पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर हो सकती है कटौती

नई दिल्ली। तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक की वियना में हुई बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती नहीं करने के फैसले से देश में पेट...

नई दिल्ली। तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक की वियना में हुई बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती नहीं करने के फैसले से देश में पेट्रोल और डीजल के सस्ता होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।

ओपेक के सदस्य देशों सऊदी अरब, कुवैत, कतर और संयुक्त अरब अमीरात की बैठक में उत्पादन कटौती के प्रस्ताव को पेश नहीं किया गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम में तेजी आने पर विराम लग गया। ओपेक के इस फैसले से वैश्विक स्तर पर आपूर्ति और बढने के मद्देनजर कच्चा तेल की कीमत चार वर्ष में पहली बार तेज गिरावट के साथ 72.58 डालर प्रति बैरल पर आ गई।

विशेषज्ञों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल कीमत 60 डालर प्रति बैरल के नीचे आने की उम्मीद है। इसका असर घरेलू बाजार पर भी दिखाई देगा तथा पेट्रोल और डीजल और सस्ता हो सकते हैं। उनके अनुसार वैश्विक स्तर पर अगर यही रूझान रहा तो देश में पेट्रोल के दाम अगले एक सप्ताह में 60 रूपये प्रति लीटर पर आ सकता है।

सिंगापुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्रेंट क्रूड 5.17 डालर गिरकर 72.58 डालर प्रति बैरल पर आ गया जो जुलाई 2010 के बाद का न्यूनतम स्तर है। इसी तरह अमेरिकी स्वीट क्रूड भी छह डालर टूटकर 67.75 डालर प्रति बैरल पर आ गया। दुनिया के बडे उपभोक्ता देश चीन और अमेरिका में भंडारण बढने से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की आपूर्ति में तेजी देखी जा रही है। अ

मेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन के आंकडों के अनुसार 21 नवंबर को समाप्त सप्ताह में अमेरिका का तेल भंडार 19 लाख बैरल पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक तेल की कीमत घटने से सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने में मदद मिलने के साथ ही तेल के आयात में 4000 करोड रूपये की बचत हो सकती है।


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