पीएम मोदी ने 2016 की पहली 'मन की बात' में दिया नया तोहफा

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज साल 2016 की पहली 'मन की बात' की है, जिसमे उन्होंने महात्मा गांधी के चरखे को महत्वपूर्ण बताते हुए खादी से जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आने की बात कही। साथ ही उन्होंने देश के किसानों और नौजवानों पर भरोसा जताया। साल के पहले संस्करण में उन्होंने स्टार्ट-अप कार्यक्रम की उपलब्धियों को बताया, तो सोलर चरखे की कामयाबी को देश के सामने रखा। पीएम ने हरियाणा में बेटियों की बढ़ रही संख्या को सामाजिक सोच में बदलाव बताया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही देशवासियों को उनकी मातृभाषा में ये कार्यक्रम सुनने का अवसर मिलेगा।

सबसे पहले उन्होंने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि, "कल मैं पूज्य बापू को श्रद्धांजलि देने के लिये राजघाट गया था। शहीदों को नमन करने का ये प्रतिवर्ष होने वाला कार्यक्रम है। ठीक 11 बजे 2 मिनट के लिये मौन रख करके देश के लिये जान की बाज़ी लगा देने वाले, प्राण न्योछावर करने वाले महापुरुषों के लिये, वीर पुरुषों के लिये, तेजस्वी-तपस्वी लोगों के लिये श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर होता है। लेकिन अगर हम देखें, हम में से कई लोग हैं, जिन्होंने ये नहीं किया होगा। आपको नहीं लगता है कि ये स्वभाव बनना चाहिए, इसे हमें अपनी राष्ट्रीय जिम्मेवारी समझना चाहिए?

उन्होंने खादी का महत्त्व बताते हुए कहा कि, कुछ दिन पहले मैं सरदार पटेल के विचारों को पढ़ रहा था। तो कुछ बातों पर मेरा ध्यान गया और उनकी एक बात मुझे बहुत पसंद आई। खादी के संबंध में सरदार पटेल ने कहा है, हिन्दुस्तान की आज़ादी खादी में ही है, हिन्दुस्तान की सभ्यता भी खादी में ही है, हिन्दुस्तान में जिसे हम परम धर्म मानते हैं, वह अहिंसा खादी में ही है और हिन्दुस्तान के किसान, जिनके लिए आप इतनी भावना दिखाते हैं, उनका कल्याण भी खादी में ही है।

सरदार साहब सरल भाषा में सीधी बात बताने के आदी थे और बहुत बढ़िया ढंग से उन्होंने खादी का माहात्म्य बताया है। मैंने कल 30 जनवरी को पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर देश में खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़े हुए जितने लोगों तक पहुँच सकता हूँ, मैंने पत्र लिख करके पहुँचने का प्रयास किया।

प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के बारे में कहा कि, "मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने अपने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान का प्रारंभ हरियाणा से किया था, क्योंकि हरियाणा में सेक्स रेटियो में बहुत गड़बड़ हो चुकी थी। एक हज़ार बेटों के सामने जन्म लेने वाली बेटियों की संख्या बहुत कम हो गयी थी। बड़ी चिंता थी, सामाजिक संतुलन खतरे में पड़ गया था। जब मैंने हरियाणा पसंद किया, तो मुझे हमारे अधिकारियों ने कहा था कि नहीं-नहीं साहब, वहां मत कीजिए, वहाँ तो बड़ा ही नेगेटिव माहौल है। लेकिन मैंने काम किया और मैं आज हरियाणा का ह्रदय से अभिनन्दन करता हूँ कि उन्होंने इस बात को अपनी बात बना लिया और आज बेटियों के जन्म की संख्या में बहुत तेज़ी से वृद्धि हो रही है। मैं सचमुच में वहाँ के सामाजिक जीवन में जो बदलाव आया है, उसके लिए अभिनन्दन करता हूँ।

उन्होंने देशवासियो से अपील करते हुए कहा कि, "एक काम के लिये मुझे आपकी मदद चाहिए और मुझे विश्वास है कि आप मेरी मदद करेंगे। 2016 में भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा तोहफ़ा किसानों को दिया है - ‘प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना’। लेकिन ये योजना की तारीफ़ हो, वाहवाही हो, प्रधानमंत्री को बधाइयाँ मिलें, इसके लिये नहीं है। इतने सालों से फ़सल बीमा की चर्चा हो रही है, लेकिन देश के 20-25 प्रतिशत से ज़्यादा किसान उसके लाभार्थी नहीं बन पाए हैं, उससे जुड़ नहीं पाए है। क्या हम संकल्प कर सकते हैं कि आने वाले एक-दो साल में हम कम से कम देश के 50 प्रतिशत किसानों को फ़सल बीमा से जोड़ सकें?

बस, मुझे इसमें आपकी मदद चाहिये। क्योंकि अगर वो फ़सल बीमा के साथ जुड़ता है, तो संकट के समय एक बहुत बड़ी मदद मिल जाती है। और इस बार ‘प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना’ की इतनी जनस्वीकृति मिली है, क्योंकि इतना व्यापक बना दिया गया है, इतना सरल बना दिया गया है, इतनी टेक्नोलॉजी का इनपुट लाए हैं। अब मुझे बताइए, मेरा कोई किसान भाई अगर इस बात से वंचित रहे, तो नुकसान होगा कि नहीं होगा? आप किसान नहीं होंगे, लेकिन मेरी मन की बात सुन रहे हैं। क्या आप किसानों को मेरी बात पहुँचायेंगे? और इसलिए मैं चाहता हूँ कि आप इसको अधिक प्रचारित करें।

‘मन की बात’ कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा कि, "अब मैं आपको एक नया तोहफ़ा देने जा रहा हूँ। क्या आप अपने मोबाइल फ़ोन पर भी मेरे ‘मन की बात’ सुन सकते हैं और कभी भी सुन सकते हैं। आपको सिर्फ़ इतना ही करना है – बस एक मिस्ड कॉल कर दीजिए अपने मोबाइल फ़ोन से। ‘मन की बात’ के लिये मोबाइल फ़ोन का नंबर तय किया है – 8190881908 आप missed call करेंगे, तो उसके बाद कभी भी ‘मन की बात’ सुन पाएँगे। फ़िलहाल तो ये हिंदी में है, लेकिन बहुत ही जल्द आपको अपनी मातृभाषा में भी ‘मन की बात’ सुनने का अवसर मिलेगा। इसके लिए भी मेरा प्रबन्ध जारी है।"

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