पारंपरिक व शाही धूमधाम से निकलेगी जयपुर में तीज की सवारी
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जयपुर। शाही धूमधाम और शोभायात्रा के रूप में पारंपरिक तीज की सवारी 5 और 6 अगस्त को निकाली जाएगी। यह सवारी शाम 6 बजे त्रिपोलिया गेट (सिटी पैलेस) से शुरू होगी तथा त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और गणगौरी बाजार से होते हुए पोंड्रिक पार्क पहुंचकर समाप्त होगी। यह जुलूस पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार, सिटी पैलेस, जिला प्रशासन, जयपुर और जयपुर नगर निगम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
पर्यटन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पारंपरिक तीज महोत्सव पर्यटकों, ट्रेवल व्यवसाय और स्थानीय जनता द्वारा उत्साह एवं जोष के साथ आयोजित किया जाता है। इस जुलूस में विशेष रूप से सजाए गए ऊंट एवं घोड़े शामिल होंगे और कच्ची घोड़ी, गैर, कालबेलिया और चकरी नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। तीज की सवारी में शोभायात्रा में तोप गाड़ी, बैलगाड़ी, घोड़ा बग्घी, सुसज्जित रथ और अनेक बैंड ग्रुप इसमें शामिल होंगे। तीज माता की सवारी लगभग आखिर में चैबदारों के साथ होगी।
पर्यटन विभाग के द्वारा आयोजित इस शोभायात्रा के दौरान पर्यटकों के लिए फोटोग्राफी के विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत पर्यटक त्रिपोलिया गेट के सामने स्थित हिन्द होटल की छत पर से फोटोग्राफी कर सकेंगे। वहीं, विभाग द्वारा महिला पर्यटकों के लिए हाथ पर मेहन्दी लगाने की व्यवस्था भी की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि 'तीज' राजस्थान में सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। झूले, पारंपरिक गाने और नृत्य तीज की अनूठी विशेषताएं हैं। इस अवसर पर महिलाएं रंगीन कपड़े पहनकर पारंपरिक लोक नृत्य करती हैं और फूलों से सजाए गए झूलों पर झूलने का आनंद लेते हुए तीज के गाने गाती हैं।
राजधानी जयपुर में तीज काफी उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं और युवा लड़कियां सबसे अच्छे कपड़े पहनती हैं और गहनों के साथ सजती हैं। वे पास के मंदिर या स्थान पर इकट्ठा होती हैं और देवी पार्वती की पूजा करके अपने पति या होने वाले पति की खुशहाली की कामना करती हैं।
तीज के अवसर पर जयपुर के बाजार महिलाओं के सामान और कपड़ों के साथ भर जाते हैं। इन कपड़ों में 'लहरिया' (टाई एंड डाई) प्रिंटस सर्वाधिक चलन में होता है। मिठाई की दुकान वाले भी विभिन्न किस्म की मिठाईयां रखते हैं, लेकिन 'घेवर' और 'फीणी' इस त्योहार की प्रमुख मिठाईयां होती हैं।
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पर्यटन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पारंपरिक तीज महोत्सव पर्यटकों, ट्रेवल व्यवसाय और स्थानीय जनता द्वारा उत्साह एवं जोष के साथ आयोजित किया जाता है। इस जुलूस में विशेष रूप से सजाए गए ऊंट एवं घोड़े शामिल होंगे और कच्ची घोड़ी, गैर, कालबेलिया और चकरी नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। तीज की सवारी में शोभायात्रा में तोप गाड़ी, बैलगाड़ी, घोड़ा बग्घी, सुसज्जित रथ और अनेक बैंड ग्रुप इसमें शामिल होंगे। तीज माता की सवारी लगभग आखिर में चैबदारों के साथ होगी।
पर्यटन विभाग के द्वारा आयोजित इस शोभायात्रा के दौरान पर्यटकों के लिए फोटोग्राफी के विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत पर्यटक त्रिपोलिया गेट के सामने स्थित हिन्द होटल की छत पर से फोटोग्राफी कर सकेंगे। वहीं, विभाग द्वारा महिला पर्यटकों के लिए हाथ पर मेहन्दी लगाने की व्यवस्था भी की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि 'तीज' राजस्थान में सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। झूले, पारंपरिक गाने और नृत्य तीज की अनूठी विशेषताएं हैं। इस अवसर पर महिलाएं रंगीन कपड़े पहनकर पारंपरिक लोक नृत्य करती हैं और फूलों से सजाए गए झूलों पर झूलने का आनंद लेते हुए तीज के गाने गाती हैं।
राजधानी जयपुर में तीज काफी उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं और युवा लड़कियां सबसे अच्छे कपड़े पहनती हैं और गहनों के साथ सजती हैं। वे पास के मंदिर या स्थान पर इकट्ठा होती हैं और देवी पार्वती की पूजा करके अपने पति या होने वाले पति की खुशहाली की कामना करती हैं।
तीज के अवसर पर जयपुर के बाजार महिलाओं के सामान और कपड़ों के साथ भर जाते हैं। इन कपड़ों में 'लहरिया' (टाई एंड डाई) प्रिंटस सर्वाधिक चलन में होता है। मिठाई की दुकान वाले भी विभिन्न किस्म की मिठाईयां रखते हैं, लेकिन 'घेवर' और 'फीणी' इस त्योहार की प्रमुख मिठाईयां होती हैं।
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