रों ने प्रशासन एवं पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया तथा रास्ता जाम करने का प्रयास किया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जेएलएन मार्ग को छात्रों ने जाम करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस बल पहुंचने पर रास्ता जाम नहीं हुआ और छात्रों को रास्ते से हटाने के दौरान छात्रों एवं पुलिस के बीच हल्की झडपें भी हुई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शांतिपूर्ण प्रर्दशन को नहीं रोका जायेगा लेकिन उग्र होने पर कडी कार्यवाही की जायेगी। मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि कल राजस्थान उच्च न्यायालय ने छात्रसंघ के चुनाव इस कारण से रद्द कर दिये कि चुनावों में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की पालना नहीं हुई। उच्च न्यायालय में पुलिस द्वारा पेश शपथ पत्र में माना कि कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन हुआ है। छात्र नेताों का कहना है कि पुलिस ने गलत सूचनाओं पर न्यायालय में शपथ पत्र पेश किया है तथा मामले की केन्द्रीय जांच सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
छात्रसंघ के चुनाव 23 अगस्त को सम्पन्न हुए थे, लेकिन न्यायालय ने सारांश घीया की याचिका पर 22 अगस्त को ही चुनाव परिणाम जारी करने पर रोक लगाने के आदेश दिये तथा स्पष्ट किया कि बिना न्यायालय की अनुमति के विश्वविद्यालय चुनाव परिणाम जारी नहीं करें। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनीष भंडारी ने इस याचिका पर सुनवाई कर कल छात्र संघ चुनाव रद्द करने के आदेश दिये।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जेएलएन मार्ग को छात्रों ने जाम करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस बल पहुंचने पर रास्ता जाम नहीं हुआ और छात्रों को रास्ते से हटाने के दौरान छात्रों एवं पुलिस के बीच हल्की झडपें भी हुई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शांतिपूर्ण प्रर्दशन को नहीं रोका जायेगा लेकिन उग्र होने पर कडी कार्यवाही की जायेगी। मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि कल राजस्थान उच्च न्यायालय ने छात्रसंघ के चुनाव इस कारण से रद्द कर दिये कि चुनावों में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की पालना नहीं हुई। उच्च न्यायालय में पुलिस द्वारा पेश शपथ पत्र में माना कि कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन हुआ है। छात्र नेताों का कहना है कि पुलिस ने गलत सूचनाओं पर न्यायालय में शपथ पत्र पेश किया है तथा मामले की केन्द्रीय जांच सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
छात्रसंघ के चुनाव 23 अगस्त को सम्पन्न हुए थे, लेकिन न्यायालय ने सारांश घीया की याचिका पर 22 अगस्त को ही चुनाव परिणाम जारी करने पर रोक लगाने के आदेश दिये तथा स्पष्ट किया कि बिना न्यायालय की अनुमति के विश्वविद्यालय चुनाव परिणाम जारी नहीं करें। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनीष भंडारी ने इस याचिका पर सुनवाई कर कल छात्र संघ चुनाव रद्द करने के आदेश दिये।