जयपुर : 11 विमंदित बच्चों की मौत के मामले में नोटिस के बाद राज्य सरकार ने दिए जांच के आदेश
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/04/death-of-11-in-last-12-days-at-Jamdoli-children-retarded-center.html
जयपुर। जयपुर के समीप जामडोली स्थित विमंदित बच्चों के गृह में पिछले करीब 12 दिनों में 11 लोगों की मौत के मामले ने अब सियासी पारे में भी हलचल पैदा कर दी है। वहीं इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। आयोग की ओर से इस मामले में राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया गया है।
गौरतलब है कि जामडोली स्थित विमंदित बच्चों के गृह में पिछले करीब 12 दिनों में 11 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 7 बच्चे और चार वयस्क हैं। खबर है कि शुक्रवार को भी चार बच्चों की तबीयत बिगड़ जाने से उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं दूसरी ओर, इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मिले नोटिस के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
एसएमएस में भर्ती कराए गए बच्चे अशुद्ध पेयजल और भोजन की कमी के कारण गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। जानकारी के अनुसार पिछले 12 दिनों में सात बच्चे इन बीमारियों की वजह से दम तोड़ चुके हैं, जबकि कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
जयपुर के गर्वनमेंट हॉस्पिटल के अधीक्षक डा. अशोक गुप्ता के अनुसार आईसीयू में भर्ती कुछ बच्चों के लिए अगले 48 घंटे काफी संवेदनशील हैं। दूषित पेयजल और भोजन की कमी के कारण बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो गई है और इन्हें संक्रमण हो गया है।
जानकारी के अनुसार जयपुर के नजदीकी इलाकों में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है, जिसके चलते लोगों को दूषित पानी से ही काम चलाना पड़ रहा है। इसकी वजह से उन्हें विभिन्न बीमारियों ने भी घेर लिया है।
दूषित पेजयल के कारण बच्चों को संक्रमण और मानसिक समस्याएं भी हो गई हैं। इसी के चलते एक पखवाड़े में सात बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चों की अकाल मौत से परिजनों में हड़कंप मचा हुआ है।
बच्चों की बिगढ़ती हालत के बारे में जानकारी मिलने के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी शुक्रवार सुबह जामडोली पहुंचे, लेकिन उन्होंने इस मामले में मीडिया से दूरी ही बनाई रखी।
गौरतलब है कि जामडोली स्थित विमंदित बच्चों के गृह में करीब 200 बच्चे रहते हैं और उनमें से अधिकांश बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर एवं बीमार हैं, जिसका कारण उन्हें शुद्ध पेयजल एवं खाना उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि जामडोली स्थित विमंदित बच्चों के गृह में पिछले करीब 12 दिनों में 11 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 7 बच्चे और चार वयस्क हैं। खबर है कि शुक्रवार को भी चार बच्चों की तबीयत बिगड़ जाने से उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं दूसरी ओर, इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मिले नोटिस के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
एसएमएस में भर्ती कराए गए बच्चे अशुद्ध पेयजल और भोजन की कमी के कारण गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। जानकारी के अनुसार पिछले 12 दिनों में सात बच्चे इन बीमारियों की वजह से दम तोड़ चुके हैं, जबकि कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
जयपुर के गर्वनमेंट हॉस्पिटल के अधीक्षक डा. अशोक गुप्ता के अनुसार आईसीयू में भर्ती कुछ बच्चों के लिए अगले 48 घंटे काफी संवेदनशील हैं। दूषित पेयजल और भोजन की कमी के कारण बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो गई है और इन्हें संक्रमण हो गया है।
जानकारी के अनुसार जयपुर के नजदीकी इलाकों में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है, जिसके चलते लोगों को दूषित पानी से ही काम चलाना पड़ रहा है। इसकी वजह से उन्हें विभिन्न बीमारियों ने भी घेर लिया है।
दूषित पेजयल के कारण बच्चों को संक्रमण और मानसिक समस्याएं भी हो गई हैं। इसी के चलते एक पखवाड़े में सात बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चों की अकाल मौत से परिजनों में हड़कंप मचा हुआ है।
बच्चों की बिगढ़ती हालत के बारे में जानकारी मिलने के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी शुक्रवार सुबह जामडोली पहुंचे, लेकिन उन्होंने इस मामले में मीडिया से दूरी ही बनाई रखी।
गौरतलब है कि जामडोली स्थित विमंदित बच्चों के गृह में करीब 200 बच्चे रहते हैं और उनमें से अधिकांश बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर एवं बीमार हैं, जिसका कारण उन्हें शुद्ध पेयजल एवं खाना उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है।