'आसाराम को है बच्चों का यौन शोषण करने की बीमारी'
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मंगलवार को न्यायाधीश निर्मलजीत कौर की अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से आरोप लगाया गया कि आसाराम बच्चों का यौन शोषण करने की बीमारी पीडोफीलिया से ग्रसित हैं। इस संबंध में एक चिकित्सक का प्रमाण पत्र भी पेश किया गया।
दूसरी ओर आसाराम के वकील राम जेठमलानी ने पीड़िता के चरित्र और आचरण के खिलाफ चार शपथ पत्र पेश किए। मंगलवार को जोधपुर हाईकोर्ट में वकील ने बाकायदा जज के सामने आसाराम को यह बीमारी होने का दावा पेश किया। असल में यह दावा आसाराम के वकील राम जेठमलानी के उस दावे पर हुकुम का इक्का साबित हुआ, जिसमें उन्होंने नाबालिग बच्ची को पुरुषों की ओर आकर्षित होने की बीमारी होने की बात कही थी।
इन्हीं दलीलों को देखते हुए जज ने आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी। राजस्थान हाईकोर्ट में वकील ने दावा पेश किया कि मामले के मुख्य आरोपी आसाराम बापू को कम उम्र की लड़कियों से यौन संबंध बनाने की लत लगी हुई है और वो हमेशा नई लड़की की तलाश में रहते हैं। वकील ने दावा किया कि यह बात मेडिकल चेकअप में भी साबित हुई है।
वकील ने जज के सामने कहा कि पीडोफीलिया एक प्रकार की मानसिक विकृति है, जिसके चलते आदमी जब भी किसी लड़की की ओर देखता है, उसके दिमाग में गलत विचार दौड़ने लगते हैं। और वह उसके साथ संबंध बनाने की सोचने लगता है।
दलील ने कहा कि अगर आसाराम को जमानत दे दी गई, तो वह अपनी इस विकृति के चलते और भी कई लड़कियों को अपना शिकार बना सकते हैं। लिहाजा उन्हें जमानत नहीं दी जाये। गौरतलब है कि आसाराम बापू की हाईकोर्ट से में जमानत याचिका दाखिल किये जाने के पहले सेशन कोर्ट ने 11 अक्टूबर तक उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया था।