राजनाथ सिंह ने किया महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण

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उदयपुर। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को राजस्थान में उदयपुर संभाग कर प्रतापगढ़ जिला कलक्ट्रेट परिसर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। प्रताप न केवल वीर, शूरवीर और देशभक्त थे, बल्कि उनमें जीवन मूल्यों के गुण कूट-कूट कर भरे थे।

उन्होंने कहा कि सरकार महाराणा प्रताप के जीवन से  प्रेरणा लेने के लिए उनकी शौर्य गाथा का दुनियाभर में प्रचार-प्रसार करने का प्रयास कर रही है। इस वर्ष महाराणा प्रताप की 475वीं जयंती देशभर में मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप वीरता, शौर्य व पराक्रम की प्रतिमूर्ति थे। उन्हें किसी भूगोल की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है। वे महिला सम्मान के रक्षक थे। उनका जीवन आदर्श पर आधारित था। इसीलिए उन्हें सदियों के बाद भी आदर से याद किया जाता है।

उन्होंने राजस्थान को वीरों की भूमि बताते हुए पन्नाधाय व भामाशाह के त्याग तथा मीरा बाई की भक्ति को याद किया। उन्होंने कहा पन्नाधाय की युक्ति, भामाशाह की सम्पत्ति, मीरा की भक्ति और महाराणा प्रताप की शक्ति इस देश को महान् बनाती है। इनसे नौजवानों ने देशभक्ति की प्रेरणा ली और देश को आजाद कराया। उन्होंने चन्द्रशेखर आजाद व अशफाक उल्ला खां की देशभक्ति को भी याद किया।

केन्द्रीय गृहमंत्री ने महाराणा प्रताप की जीवन गाथा को राजस्थान की तर्ज पर देशभर के बच्चों को पढ़ाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि वह महाराणा प्रताप की जीवनी केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में शामिल करवाने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय से बात करेंगे। धर्मगुरू 1008 ध्यानयोगी महर्षि उत्तम स्वामी ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जीवनी को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी बताया। उन्होंने गृहमंत्री से कहा कि वे सरकारी स्तर पर ऐसी प्रतियोगिताएं कराने का प्रयास करें, जिससे घर-घर में महाराणा प्रताप जैसे देशभक्त बनें।

राज्यसभा सांसद वी.पी. सिंह बदनोर ने केन्द्रीय गृह मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करना चाहिए, जिससे प्रदेश के युवाओं को नौकरियों में ज्यादा मौके मिल सकें। उन्होंने हथियार लाइसेंस जारी करने व नवीनीकरण की प्रक्रिया सरल करने की भी मांग रखी।

इस पर गृह मंत्री ने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि देश के कोने-कोने से विभिन्न भाषाओं को मान्यता देने की मांग चल रही है। इस पर सरकार गंभीर है और वह प्रधानमंत्री से इस संबंध में बात करेंगे। आम्र्स लाइसेंस पर गृह मंत्री ने कहा कि सरकार इस संबंध में नई नीति बना रही है, वेबसाइट पर लोगों की राय जानी जा रही है। लोगों के विचार जानने के बाद उपयुक्त नीति बनाई जाएगी।

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