रक्तदान शिविर में 1575 से अधिक ने किया रक्तदान
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/08/hundreds-of-donated-blood-in-blood-donation-camp.html
अजमेर। अजमेर के समीप राजगढ़ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर गुरूपूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 1575 से अधिक श्रद्धालुओं ने रक्तदान किया। आज रक्तदान शिविर के अंतिम दिन रविवारीय मेला होने के कारण राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और श्रद्धालुओं में रक्तदान के लिए होड़ मच गई।
रविवारीय मेला होने के कारण श्रद्धालु शनिवार शाम से ही धाम पर आ गए। रविवार को प्रातः से श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगने लगी। रक्तदाताओं के उत्साह व भीड़ को देखते हुए रविवार को लगने वाली बाबा भैरव की चौकी से पूर्व ही शिविर को आरम्भ करना पड़ा।
राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम पर आयोजित तीन दिवसीय रक्तदान शिविर व रविवारीय मेले के अवसर पर आए हुए श्रद्धालुओं व अतिथियों को गुरूदेव चम्पालालजी महाराज ने आश्रीर्वचन में रक्तदान को महादान, प्राणदान बताया और कहा कि ‘रक्तदान करें - जीवन दान करें, आओ हम सब मिलकर यह पुण्य काम करें।’
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में दान की महिमा में एकलव्य का अंगूठादान, कर्ण का कवच-कुंडलों का दान, दधीचि का अस्थिदान विख्यात है। इन दानों से तो मानव की कुछ निज इच्छाओं की ही पूर्ति हुई थी। किसी भी दान में प्रयुक्त सम्पत्तियाँ तो मानव निर्मित होती है लेकिन रक्त तो ईश्वरीय देन व वरदान है जो समस्त व्यक्तियों के पास होता है।
उन्होंने कहा कि इस देन की मानव समाज व राष्ट्र के उत्थान में उपयोगिता का महत्व हमें तब होता है, जब कोई हमारा अपना अचानक दुर्घटना या बीमारी का शिकार होकर खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। किसी अनाथ, निसहाय, रक्त कैंसर/थैलेसीमिया रोग या दुर्घटना से पीड़ित, देश सेवा में लगे सैनिकों के लिए रक्तदान कर उन्हें जीवन उपहार में दिया जा सकता है। रक्तदान में न लेने वाले को पता न देने वाले को पता होता है कि मैं किसे रक्त दे रहा हूँ या मैं किससे रक्त प्राप्त कर रहा हूँ।
शिविर के अंतिम दिन महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनीता भदेल ने रक्तदान करने आए श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक या सामाजिक दलों द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है, लेकिन ऐसे शिविरों में रक्तदाताओं की संख्या 200 के आसपास ही होती है, लेकिन राजगढ़ धाम में इस तीन दिवसीय रक्तदान शिविर में प्रत्येक दिन देश के हर भाग से सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्वैच्छा से आकर रक्तदान कर रहे हैं, यह अचंभित करने वाला विषय है।
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर जयपुर महेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि यह मसाणिया धाम आस्था व विश्वास का महासागर है। हमने राहत शिविरों, राशन की दुकानों पर लाईन लगी हुई तो बहुत देखी है लेकिन स्वैच्छिक रक्तदान के लिए उत्साहित श्रद्धालुओं को राजगढ़ धाम पर कतारबद्ध देखना अद्भुत है।
चित्तौड़ व प्रतापगढ़ डेयरी अध्यक्ष बद्रीलाल जाट ने कहा कि मैं पिछले कई अर्से से इस धाम से जुड़ा हुआ हूँ और आज इस विशाल रक्तदान शिविर के आयोजन में आकर गौरवान्वित हूँ तथा गुरूदेव श्री के शुभाशिर्वाद से जो सफल आयोजन हुआ है, जिसमें समस्त भैरव भक्त मण्डल धन्यवाद के पात्र है।
रविवारीय मेला होने के कारण श्रद्धालु शनिवार शाम से ही धाम पर आ गए। रविवार को प्रातः से श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगने लगी। रक्तदाताओं के उत्साह व भीड़ को देखते हुए रविवार को लगने वाली बाबा भैरव की चौकी से पूर्व ही शिविर को आरम्भ करना पड़ा।
राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम पर आयोजित तीन दिवसीय रक्तदान शिविर व रविवारीय मेले के अवसर पर आए हुए श्रद्धालुओं व अतिथियों को गुरूदेव चम्पालालजी महाराज ने आश्रीर्वचन में रक्तदान को महादान, प्राणदान बताया और कहा कि ‘रक्तदान करें - जीवन दान करें, आओ हम सब मिलकर यह पुण्य काम करें।’
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में दान की महिमा में एकलव्य का अंगूठादान, कर्ण का कवच-कुंडलों का दान, दधीचि का अस्थिदान विख्यात है। इन दानों से तो मानव की कुछ निज इच्छाओं की ही पूर्ति हुई थी। किसी भी दान में प्रयुक्त सम्पत्तियाँ तो मानव निर्मित होती है लेकिन रक्त तो ईश्वरीय देन व वरदान है जो समस्त व्यक्तियों के पास होता है।
उन्होंने कहा कि इस देन की मानव समाज व राष्ट्र के उत्थान में उपयोगिता का महत्व हमें तब होता है, जब कोई हमारा अपना अचानक दुर्घटना या बीमारी का शिकार होकर खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। किसी अनाथ, निसहाय, रक्त कैंसर/थैलेसीमिया रोग या दुर्घटना से पीड़ित, देश सेवा में लगे सैनिकों के लिए रक्तदान कर उन्हें जीवन उपहार में दिया जा सकता है। रक्तदान में न लेने वाले को पता न देने वाले को पता होता है कि मैं किसे रक्त दे रहा हूँ या मैं किससे रक्त प्राप्त कर रहा हूँ।
शिविर के अंतिम दिन महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनीता भदेल ने रक्तदान करने आए श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक या सामाजिक दलों द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है, लेकिन ऐसे शिविरों में रक्तदाताओं की संख्या 200 के आसपास ही होती है, लेकिन राजगढ़ धाम में इस तीन दिवसीय रक्तदान शिविर में प्रत्येक दिन देश के हर भाग से सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्वैच्छा से आकर रक्तदान कर रहे हैं, यह अचंभित करने वाला विषय है।
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर जयपुर महेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि यह मसाणिया धाम आस्था व विश्वास का महासागर है। हमने राहत शिविरों, राशन की दुकानों पर लाईन लगी हुई तो बहुत देखी है लेकिन स्वैच्छिक रक्तदान के लिए उत्साहित श्रद्धालुओं को राजगढ़ धाम पर कतारबद्ध देखना अद्भुत है।
चित्तौड़ व प्रतापगढ़ डेयरी अध्यक्ष बद्रीलाल जाट ने कहा कि मैं पिछले कई अर्से से इस धाम से जुड़ा हुआ हूँ और आज इस विशाल रक्तदान शिविर के आयोजन में आकर गौरवान्वित हूँ तथा गुरूदेव श्री के शुभाशिर्वाद से जो सफल आयोजन हुआ है, जिसमें समस्त भैरव भक्त मण्डल धन्यवाद के पात्र है।