रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल खत्म
जयपुर। सरकार द्वारा रेजिडेंट डॉक्टरों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की मांग मान लिए जाने के बाद डॉक्टरों ने आखिरकार अपनी जिद छोड़ दी है और आखि...
https://khabarrn1.blogspot.com/2014/08/strike-of-resident-doctors-over-afterconsidered-their-demands.html
जयपुर। सरकार द्वारा रेजिडेंट डॉक्टरों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की मांग मान लिए जाने के बाद डॉक्टरों ने आखिरकार अपनी जिद छोड़ दी है और आखिरकाम काम पर लौट आए हैं। बीते दो दिन में रेजीडेंट की हड़ताल के कारण व्यवस्थाएं चरामर्रा गई थी।
समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण कई मरीजों की हालात बिगड़ गई। इस मामले में सुबह से ही राज्य सरकार समझाइश कर रही थी। इसके बाद अस्पताल में डॉक्टर को पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने और बिना पास किसी भी मरीज के परिजन को प्रवेश नहीं करने के नियम को बाध्यता के साथ लागू करने की बात पर डॉक्टर माने।
गणगौरी अस्पताल और एसएमएस अस्पताल में रेजीडेंट से मारपीट के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में दूसरे दिन शुक्रवार को रेजीडेंट हड्ताल पर रहने से हर तरफ मरीजों की कहार सुनाई दी। डॉक्टर नहीं होने के कारण अस्पतालों में मरीज के परिजन इधर से उधर भटकते दिखाई दिए वहीं एसएमएस अस्पताल में कई आॅपरेशन भी टालने पड़े।
डॉक्टरों के नहीं होने के कारण कई मरीजों और उनके परिजनों के आंख में आंसु निकल आए लेकिन एक की गलती का सजा सबको देने वाले चिकित्सकर्मियों का दिल नहीं पसीजा। एसएमएस अस्पताल सहित सहित जेकेलोन, महिला अस्पताल, जनाना अस्पताल, गणगौरी और जयपुरिया अस्पताल में मरीजों को उपचार के लिए काफी के लिए घंटो परेशान होना पड़ा।
आउटडोर तो मरीजों की लंबी कतार लग गई और इलाज नहीं मिलने पर मरीजों ने निजी अस्पताल में पहुंचे। मरीजों का कहना था कि हर बार किसी न किसी बात पर डॉक्टर हड़ताल कर देते है और इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता है। एसएमएस अस्पताल में आउटडोर में गई कमला का कहना था कि उनको बुखार और अस्थमा की मरीज है लेकिन अस्पताल में तीन घंटे से परेशान हो रही है।
गौरतलब है कि एसएमएस के थ्री एफ वार्ड में भर्ती सावित्री के परिजनों ने गुरुवार को वार्ड के रेजीडेंट डॉ. रामगोपाल से मारपीट कर दी थी। रेजीडेंट ने मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल से बात करनी चाही लेकिन दो बार वार्ता नहीं हो सकी। इसके बाद गुस्साए रेजीडेंट हड़ताल पर चले गए इस कारण अस्पताल में व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमराई गई थी।
रेजीडेंट के हडताल के बाद सीनियर डॉक्टर्स ने व्यवस्थाएं संभालने की खूब कोशिश की लेकिन मरीजों की अधिक संख्या होने के कारण वे भी सभी को नहीं देख सके। अधिकांश मरीजों को बिना दिखाए लौटना पड़ा। जयपुर एसोसिएशन आॅफ रेजीडेंट डॉक्टर्स ने सरकार से सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की मांग की है।
जार्ड अध्यक्ष का कहना था कि कोई भी डॉक्टर पिटकर काम नहीं कर सकता। उन्होंने कहा है कि जब तक सरकार मांग नहं मान लेती हड़ताल जारी रहेगी। इसके बाद एसएमएस अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को माकूल बनाने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी में डॉक्टरए नर्सिंग स्टाफ और सीनियर रेजीडेंट हैं। कमेटी सदस्य अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों को सही जगह लगाने और उनकी मॉनिटरिंग का काम करेगी।
समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण कई मरीजों की हालात बिगड़ गई। इस मामले में सुबह से ही राज्य सरकार समझाइश कर रही थी। इसके बाद अस्पताल में डॉक्टर को पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने और बिना पास किसी भी मरीज के परिजन को प्रवेश नहीं करने के नियम को बाध्यता के साथ लागू करने की बात पर डॉक्टर माने।
गणगौरी अस्पताल और एसएमएस अस्पताल में रेजीडेंट से मारपीट के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में दूसरे दिन शुक्रवार को रेजीडेंट हड्ताल पर रहने से हर तरफ मरीजों की कहार सुनाई दी। डॉक्टर नहीं होने के कारण अस्पतालों में मरीज के परिजन इधर से उधर भटकते दिखाई दिए वहीं एसएमएस अस्पताल में कई आॅपरेशन भी टालने पड़े।
डॉक्टरों के नहीं होने के कारण कई मरीजों और उनके परिजनों के आंख में आंसु निकल आए लेकिन एक की गलती का सजा सबको देने वाले चिकित्सकर्मियों का दिल नहीं पसीजा। एसएमएस अस्पताल सहित सहित जेकेलोन, महिला अस्पताल, जनाना अस्पताल, गणगौरी और जयपुरिया अस्पताल में मरीजों को उपचार के लिए काफी के लिए घंटो परेशान होना पड़ा।
आउटडोर तो मरीजों की लंबी कतार लग गई और इलाज नहीं मिलने पर मरीजों ने निजी अस्पताल में पहुंचे। मरीजों का कहना था कि हर बार किसी न किसी बात पर डॉक्टर हड़ताल कर देते है और इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता है। एसएमएस अस्पताल में आउटडोर में गई कमला का कहना था कि उनको बुखार और अस्थमा की मरीज है लेकिन अस्पताल में तीन घंटे से परेशान हो रही है।
गौरतलब है कि एसएमएस के थ्री एफ वार्ड में भर्ती सावित्री के परिजनों ने गुरुवार को वार्ड के रेजीडेंट डॉ. रामगोपाल से मारपीट कर दी थी। रेजीडेंट ने मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल से बात करनी चाही लेकिन दो बार वार्ता नहीं हो सकी। इसके बाद गुस्साए रेजीडेंट हड़ताल पर चले गए इस कारण अस्पताल में व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमराई गई थी।
रेजीडेंट के हडताल के बाद सीनियर डॉक्टर्स ने व्यवस्थाएं संभालने की खूब कोशिश की लेकिन मरीजों की अधिक संख्या होने के कारण वे भी सभी को नहीं देख सके। अधिकांश मरीजों को बिना दिखाए लौटना पड़ा। जयपुर एसोसिएशन आॅफ रेजीडेंट डॉक्टर्स ने सरकार से सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की मांग की है।
जार्ड अध्यक्ष का कहना था कि कोई भी डॉक्टर पिटकर काम नहीं कर सकता। उन्होंने कहा है कि जब तक सरकार मांग नहं मान लेती हड़ताल जारी रहेगी। इसके बाद एसएमएस अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को माकूल बनाने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी में डॉक्टरए नर्सिंग स्टाफ और सीनियर रेजीडेंट हैं। कमेटी सदस्य अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों को सही जगह लगाने और उनकी मॉनिटरिंग का काम करेगी।
