शिक्षा में अनुसंधान को मिलेगा बढ़ावा : देवनानी
देवनानी ने कल आयोजित होने वाले शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षकों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जब प्रदेश की कमान संभाली । तब सबसे पहले उन्होंने शिक्षक वर्ग की समस्याओं को दूर करने तथा शिक्षा को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए पूरी गंभीरता से कदम उठाएं । आज सरकार के ढाई वर्षों के कार्यकाल में हम कह सकते है कि राजस्थान में शैक्षिक नवाचारों एवं शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए अभूतपूर्व कार्य किए है। प्रदेश के गांवों में बच्चों को ग्राम पंचायत स्तर पर ही 12 वीं शिक्षा एक ही जगह उपलब्ध कराने के लिए आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालय स्थापित किए गए है। हमने 83 हजार से अधिक शिक्षकों को पदोन्नति दी है। यह कार्य विगत कई दशकों से लम्बित था। मुख्यमंत्री ने जो वादा किया, उसे पूरा भी किया गया।
देवनानी ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन को कल हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाएंगे । इस दिन हम सब संकल्प लें कि राजस्थान को शिक्षा के क्षेत्रा में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए हम सब दिनरात अथक मेहनत करेंगे। आज राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में जिस गति से आगे बढ़ रहा है, शीघ्र ही हम देश के अग्रणी शैक्षिक प्रदेश के रूप में पहचान बनाएंगे। भारतीय संस्कृति गुरु व शिष्य परंपरा से आरंभ से आबद्ध रही है। स्वयं मैं यह मानता हूं कि शिक्षक किसी भी देश, समाज के भविष्य निर्माता होते हैं। वह जो संस्कार विद्यालयो में बच्चों को प्रदान करते हैं, उसी से तो भविष्य के नागरिक बनते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का कार्य केवल पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन कराना ही नही है बल्कि नये नये अनुसंधानों से समाज को समृद्ध करना भी है। किताबी ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है, स्थान विशेष की आवश्यकता के अनुसार शिक्षा में स्थतियों-परिस्थतियों से सबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए भी विद्यार्थियों में ज्ञान का प्रवाह करना शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए। राज्य सरकार इस दिशा में भी प्रयास कर रही है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि हमने 5 हजार विद्यालय एक साथ माध्यमिक से उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रमोन्नत किए । राजस्थान में 31 हजार से अधिक व्याख्याता, शिक्षक एवं कार्मिकों का नवीन पद स्थापन किया गया। करीब 61 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, राजस्थान के स्कूलों में 8 लाख से अधिक नामांकन बढ़ा है, शिक्षा के अधिकार को और अधिक मजबूत किया गया है।
उन्होंने कहा कि रमसा अभियान में राजस्थान प्रथम स्थान पर है, नये स्टाफिंग पैटर्न से सुदूर गांवों में भी शिक्षक उपलब्ध होने लगे है। हमने 17 साल बाद पंचायतीराज से शिक्षा विभाग में शिक्षकों का पदस्थापन किया है। पाठ्यक्रम को युगानूकूल एवं देशानूकूल बनाया गया है। प्रदेश की 5 लाख बालिकाओं को निशुल्क साईकिल दी गई है। भामाशाहों के माध्यम से स्कूल विकास को प्रोत्साहित किया गया है।