शहीद दिवस पर पुलिस शहीदों के सम्मान में फिर कोताही
जयपुर। मंगलवार को पुलिस शहीद दिवस के मौके पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में राजस्थान पुलिस अकादमी में शहीद स्मारक पर पुलिस शहीद दिवस 2014...
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जयपुर। मंगलवार को पुलिस शहीद दिवस के मौके पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में राजस्थान पुलिस अकादमी में शहीद स्मारक पर पुलिस शहीद दिवस 2014 के मौके पर आयोजित श्रद्वांजलि कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को आह्वान करते हुए पुलिस महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि वे कर्तव्य की बलिवेदी पर अपनी जान की बाजी लगाने वाले जाबांजों के साहस और बलिदान को व्यर्थ न जाने दें और हर परिस्थिति में राष्ट्र विरोधी तथा अलोकतांत्रिक ताकतों से लोहा लें । उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा,शांति व्यवस्था एवं अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले इन वीर पुलिस जवानों से हमें प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्यों का देशहित में इसी प्रकार निष्पादन करना चाहिए।
पुलिस महा निदेशक के द्वारा कही गई ये बातें तो सराहनीय थी, जो उन्होंने पुलिसकर्मियों को आह्वान करते हुए कही। लेकिन शायद वे खुद इस बात को भूल गए कि शीादों के सम्मान को लेकर जो बातें पुलिसकर्मियों को कही जा रही थी वे खुद उन पर भी तो लागू होती होगी। शायद इसी वजह से उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित करने के इस पुनीत कार्य के लिए अपने जूते तक उतारने की जहमत नहीं उठाई तथा जूते पहनकर ही शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित किए। इस खास मौके पर वे अगर अपने जूते उतार शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते तो उन शहीदों के प्रति उनका श्रृद्धाभाव और भी ज्यादा नजर आता।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले गत वर्ष भी ठीक इसी तरह से, इसी जगह पर आयोजित इसी कार्यक्रम में शहीदों के सम्मान में ठीक इसी प्रकार की अनदेखी नजर आई थी, जब तत्कालीन डीजीपी हरीश चन्द्र मीना ने शहीद दिवस पर आयोजित श्रद्वांजलि समारोह में परेड का निरीक्षण किया और शहीदों को पुष्पचक्र के रूप में श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते वक्त अपने जूते उतारना मुनासिब नहीं समझा था।
बहरहाल, पुलिस महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज ने देश में गत एक सितम्बर, 2013 से 31 अगस्त, 2014 की अवधि में कर्तव्यपालन करते वीर गति को प्राप्त हुए पुलिसकर्मियों एवं केन्द्रीय पुलिस संगठनों को याद करते हुए उनके नाम व पद नाम का उल्लेख किया। इस अवधि में कुल 662 पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी वीर गति को प्राप्त हुए। उन्होंने बताया कि राजस्थान में एक सितम्बर, 2013 से 31 अगस्त, 2014 तक पुलिस विभाग में अपनी ड्यूटी पर कर्तव्य-पालन करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वालों में राजस्थान पुलिस के वीर सपूत सहायक उपनिरीक्षक ओम प्रकाश व राजेश कुमार मीणा एवं हैड कांस्टेबल चिरंजी लाल थे।
इससे पहले शहीद स्थल पर बने सलामी स्थल पर भारद्वाज के आगमन पर पुलिस बल की टुकड़ियों ने सशस्त्र सलामी दी। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, प्रशिक्षण नन्द किशोर, निदेशक राज. पुलिस अकादमी बी.एल. सोनी व अन्य अधिकारियों ने अगवानी की। इसके बाद भारद्वाज ने परेड का निरीक्षण किया।
पुलिस महा निदेशक के द्वारा कही गई ये बातें तो सराहनीय थी, जो उन्होंने पुलिसकर्मियों को आह्वान करते हुए कही। लेकिन शायद वे खुद इस बात को भूल गए कि शीादों के सम्मान को लेकर जो बातें पुलिसकर्मियों को कही जा रही थी वे खुद उन पर भी तो लागू होती होगी। शायद इसी वजह से उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित करने के इस पुनीत कार्य के लिए अपने जूते तक उतारने की जहमत नहीं उठाई तथा जूते पहनकर ही शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित किए। इस खास मौके पर वे अगर अपने जूते उतार शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते तो उन शहीदों के प्रति उनका श्रृद्धाभाव और भी ज्यादा नजर आता।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले गत वर्ष भी ठीक इसी तरह से, इसी जगह पर आयोजित इसी कार्यक्रम में शहीदों के सम्मान में ठीक इसी प्रकार की अनदेखी नजर आई थी, जब तत्कालीन डीजीपी हरीश चन्द्र मीना ने शहीद दिवस पर आयोजित श्रद्वांजलि समारोह में परेड का निरीक्षण किया और शहीदों को पुष्पचक्र के रूप में श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते वक्त अपने जूते उतारना मुनासिब नहीं समझा था।
बहरहाल, पुलिस महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज ने देश में गत एक सितम्बर, 2013 से 31 अगस्त, 2014 की अवधि में कर्तव्यपालन करते वीर गति को प्राप्त हुए पुलिसकर्मियों एवं केन्द्रीय पुलिस संगठनों को याद करते हुए उनके नाम व पद नाम का उल्लेख किया। इस अवधि में कुल 662 पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी वीर गति को प्राप्त हुए। उन्होंने बताया कि राजस्थान में एक सितम्बर, 2013 से 31 अगस्त, 2014 तक पुलिस विभाग में अपनी ड्यूटी पर कर्तव्य-पालन करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वालों में राजस्थान पुलिस के वीर सपूत सहायक उपनिरीक्षक ओम प्रकाश व राजेश कुमार मीणा एवं हैड कांस्टेबल चिरंजी लाल थे।
इससे पहले शहीद स्थल पर बने सलामी स्थल पर भारद्वाज के आगमन पर पुलिस बल की टुकड़ियों ने सशस्त्र सलामी दी। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, प्रशिक्षण नन्द किशोर, निदेशक राज. पुलिस अकादमी बी.एल. सोनी व अन्य अधिकारियों ने अगवानी की। इसके बाद भारद्वाज ने परेड का निरीक्षण किया।