ऑक्सीजन की कमी से बच्ची की मौत के मामले में हाईकोर्ट सख्त
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जयपुर। ऑक्सीजन की कमी से 8 दिन की बच्ची की मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशक बीआर मीणा को गिरफ्तार कर 28 दिसंबर को पेश करने के आदेश दिए हैं। आयोग 7 बार मीणा को बुला चुका है, लेकिन वे एक बार भी नहीं पहुंचे। इसके बाद आयोग सदस्य एमके देवराजन की एकलपीठ ने अशोक नगर थाने को यह निर्देश दिए।
हालांकि, पेशी से पहले पांच-पांच हजार रुपए का जमानत-मुचलका पेश करने की छूट भी दी गई है। मामला ऑक्सीजन की कमी से आठ दिन की बच्ची की मौत का है। मामले के अनुसार पिछले साल सात जनवरी को गंगापुरसिटी से मुजीद खान की बच्ची को जयपुर रैफर किया गया था। इस बीच, ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने से बच्ची ने दम तोड़ दिया। रिपोर्टों के अनुसार बच्ची के लिए गंगापुर से जो ऑक्सीजन सिलेंडर भेजा गया, वह खाली था।
मामले में राज्य मानवाधिकार ने प्रसंज्ञान लेकर सवाई माधोपुर में सीएमएचओ से दो माह में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। इस बीच, गंगापुर सिटी के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जीबी सिंह ने मेल नर्स रमेश चंद्र मीणा और मेल नर्स मदन मोहन गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य निदेशक से मार्गदर्शन मांगा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। आयोग ने 26 जून, 2014 को स्वास्थ्य निदेशक को परिवाद के संबंध में शीघ्र कार्रवाई कर दो माह में अवगत कराने को कहा।
रिपोर्ट नहीं आने पर आयोग ने सितंबर, नवंबर, जनवरी, मार्च, मई, जुलाई और अक्टूबर, 2015 में सात स्मरण पत्र जारी किए, लेकिन निदेशालय ने कोई जबाव नहीं भेजा। समन के जरिए आयोग ने 30 नवंबर को निदेशक को पेश होने के निर्देश दिए, लेकिन इसके बावजूद वे नहीं पहुंचे।
हालांकि, पेशी से पहले पांच-पांच हजार रुपए का जमानत-मुचलका पेश करने की छूट भी दी गई है। मामला ऑक्सीजन की कमी से आठ दिन की बच्ची की मौत का है। मामले के अनुसार पिछले साल सात जनवरी को गंगापुरसिटी से मुजीद खान की बच्ची को जयपुर रैफर किया गया था। इस बीच, ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने से बच्ची ने दम तोड़ दिया। रिपोर्टों के अनुसार बच्ची के लिए गंगापुर से जो ऑक्सीजन सिलेंडर भेजा गया, वह खाली था।
मामले में राज्य मानवाधिकार ने प्रसंज्ञान लेकर सवाई माधोपुर में सीएमएचओ से दो माह में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। इस बीच, गंगापुर सिटी के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जीबी सिंह ने मेल नर्स रमेश चंद्र मीणा और मेल नर्स मदन मोहन गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य निदेशक से मार्गदर्शन मांगा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। आयोग ने 26 जून, 2014 को स्वास्थ्य निदेशक को परिवाद के संबंध में शीघ्र कार्रवाई कर दो माह में अवगत कराने को कहा।
रिपोर्ट नहीं आने पर आयोग ने सितंबर, नवंबर, जनवरी, मार्च, मई, जुलाई और अक्टूबर, 2015 में सात स्मरण पत्र जारी किए, लेकिन निदेशालय ने कोई जबाव नहीं भेजा। समन के जरिए आयोग ने 30 नवंबर को निदेशक को पेश होने के निर्देश दिए, लेकिन इसके बावजूद वे नहीं पहुंचे।