आसाराम मामले की अहम किरदार शिल्पी की संचिता गुप्ता से शिल्पी बनने की कहानी
जोधपुर। नाबालिग लड़की से यौन शोषण के आरोप में जोधपुर की जेल में बंद आसाराम की शिष्या और छिंदवाड़ा गुरूकुल की वार्डन शिल्पी उर्फ संचिता गु...
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जोधपुर। नाबालिग लड़की से यौन शोषण के आरोप में जोधपुर की जेल में बंद आसाराम की शिष्या और छिंदवाड़ा गुरूकुल की वार्डन शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता ने समर्पण करने के बाद पुलिस के सामने कई अहम खुलासे किए हैं। आसाराम मामले में शिल्पी वही किरदार है जिसने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की को मणाई के फार्म हाउस में आसाराम के पास भेजा था।
अपनी जमानत अर्जी में यह कहने वाली शिल्पी पुलिस गिरफ्त में यह कहती नजर आई कि आसाराम बापू को फंसाया जा रहा है, हम बेकसूर हैं। आसाराम की राजदार संचिता गुप्ता से शिल्पी बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प नहीं है। एक निजी समाचार चैनल के मुताबिक आसाराम की चार चौकड़ी में महत्वपूर्ण किरदार शिल्पी आसाराम के हर आश्रम में रह चुकी है। शिल्पी आसाराम के हर राज से परिचित थी।
रायपुर की रहने वाली शिल्पी का पूरा परिवार आसाराम के प्रति समर्पित था और उनका भक्त था। शिल्पी उर्फ संचिता के माता-पिता आसाराम के आश्रम में अक्सर जाते थे और शिल्पी भी अपने उनके साथ आसाराम के आश्रम में जाती थी।
संचिता उर्फ शिल्पी भी बचपन से आसाराम की भक्त थी। पढ़ने-लिखने में तेज शिल्पी ने रायपुर से साइकोलॉजी से एमए किया है। आसाराम से बेहद प्रभावित रही शिल्पी ने 2005 में अहमदाबाद आश्रम में आसाराम से दीक्षा ली। शिल्पी के मुताबिक 2011 में उसे अहमदाबाद आश्रम में ऐसा लगा कि उस पर किसी शक्ति का असर हो गया है। 2012 से शिल्पी अहमदाबाद आश्रम में रहने लगी। यहीं पर उसे संचिता से नया नाम मिला 'शिल्पी'। शिल्पी ने अपने माता-पिता को भी कह दिया कि वह शादी नहीं करेगी और अब वापस सांसरिक दुनिया में नहीं आएगी।
इसके बाद आसाराम ने शिल्पी की काबिलियत देखते हुए उसे छात्रावास का वार्डन बना दिया। शिल्पी की योग्यता देखते हुए आसाराम ने उसे अपना करीबी बना लिया। यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की ने अपनी शिकायत में बताया कि शिल्पी ही लड़कियों का ब्रैनवॉश कर उन्हें आसाराम के पास भेजती थी। वह भूत-प्रेत का शिकार बताकर रहस्यमयी तरीके से लड़कियों को फुसलाकर आसाराम के पास भेजती थी।
आसाराम के हर आश्रम में रह चुकी शिल्पी ने 4 सितंबर को जमानत की अर्जी में यह लिखा है कि वह आसाराम को जानती तक नहीं थी जबकि शिल्पी आसाराम के राजदारों का महत्वपूर्ण किरदार है। सूत्रों के अनुसार शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता ने पुलिस रिमांड में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। शिल्पी ने पुलिस को बताया कि छात्रा से यौन दुराचार एक सोची-समझी साजिश थी।
पीड़िता को आसाराम के पास भेजने को मजबूर करने के लिए ही भूत-प्रेत का साया तथा बीमार होने की कहानी गढ़ी गई थी, ताकि इलास के लिए परिजन छात्रा को लेकर आसाराम तक पहुंचे और वह अपने कुकृत्य में सफल हो सके। शिल्पी से जांच में यह सामने आया था कि यूपी के मेरठ में आसाराम की शिकार एक और पीड़िता है।
अपनी जमानत अर्जी में यह कहने वाली शिल्पी पुलिस गिरफ्त में यह कहती नजर आई कि आसाराम बापू को फंसाया जा रहा है, हम बेकसूर हैं। आसाराम की राजदार संचिता गुप्ता से शिल्पी बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प नहीं है। एक निजी समाचार चैनल के मुताबिक आसाराम की चार चौकड़ी में महत्वपूर्ण किरदार शिल्पी आसाराम के हर आश्रम में रह चुकी है। शिल्पी आसाराम के हर राज से परिचित थी।
रायपुर की रहने वाली शिल्पी का पूरा परिवार आसाराम के प्रति समर्पित था और उनका भक्त था। शिल्पी उर्फ संचिता के माता-पिता आसाराम के आश्रम में अक्सर जाते थे और शिल्पी भी अपने उनके साथ आसाराम के आश्रम में जाती थी।
संचिता उर्फ शिल्पी भी बचपन से आसाराम की भक्त थी। पढ़ने-लिखने में तेज शिल्पी ने रायपुर से साइकोलॉजी से एमए किया है। आसाराम से बेहद प्रभावित रही शिल्पी ने 2005 में अहमदाबाद आश्रम में आसाराम से दीक्षा ली। शिल्पी के मुताबिक 2011 में उसे अहमदाबाद आश्रम में ऐसा लगा कि उस पर किसी शक्ति का असर हो गया है। 2012 से शिल्पी अहमदाबाद आश्रम में रहने लगी। यहीं पर उसे संचिता से नया नाम मिला 'शिल्पी'। शिल्पी ने अपने माता-पिता को भी कह दिया कि वह शादी नहीं करेगी और अब वापस सांसरिक दुनिया में नहीं आएगी।
इसके बाद आसाराम ने शिल्पी की काबिलियत देखते हुए उसे छात्रावास का वार्डन बना दिया। शिल्पी की योग्यता देखते हुए आसाराम ने उसे अपना करीबी बना लिया। यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की ने अपनी शिकायत में बताया कि शिल्पी ही लड़कियों का ब्रैनवॉश कर उन्हें आसाराम के पास भेजती थी। वह भूत-प्रेत का शिकार बताकर रहस्यमयी तरीके से लड़कियों को फुसलाकर आसाराम के पास भेजती थी।
आसाराम के हर आश्रम में रह चुकी शिल्पी ने 4 सितंबर को जमानत की अर्जी में यह लिखा है कि वह आसाराम को जानती तक नहीं थी जबकि शिल्पी आसाराम के राजदारों का महत्वपूर्ण किरदार है। सूत्रों के अनुसार शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता ने पुलिस रिमांड में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। शिल्पी ने पुलिस को बताया कि छात्रा से यौन दुराचार एक सोची-समझी साजिश थी।
पीड़िता को आसाराम के पास भेजने को मजबूर करने के लिए ही भूत-प्रेत का साया तथा बीमार होने की कहानी गढ़ी गई थी, ताकि इलास के लिए परिजन छात्रा को लेकर आसाराम तक पहुंचे और वह अपने कुकृत्य में सफल हो सके। शिल्पी से जांच में यह सामने आया था कि यूपी के मेरठ में आसाराम की शिकार एक और पीड़िता है।