भारत से जंग कर पाक के लिए मुमकिन नहीं कश्मीर फतह : हिना रब्बानी
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/06/kashmir-victory-is-not-possible-for-pakistan-with-corrosion-to-india-says-hina-rabbani-khar.html
इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच विवादास्पद कश्मीर मुद्दे पर अपनी राय जाहिर करते हुए पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने पाक सरकार की नीति पर सवालिया निशाना लगाया है। हिना ने कहा कि भारत के साथ जंग करके कश्मीर पर फतह पाना पाकिस्तान के लिए कभी भी मुमकिन नहीं हो सकता।
पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन के अनुसार, जियो न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि, पाकिस्तान 'जंग' के जरिये कश्मीर को हासिल नहीं कर सकता और इस मसले का हल भारत के साथ आपसी विश्वास का माहौल बनाकर ही किया जा सकता है। इंटरव्यू में हिना ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इसके लिए अनुकूल माहौल बनाना होगा और भारत से बातचीत जारी रखनी होगी।
हिना ने कहा कि, 'मेरा मानना है कि पाकिस्तान युद्ध के जरिये कश्मीर को नहीं पा सकता है। यदि हम ऐसा नहीं कर सकते तो फिर बातचीत का विकल्प ही शेष बचता है। पाकिस्तान की इस ग्लैमरस पूर्व मंत्री ने कहा कि आपसी संवाद ऐसा एकमात्र जरिया है, जिससे आप अपने रिश्तों को सामान्य बना सकते हैं और आपसी विश्वास बरकरार रख सकते हैं।
हिना रब्बानी ने दावा किया कि गठबंधन की विवशता के बावजूद, पूर्ववर्ती पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सरकार ने वीजा नियमों को शिथिल बनाकर और व्यापारिक संबंधों को सामान्य कर भारत के साथ संबंध सुधारने की पुरजोर कोशिश की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के मुद्दे प्रतिकूल वातावरण में हल नहीं किये जा सकते।
खार ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि यह मामला तब ही सुलझ सकता है जब भारत में बीजेपी सरकार सत्ता में रहे और पाकिस्तान में सैन्य सरकार। खार के अनुसार, परवेज मुशर्रफ ने अपने कार्यकाल के दौरान कश्मीर मुद्दे पर भारत को काफी रियायतें दीं। वर्ष 2011 से 2013 तक पाकिस्तान का विदेश मंत्री पद संभालने वाली खार ने कहा कि यदि हमने कश्मीर जैसे नाजुक मसले पर बातचीत लगातार जारी रखी तो 'समाधान' तक पहुंच सकते हैं।
पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन के अनुसार, जियो न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि, पाकिस्तान 'जंग' के जरिये कश्मीर को हासिल नहीं कर सकता और इस मसले का हल भारत के साथ आपसी विश्वास का माहौल बनाकर ही किया जा सकता है। इंटरव्यू में हिना ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इसके लिए अनुकूल माहौल बनाना होगा और भारत से बातचीत जारी रखनी होगी।
हिना ने कहा कि, 'मेरा मानना है कि पाकिस्तान युद्ध के जरिये कश्मीर को नहीं पा सकता है। यदि हम ऐसा नहीं कर सकते तो फिर बातचीत का विकल्प ही शेष बचता है। पाकिस्तान की इस ग्लैमरस पूर्व मंत्री ने कहा कि आपसी संवाद ऐसा एकमात्र जरिया है, जिससे आप अपने रिश्तों को सामान्य बना सकते हैं और आपसी विश्वास बरकरार रख सकते हैं।
हिना रब्बानी ने दावा किया कि गठबंधन की विवशता के बावजूद, पूर्ववर्ती पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सरकार ने वीजा नियमों को शिथिल बनाकर और व्यापारिक संबंधों को सामान्य कर भारत के साथ संबंध सुधारने की पुरजोर कोशिश की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के मुद्दे प्रतिकूल वातावरण में हल नहीं किये जा सकते।
खार ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि यह मामला तब ही सुलझ सकता है जब भारत में बीजेपी सरकार सत्ता में रहे और पाकिस्तान में सैन्य सरकार। खार के अनुसार, परवेज मुशर्रफ ने अपने कार्यकाल के दौरान कश्मीर मुद्दे पर भारत को काफी रियायतें दीं। वर्ष 2011 से 2013 तक पाकिस्तान का विदेश मंत्री पद संभालने वाली खार ने कहा कि यदि हमने कश्मीर जैसे नाजुक मसले पर बातचीत लगातार जारी रखी तो 'समाधान' तक पहुंच सकते हैं।
