पुलिस की जांच बनी महिला के न्याय में मुसीबत
जयपुर (जितेन्द्र शर्मा)। एफआईआर को दर्ज हुए दो माह गुजर जाने के बाद भी कार्रवाई तो दूर पुलिस सिर्फ बयानों तक ही सिमट कर रह गई है। वैशाली...
इलाके में रहने वाली एक महिला के घर पर उसके आरोपी पति ने अपना ताला लगाकर उसे घर से बाहर रहने को मजबूर कर दिया है। काफी बार उसने पति से समझाइश की लेकिन आरोपी की पुलिस से सांठगांठ व ऊंचे रसूखात के चलते उसको घर में नहीं घुसने दिया। इस पर महिला ने वैशाली नगर थाने में गत 7 जुलाई को पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
पीडिता के मुताबिक तत्कालीन जांच अधिकारी एएसआई गणेश नारायण का उसके पास फोन आया और थाने में आकर बयान देने के लिए कहा। इस पर पीडिता ने तबीयत खराब होने की कहकर थाने जाकर बयान दर्ज कराने में असमर्थता जताई। इसके कुछ दिनों बाद ही एएसआई गणेश नारायण का तबादला हो गया तो मामले की जांच उप निरीक्षक कमल किशोर को सौंपी गई। जांच अधिकारी ने पीडिता की मां के घर जाकर उसके बयान भी ले लिए। लेकिन उसके बाद मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई और न ही उसके घर का ताला खुलवाया। इससे पीडिता दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गई है।
पीडिता का आरोप है कि उसका पति आरोपी सत्यनारायण गुप्ता के ऊंचे रसूखात व पहुंच होने के कारण पुलिस कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि वह बीमारी से काफी ग्रसित होने के बाद तनाव में चल रही है। आरोपी ने मकान पर जाने पर उसके हाथ पैर तोड़कर जान से मारने की धमकी भी दी है।
क्या है मामला : सेक्टर-9 चित्रकूट, वैशाली नगर निवासी पीडिता अनु गुप्ता ने गत 7 जुलाई को आरोपी पति सत्यनारायण गुप्ता के खिलाफ वैशाली नगर थाने में मामला दर्ज कराया था। मामले के अनुसार उसका मकान स्वयं के नाम से आवंटन है। वह कुछ दिन के लिए अपनी मां के घर सांगानेर आई थी। उसके बाद पीछे से उसके पति आरोपी सत्यनारायण ने उसके घर पर स्वयं का ताला लगा दिया और मेनगेट की ओर सीसीटीवी कैमरा लगा दिया। पूर्व में भी वैशाली नगर थाने से वह अरोपी को दो बार पाबंद करवा चुकी है लेकिन, उस पर इसका कोई असर नहीं हुआ बल्कि, उसके हौंसले और भी बुलंद हो गए हैं।