राजस्थान में भी ईबोला से सतर्कता के निर्देश
जयपुर। अफ्रीकी देशों में बढ़ते प्रकोप के बाद दुनियाभर में ईबोला वायरस से सतर्क रहने के लिए अलर्ट जारी किया गया है और सतर्कता बरतने के निर्...
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश में मानसून के मद्देनजर बारिश से प्रभावित इलाकों में जलजनित एवं मच्छरजनित बीमारियों (डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया) की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए स्वाथ्य विभाग के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं।
वहीं इबोला वायरस के बारे में भी विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं। राठौड़ ने मच्छरों की रोकथाम के लिए एन्टीलार्वल गतिविधियों पर अधिक ध्यान देने एवं मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए पानी के ठहराव वाले स्थानों पर एमएलओ डलवाने के निर्देश दिये।
वहीं दुनियाभर में ईबोला वायरस के बढ़ते हुए प्रकोप को ध्यान में रखकर इससे बचने के लिए चिकित्सा मंत्री राठौड़ ने प्रदेश में एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की मेड़िकल जांच कराने के साथ ही विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि अफ्रीकी देशों में ईबोला नाम का वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है एवं बहुत से लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं।
क्या है ईबोला वायरस : अफ्रीकी देशों में बढ़ रहा यह ईबोला नामक वायरस पहले तो बुखार, सिरदर्द आदि के रूप में अपना असर दिखाता है और फिर धीरे-धीरे व्यक्ति के लीवर और किडनी तक पहुंच जाता है। इसके कुछ समय बाद ही पूरे शरीर पर मोटे-मोर्ट फोड़े-फफोले होने लगते हैं, जो बढ़ी तेजी से बढ़ते जाते हैं और इतने भयावह हो जाते हैं, जिन्हें देखकर आम इंसान को ड़र लगने लगता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अब तक ईबोला वायरस से ग्रस्त 1300 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं एवं 700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ईबोला वायरस से अफ्रीकी देश गिनी, सीएरा लीयोन और लाइबेरिया में भी अनेक व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। इन अफ्रीकी देशों से कोई भी व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित होकर लौटकर ईबोला वायरस फैला सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं।