कैसे-कैसे 'आज के भगवान' : आसा'राम', 'राम'पाल, समेत और भी कई हैं 'राम'

आस्था के नाम पर बेरोकटोक चलता बिना टेक्स का कारोबार Cartoonist : Saroj Naidu पवन टेलर । साधु-संतों को मान-सम्मान देने, यहां तक कि भ...

आस्था के नाम पर बेरोकटोक चलता बिना टेक्स का कारोबार

Cartoonist : Saroj Naidu
पवन टेलर। साधु-संतों को मान-सम्मान देने, यहां तक कि भगवान के बाद दूसरा दर्जा तक दे देने के मामले में हमारा देश सदा से पहले पायदान पर रहा है। चाहे बात रामायण काल की हो अथवा महाभारत काल की। हर दौर मे साधु-संतों को महत्वपूर्ण दर्जा और सम्मान दिया जाता रहा है। वर्तमान काल में दुनियाभर में बढ़ती हुई तकनीक के चलते भारत भी अपनी तकनीक में नित-नए प्रयोग कर रहा है, जिसके चलते ही आज भारत मंगल तक पहुंचने में कामयाब हो सका है। दुनिया के साथ हर कदम पर आगे बढ़ते हुए वर्तमान भारत में भी साधु-संतों के मान-सम्मान में कोई कमी नहीं हुई और आज भी साधु-संतों को भगवान के बाद दूसरा दर्जा दिया जाता है, लेकिन शायद लोगों के इसी मान-सम्मान और जज्बातों का फायदा उठाते हुए कुछ लोग खुद अपनी मर्जी से 'बाबा' बनकर ढोंग का चोला पहन लेते है और बन जाते हैं 'आज के भगवान'।

साधु-संतों को मान-सम्मान देने की बात हो तो निश्चित तौर पर हमसे कोई नहीं जीत सकता, क्योंकि हमारे भीतर छिपे भारतीय संस्कारों के चलते ही हम साधुओं को पूजनीय मानते हैं और समय-समय पर उनका आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन भी प्राप्त करते हैं। लोगों के मन में आस्था का ये ज्वार धीरे-धीरे इनता बढ़ता चला गया कि आस्था का ज्वार ने अब ज्वारभाटा का रूप ले लिया है, जिसके चलते ही आज किसी को भी किसी तरह की कोई परेशानी अथवा तकलीफ होती है तो देर-सवेर किसी ना किसी 'जाणतेर' की याद आ ही जाती है और फिर अपनी परेशानियों का उपाय जानने के साथ-साथ मन की मुरादें लेकर उनके दर पर पहुंच जाते हैं।

इस तरह के दर पर पहुंचने के बाद एक ओर जहां बहुत से लोग अपनी मुराद पूरी करने के उपाय जानते हैं, वहीं दूसरी ओर अधिकतर लोग इस तरह के दर पर भगवान बनकर बैठे बाबाओं अथवा संतों के मायाजाल में फंस जाते हैं और परेशानियों का उपाय जानने के प्रयास में उल्टा बहुत सी परेशानियों के शिकार हो जाते हैं। क्योंकि इस तरह से संत-महात्मा अथवा बाबा बने बैठे कई लोगों में अधिकांशत: आस्था के नाम पर बिना टेक्स और बिना लागत का कारोबार करने वाले लोग होतें हैं, जो लोगों की आस्था का चोला ओढकर संत का रूप धारण करके बैठ जाते हैं तथा ऊलजलूल युक्तियों-उपायों से लोगों को गुमराह करते हैं और उनकी जेब पर डाका डालते हैं। इस लिहाज से शायद यह कहा जाना गलत नहीं होगा कि लोगों की आस्थाओं का फायदा उठाकर अपना उल्लू सीधा करने तथा करोड़ों का कारोबार वो भी बिना किसी टेक्स और पाबंदी के करने के लिए आज के समय में सबसे बेहतरीन व उम्दा धंधा संत-महात्माओं का चोला ओढ़कर बाबा बन जाना ही है।

बाबाओं की भक्ति में डूबे भक्तों की संख्या हमारे देश में काफी है। देश में पाखण्डी बाबाओं, गुरूओं, योगियों और धर्मोपदेशकों की बाढ़ आई हुई है। लगभग सभी धर्म के नाम पर गोरखधंधा कर रहे हैं। जो जितना बड़ा संत, बाबा, गुरू अथवा योगी के रूप में उभरता है, थोड़े दिन बाद उसकी काली कारतूतों का लंबा चौड़ा पिटारा खुलकर सामने आ जाता है। अपने मुनाफे और कुंठित मंशाओं के लिए भक्तों की आंख में धूल झोंकने वाले कुछ बाबा बीते कुछ समय से विवादों में रहे हैं। ये बाबा अपने प्रवचनों में भक्तों को मोह-माया त्यागने के लिए कहते हैं और खुद मोह-माया में लीन रहते हैं।

बीते कुछ समय पर नजर डालकर देखा जाए तो वर्तमान संतों के कुछ अजीब चेहरे सामने आए हैं। इनमें आसाराम और रामपाल के अलावा और भी कई नाम शमिल हैं, जो किसी ना किसी कारण से सुर्खियों और विवादों के घेरे में आए। इस तरह के बाबाओं में अपनी 'थर्ड आई' के जरिए देखकर लोगों को समोसे, काली चटनी, टमाटर, जलेबी समेत कई अन्य अजीबो-गरीब नुस्खों से पैसे वाला बनने के उपाय बताने वाले 'निर्मल बाबा' का नाम भी सुर्खियों में रहा। यहां एक नजर डालते हैं इसी तरह के कुछ विवादित बाबाओं पर :

रामपाल : हिंसा में शामिल होने समेत कोर्ट की अवमानना के आरोपी हरियाणा के स्वयंभू संत रामपाल को गिरफ्त में लेने हाल ही में पुलिस की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। रामपाल की गिरफरती के बाद उसके बारे में अब कई तरह के खुलासे हो रहे हैं, जिसमें उसके आश्रम में हथियारों की खेप और लाखों रुपए की बरामदगी की जा चुकी है। रामपाल के करीब 12 लाख समर्थक हैं।

नित्यानंद स्वामी : नित्यानंद पहली बार विवादों में उस समय आए थे, जब एक न्यूज चैनल में बाबा का सेक्स वीडियो फुटेज चलाया। इस वीडियो में नित्यानंद अभिनेत्री के साथ भोग विलास में डूबे नजर आए। आमतौर पर बाबा महिला शिष्याओं की बाहों में घिरे दिखते हैं।

गुरमीत रामरहीम सिंह : डेरा सच्चा सौदा के बाबा राम रहीम सिंह के हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में काफी संख्या में समर्थक हैं। रामरहीम के खिलाफ सीबीआई रेप केस की जांच कर रही है। राम रहीम पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ का भी आरोप है।

आसाराम : आसाराम पर कानून का शिकंजा उनके गुरुकुल में दो छात्रों की मौत के बाद कसा गया। आसाराम पर आशीर्वाद देने के बहाने लड़कियों का रेप करने का बाबा पर आरोप है। फिलहाल आसाराम जोधपुर की जेल में बंद हैं।

चंद्रस्वामी : चंद्रस्वामी अपने रहन-सहन के तरीकों से चर्चा में रहते हैं। चंद्रस्वामी पर राजीव गांधी की हत्या में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया था। बाबा अपने बड़े आश्रमों और संपत्ति के लिए जाने जाते हैं।

इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद : चित्रकूट के इन बाबा को 1997 में सबसे पहले सेक्स रैकेट चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। जेल से निकलने के बाद उन्होंने अपना रास्ता बदलते हुए बाबागीरी शुरू की। बाबा ने बीते 12 सालों में करोड़ों की संपत्ति जुटा ली है।

स्वामी परमानंद : तमिलनाडु के त्रिचिरपाली आश्रम के स्वामी परमानंद पर 13 महिलाओं के साथ रेप का आरोप है। इसके अलावा बाबा पर श्रीलंका के युवक की हत्या का आरोप है। मेडिकल जांच में बाबा के 13 महिलाओं के साथ रेप की पुष्टि हुई है। यह बाबा इन दिनों जेल की हवा काट रहे हैं।

ज्ञानचैतन्य महाराज : बाबा ज्ञानचैतन्य पिछले 14 सालों से जेल में बंद हैं. बाबा पर तीन हत्याओं का आरोप है.

स्वामी सदाचारी : सदाचारी बाबा अपने नाम के बिलकुल विपरीत काम किया करते थे। फिलहाल बाबा वेश्यालय चलाने के आरोप में जेल में बंद हैं, लेकिन इनके समर्थकों की कोई कमी नहीं थी।

देश की 80 प्रतिशत जनता, जो किसी ना किसी प्रकार की समस्या से घिरी ही रहती है और अपने दु:खों, कष्टों और पीड़ाओं के निवारण की आशा से इन ढ़ोंगी बाबाओं के झूठे व छल से भरे दावों के मकडज़ाल में फंस जाती है। इस मकडज़ाल में एक बार फंसने के बाद कोई भी बाहर नहीं निकल पाता, क्योंकि इसके बाद ढ़ोंगी बाबा उनकीं आंखों पर ऐसी काली पट्टी बांध देते हैं कि वे चाहकर भी उसे उतार नहीं पाते। उनकी आखों पर बंधी यह पट्टी तब जाकर खुलती है, जब तक धर्म की आड़ में सरेआम धंधा करने वाले, अय्याशी करने वाले, अंधविश्वास फैलाने वाले, डराने-धमकाने वाले, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले, सच्ची श्रद्धा व विश्वास को भंग करने वाले, अनीति व गैर-कानूनी आचरण करने वाले, साम्प्रदायिकता भड़काने वाले, अधर्म पर चलने वाले, पाखण्ड व ढ़ोंग रचने वाले, मिथ्य ज्ञान बांटने वाले, असंभव दावे करने वाले, चमत्कारों के नाम पर ठगी करने वाले और इंसानियत के साथ बलात्कार करने वाले ढ़ोंगी संत, गुरू, धर्मोपदेशक, धर्माचार्य पीठाधीश और बाबा जेल की सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाये जाएंगे, तब तक स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा।

आम जनमानस को भी एकदम सचेत होना होगा और अपने विवेक से काम लेना होगा। मीडिया को भी इन ढ़ोंगी बाबाओं के काले कारनामों पर नजर रखनी चाहिए, बल्कि उनके विज्ञापन वाले कार्यक्रमों पर भी रोक लगा देनी चाहिए। देश के माननीय न्यायाधीशों को भी ऐसे प्रकरणों पर स्वयं संज्ञान लेना चाहिए और लोगों की धार्मिक आस्था व विश्वास पर कुठाराघात करने वाले इस तरह के पाखंडी बाबाओं पर 'देशद्रोह' के तहत केस चलाने चाहिए।



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