आपदा प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री ने जारी की राष्ट्रीय योजना
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) जारी की। देश में तैयार की गई इस तरह की यह पहली योजना है। इसका उद्देश्य भारत को आपदा प्रतिरोधक बनाना और जन-जीवन तथा संपत्ति के नुकसान को कम करना है। यह योजना 'सेनडाई फ्रेमवर्क' के चार बिन्दुओं पर आधारित है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) में आपदा प्रबंधन चक्र के सभी चरणों में एहतियात कम करने, प्रतिक्रिया एवं बचाव के मकसद से सरकारी एजेंसियों के लिए एक रूपरेखा एवं निर्देश तैयार किये गये हैं।
इनमें आपदा जोखिम का अध्ययन, आपदा जोखिम प्रबंधन में सुधार करना, ढांचागत और गैर ढांचागत उपायों के जरिये आपदा जोखिम को कम करने के लिए निवेश करना तथा आपदा का सामना करने के लिए तैयारी, पूर्व सूचना एवं आपदा के बाद बेहतर पुनर्निर्माण करना शामिल हैं।
गृह मंत्रालय के यहां जारी एक बयान के अनुसार एनडीएमपी इस लिहाज से एक जीवंत दस्तावेज है कि आपदा प्रबंधन के मामले में उभरने वाले सर्वोत्तम चलन एवं ज्ञान के आधार पर इसे समय समय पर बेहतर बनाया जाएगा।
योजना के दायरे में आपदा प्रबंधन के सभी चरण शामिल हैं - रोकथाम, जोखिम कम करना, प्रत्युत्तर तथा बहाली। योजना के तहत सरकार के समस्त विभागों और एजेंसियों के बीच हर प्रकार के एकीकरण का प्रावधान किया गया है।
योजना में पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों सहित प्रत्येक सरकारी स्तर पर भूमिका और दायित्व के विषय में उल्लेख किया गया है। यह योजना क्षेत्रीय आधार को ध्यान में रख कर बनाई गई है जो न सिर्फ आपदा प्रबंधन के लिए बल्कि विकास योजना के लिए भी लाभकारी है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) में आपदा प्रबंधन चक्र के सभी चरणों में एहतियात कम करने, प्रतिक्रिया एवं बचाव के मकसद से सरकारी एजेंसियों के लिए एक रूपरेखा एवं निर्देश तैयार किये गये हैं।
इनमें आपदा जोखिम का अध्ययन, आपदा जोखिम प्रबंधन में सुधार करना, ढांचागत और गैर ढांचागत उपायों के जरिये आपदा जोखिम को कम करने के लिए निवेश करना तथा आपदा का सामना करने के लिए तैयारी, पूर्व सूचना एवं आपदा के बाद बेहतर पुनर्निर्माण करना शामिल हैं।
गृह मंत्रालय के यहां जारी एक बयान के अनुसार एनडीएमपी इस लिहाज से एक जीवंत दस्तावेज है कि आपदा प्रबंधन के मामले में उभरने वाले सर्वोत्तम चलन एवं ज्ञान के आधार पर इसे समय समय पर बेहतर बनाया जाएगा।
योजना के दायरे में आपदा प्रबंधन के सभी चरण शामिल हैं - रोकथाम, जोखिम कम करना, प्रत्युत्तर तथा बहाली। योजना के तहत सरकार के समस्त विभागों और एजेंसियों के बीच हर प्रकार के एकीकरण का प्रावधान किया गया है।
योजना में पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों सहित प्रत्येक सरकारी स्तर पर भूमिका और दायित्व के विषय में उल्लेख किया गया है। यह योजना क्षेत्रीय आधार को ध्यान में रख कर बनाई गई है जो न सिर्फ आपदा प्रबंधन के लिए बल्कि विकास योजना के लिए भी लाभकारी है।
मुख्य विशेषताएं :
- एनडीएमपी आपदा जोखिम घटाने के लिए सेंडैई फ्रेमवर्क में तय किए गए लक्ष्यों और प्राथमिकताओं के साथ मौटे तौर पर तालमेल करेगा।
- योजना का विजन भारत को आपदा मुक्त बनाना है, आपदा जोखिमों में पर्याप्त रूप से कमी लाना है, जान-माल, आजीविका और संपदाओं आर्थिक, शारीरिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय - के नुकसान को कम करना है, इसके लिए प्रशासन के सभी स्तरों और साथ ही समुदायों की आपदाओं से निपटने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा।
- प्रत्येक खतरे के लिए, सेंडैई फ्रेमवर्क में घोषित चार प्राथमिकताओं को आपदा जोखिम में कमी करने के फ्रेमवर्क में शामिल किया गया है।
