बालिकाओं को आत्मरक्षा का मिलेगा प्रशिक्षण, 13 हजार 500 स्कूलों में बनेगी कम्प्यूटर लैब
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अजमेर। शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। पिछले एक साल में एक लाख से अधिक शिक्षकों को पदोन्नति के साथ ही हजारों पदों पर भर्ती की गई है। काउंसलिंग के जरिए पदस्थापन की शानदार सफलता के बाद अब शिक्षा में कुछ और नए आयाम जुड़ने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा प्रदेश की बालिकाओं को सशक्त बनाने के निर्देशों की पालना में सरकारी स्कूलों की 2.25 लाख बालिकाओं को इस वर्ष आत्मरक्षा का सघन प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही राज्य की 13 हजार 500 स्कूलों में कम्प्यूटर लैब तैयार की जाएगी।
शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. देवनानी ने आज पुरानी मण्डी स्थित केन्द्रीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में मण्डल स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने 3 सालों के कार्यकाल में स्कूल से प्रदेश तक शिक्षकों का सम्मान बढ़ाया है। उनके सम्मान के रूप में दशकों से अटकी पड़ी पदोन्नति प्रक्रिया पुनः शुरू की गई है। पिछले एक साल में एक लाख शिक्षकों को पदोन्नति दी गई। राज्य में 37 हजार नई नियुक्तियां एवं पदस्थापन किए गए है।
मुख्यमंत्राी की पहल पर हमने काउंसलिंग से पदस्थापन की ऐतिहासिक पहल की। अब काउंसलिंग में आइए और अपनी मैरिट के अनुसार मनचाहे स्कूल में पदस्थापन पाइए। अब शिक्षकों को किसी के पास चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ती है। इनके अलावा भी शिक्षकों की सैंकड़ों समस्याओं का समाधान कर उन्हें राहत दी गई है।
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार इस शैक्षिणक सत्र में सरकारी स्कूलों की सवा दो लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देगी। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे चाहती है कि प्रदेश की बेटियां शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ और मजबूत बने तथा प्रदेश का नाम विभिन्न क्षेत्रों में रोशन करें। इसके लिए उन्हें विभिन्न सुविधाएं भी दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के हितों के लिए पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है। शिक्षक वर्ग भी सरकार के इन प्रयासों में कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करे। स्कूलों में सिर्फ शत प्रतिशत परिणाम ही काफी नहीं है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्र्तीण हो। सरकारी स्कूलों से अधिक से अधिक विद्यार्थी मेरिट में आए तथा पिछली बार से अधिक बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार प्राप्त हो।
देवनानी ने जानकारी दी कि प्रदेश की 13 हजार 500 स्कूलों को कम्प्यूटर लैब की सुविधा से युक्त किया जाएगा। मेरिट में आने लायक विद्यार्थियों को चिन्हित कर उनके शिक्षण की विशेष व्यवस्था की जा रही है। साथ ही विभिन्न विषयों में कमजोर विद्यार्थियों के लिए रेमेडियल क्लास लगायी जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर भी राजस्थान में शिक्षा के नवाचारों को सराहा जा रहा है।
उन्होंने ने मण्डल स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न कार्य करने पर 5 शिक्षकों का सम्मान किया। उन्होंने नागौर जिले से राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या एक ढींगसरा खिंवसर के अध्यापक मांगीलाल लेघा, टोंक जिले से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संवारिया टोडाराॅय सिंह के संस्कृत विषय के वरिष्ठ अध्यापक हेमराज विजय, अजमेर जिले में राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय चांपानेरी के राजनीति विज्ञान के व्याख्याता रामगोपाल बैरवा, राजकीय माध्यमिक विद्यालय सील, अंराई के गणित विषय के वरिष्ठ अध्यापक सत्यनारायण कलवार एवं राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, जैन गुरूकुल ब्यावर के अंग्रेजी प्राध्यापक रमेशचन्द्र दाधीच का सम्मान किया। कार्यक्रम को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी संबोधित किया।
शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. देवनानी ने आज पुरानी मण्डी स्थित केन्द्रीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में मण्डल स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने 3 सालों के कार्यकाल में स्कूल से प्रदेश तक शिक्षकों का सम्मान बढ़ाया है। उनके सम्मान के रूप में दशकों से अटकी पड़ी पदोन्नति प्रक्रिया पुनः शुरू की गई है। पिछले एक साल में एक लाख शिक्षकों को पदोन्नति दी गई। राज्य में 37 हजार नई नियुक्तियां एवं पदस्थापन किए गए है।
मुख्यमंत्राी की पहल पर हमने काउंसलिंग से पदस्थापन की ऐतिहासिक पहल की। अब काउंसलिंग में आइए और अपनी मैरिट के अनुसार मनचाहे स्कूल में पदस्थापन पाइए। अब शिक्षकों को किसी के पास चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ती है। इनके अलावा भी शिक्षकों की सैंकड़ों समस्याओं का समाधान कर उन्हें राहत दी गई है।
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार इस शैक्षिणक सत्र में सरकारी स्कूलों की सवा दो लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देगी। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे चाहती है कि प्रदेश की बेटियां शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ और मजबूत बने तथा प्रदेश का नाम विभिन्न क्षेत्रों में रोशन करें। इसके लिए उन्हें विभिन्न सुविधाएं भी दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के हितों के लिए पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है। शिक्षक वर्ग भी सरकार के इन प्रयासों में कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करे। स्कूलों में सिर्फ शत प्रतिशत परिणाम ही काफी नहीं है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्र्तीण हो। सरकारी स्कूलों से अधिक से अधिक विद्यार्थी मेरिट में आए तथा पिछली बार से अधिक बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार प्राप्त हो।
देवनानी ने जानकारी दी कि प्रदेश की 13 हजार 500 स्कूलों को कम्प्यूटर लैब की सुविधा से युक्त किया जाएगा। मेरिट में आने लायक विद्यार्थियों को चिन्हित कर उनके शिक्षण की विशेष व्यवस्था की जा रही है। साथ ही विभिन्न विषयों में कमजोर विद्यार्थियों के लिए रेमेडियल क्लास लगायी जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर भी राजस्थान में शिक्षा के नवाचारों को सराहा जा रहा है।
उन्होंने ने मण्डल स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न कार्य करने पर 5 शिक्षकों का सम्मान किया। उन्होंने नागौर जिले से राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या एक ढींगसरा खिंवसर के अध्यापक मांगीलाल लेघा, टोंक जिले से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संवारिया टोडाराॅय सिंह के संस्कृत विषय के वरिष्ठ अध्यापक हेमराज विजय, अजमेर जिले में राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय चांपानेरी के राजनीति विज्ञान के व्याख्याता रामगोपाल बैरवा, राजकीय माध्यमिक विद्यालय सील, अंराई के गणित विषय के वरिष्ठ अध्यापक सत्यनारायण कलवार एवं राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, जैन गुरूकुल ब्यावर के अंग्रेजी प्राध्यापक रमेशचन्द्र दाधीच का सम्मान किया। कार्यक्रम को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी संबोधित किया।