महंगा पड़ सकता है आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल करना

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नई दिल्ली। 'भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण' के रूप में आधार कार्ड सांविधिक दर्जा दिलाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है, जिससे सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा सीधा जरूरतमंदों के खाते में पहुंचाने की विधिवत व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए आधार कार्ड को कानूनी जामा पहनाने वाला सरकार का नया कानून इसके गलत इस्तेमाल पर भी काफी सख्त रवैया अपनाने जा रहा है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए आधार को कानूनी जामा पहनाने के लिए विधेयक लाने की घोषणा की थी। वैसे इस विधेयक को पिछले हफ्ते ही वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने हरी झंडी दिखाई है। विधेयक का प्रस्ताव तैयार है। वैसे इसको लेकर कोई बहुत राजनीतिक अड़चन भी नहीं है इसलिए लोक सभा और राज्य सभा में इसके आसानी से पारित भी हो जाने के आसार हैं।

इसके जरिए सरकार आधार कार्ड रखने वालों को आसानी से सरकारी सब्सिडी देने की व्यवस्था करने जा रही है लेकिन इस बात का भी इंतजाम किया जा रहा है कि इसका गलत इस्तेमाल किसी भी सूरत में न हो। सिर्फ आधार नंबर व कार्ड का गलत इस्तेमाल करने वाले नागरिक बल्कि इसकी जांच-पड़ताल व इसे अनुमति देने वाले अधिकारियों को भी यह विधेयक ज्यादा उत्तरदायी बनाएगा।

आधार को जामा पहनाने के साथ ही यह हर तरह की सरकारी सब्सिडी हासिल करने के लिए अनिवार्य हो जाएगा। सरकारी डाटा बताते हैं कि देश में तकरीबन 100 करोड़ लोगों के आधार कार्ड बन चुके हैं। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि सब्सिडी हासिल करने के योग्य 95 फीसद से ज्यादा देशवासियों का आधार कार्ड बन चुका है।

वैसे अपने बजट अभिभाषण में ही वित्त मंत्री यह स्पष्ट कर चुके हैं कि आधार नंबर या कार्ड को नागरिकता से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। यानी आधार नंबर होने का मतलब यह नहीं है कि वह व्यक्ति देश की नागरिकता हासिल कर चुका है। नए कानून में इसे और स्पष्ट बनाया जाएगा।

सरकार आधार के बलबूते देश में रसोई गैस की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर करने की योजना सफलतापूर्वक लागू कर चुकी है। इसी तर्ज पर केरोसिन व उर्वरक सब्सिडी ट्रांसफर करने की तैयारी है। आज लोकसभा में भी केंद्रीय आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी बताया कि आधार कार्ड को बायोमेट्रिक और अनूठी जांच विशेषताओं के चलते एक आदमी को दो आधार कार्ड नहीं दिए जा सकते। और नाही एक नंबर का आधार कार्ड दो लोगों को जारी किया जा सकता है।

गौरतलब है कि अब तक 98 करोड़ आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। प्रति दिन 26 लाख बायोमेट्रिक और 1.5 लाख ई-केवायसी (अपने ग्राहक को जानो) को अंजाम दिया जा रहा है। आधार संख्या को 11.19 करोड़ प्रत्यक्ष लाभ अंतरण खातों से जोड़ा गया है जबकि इसके लाभार्थियों की संख्या कुल 16.5 करोड़ है।

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