खुले में शौच एक अभिशाप : डॉ. आरुषि मलिक

Dr Aarushi Malik, Dr. Arushi Malik, AJmer Jila Kalekter, अजमेर, जिला कलक्टर डाॅ. आरूषि मलिक, खुले में शौच
अजमेर। जिला कलक्टर डाॅ. आरूषि मलिक द्वारा जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत आज किशनगढ़ के पास मालियों की बाड़ी एवं दादिया ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को घरों में ही शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित किया गया। गांवों में स्कूली बच्चों एवं जागरूक नागरिकों की टोलियां गठित कर उन्हें खुले में शौच करने वालों को हतोत्साहित करने की जिम्मेदारी दी गई।

ग्रामीणों ने भी संकल्प लिया कि वे अपने गांव को इस अभिशाप से मुक्ति दिलाएंगे। जिला कलक्टर खुद ग्रामीणों के बीच गई, उनके घरों में जाकर महिलाओं से बातचीत की, चैपाल पर चर्चा की और ग्रामीणों को समझाया कि वे जल्द से जल्द अपने गांवों को खुले में शौच से मुक्त करवाएं।

जिला कलक्टर डाॅ. आरूषि मलिक ने गुरूवार को किशनगढ़ के पास मालियों की बाड़ी एवं दादिया गांवों में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान खुले में शौच से मुक्ति के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया। उन्होंनें कहा कि खुले में शौच एक अभिशाप है। केन्द्र व राज्य सरकार आमजन को इस अभिशाप से मुक्ति के लिए 12 हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी दे रही है। लेकिन इस अभियान की सफलता के लिए जरूरी है कि सामूहिक रूप से प्रयास करें। सभी मिलकर सहयोग करेेंगे तो निश्चित रूप से सफलता हासिल होगी।

जिला कलक्टर ने कहा कि खुले में शौच सबसे ज्यादा महिलाओं और बालिकाओं के लिए परेशानी का कारण है। घर में शौचालय नहीं होने से उन्हें अंधेरे में असुरक्षित और गंदगी भरे स्थानों पर शौच के लिए जाना पड़ता है। खुले में शौच गांवों में कई तरह की बीमारियों का कारण भी बनती है।

जिला कलक्टर ने गांवों के पुरूषों, स्कूली बच्चों और जागरूक युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने गांव में बदलाव लाने के लिए सक्रिय सहयोग करें। गांवों में खुले में शौच करने वालों को हतोत्साहित करें। खुले में शौच करने वालों को देखकर सीटी बजाने, उन्हें माला पहनाने जैसे उपाय इस लक्ष्य की प्राप्ति में कारगर साबित हो सकते हैं।
इस लेख पर अपने विचार व्यक्त करें...

Related Posts

Ajmer 6163950074957504655
item