विकलांग समिति ने की ग्रामसहायक भर्ती में आरक्षण की मांग
अजमेर। पंचायती राज विभाग की ओर से ग्राम सहायक के 27208 पदों पर की जा रही अस्थाई भर्ती में विकलांगजनों को आरक्षण नहीं मिलने से रोष बढता जा रह...
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अजमेर। पंचायती राज विभाग की ओर से ग्राम सहायक के 27208 पदों पर की जा रही अस्थाई भर्ती में विकलांगजनों को आरक्षण नहीं मिलने से रोष बढता जा रहा है।
इस संबंध में विकलांग आन्दोलन 2016 संघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेश संयोजक रतन लाल बैरवा ने राज्यपाल को ज्ञापन भेज बताया कि ग्राम सहायक के 27208 पदों पर अस्थाई रूप से राज्य सरकार भर्ती कर रही है जिसमें विकलांगजनों को किसी भी पद के कोई आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।
इस बारे में विभाग के मंत्री को भी पत्र लिखा गया लेकिन अभी तक कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है और अतिशीघ्र ही इन पदों पर भर्ती जा रही है। विकलांगजन के लिए बिना आरक्षण सुनिश्चित किए भर्ती किया जाना अनुचित है।
राजस्थान में विकलांग जन नीतियों में भी कहा गया है की राज्य सरकार हर जगह पर दिव्यांगजनों को रोज़गार मुहिया करवाने के लिए वचनबद्ध है। इसके बावजूद विकलांगता के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है।
वैसे भी कई सरकारी व गैर सरकारी नौकरियों में विकलांगजन को सामिल भी नहीं किया जाता है। ऐसे में पंचायती राज विभाग भी विकलांगों की अनदेखी करेगा तो विकलांगजन को न्याय कैसे मिल पाएगा।
महामहिम से आग्रह है कि विकलांगजनों की पीड़ा को देखते हुए वर्तमान ग्राम सहायक पदों की भर्ती को तुरंत रुकवाकर इस में विकलांग जनों के पद आरक्षित करवाया जाए और जिससे PWD ACT 1995 के कानून की भी पालना करवाई जाए। यह आरक्षण लागू हो जाने से प्रदेश के 825 विकलांगों को नौकरी मिल सकेगी।
इस संबंध में विकलांग आन्दोलन 2016 संघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेश संयोजक रतन लाल बैरवा ने राज्यपाल को ज्ञापन भेज बताया कि ग्राम सहायक के 27208 पदों पर अस्थाई रूप से राज्य सरकार भर्ती कर रही है जिसमें विकलांगजनों को किसी भी पद के कोई आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।
इस बारे में विभाग के मंत्री को भी पत्र लिखा गया लेकिन अभी तक कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है और अतिशीघ्र ही इन पदों पर भर्ती जा रही है। विकलांगजन के लिए बिना आरक्षण सुनिश्चित किए भर्ती किया जाना अनुचित है।
राजस्थान में विकलांग जन नीतियों में भी कहा गया है की राज्य सरकार हर जगह पर दिव्यांगजनों को रोज़गार मुहिया करवाने के लिए वचनबद्ध है। इसके बावजूद विकलांगता के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है।
वैसे भी कई सरकारी व गैर सरकारी नौकरियों में विकलांगजन को सामिल भी नहीं किया जाता है। ऐसे में पंचायती राज विभाग भी विकलांगों की अनदेखी करेगा तो विकलांगजन को न्याय कैसे मिल पाएगा।
महामहिम से आग्रह है कि विकलांगजनों की पीड़ा को देखते हुए वर्तमान ग्राम सहायक पदों की भर्ती को तुरंत रुकवाकर इस में विकलांग जनों के पद आरक्षित करवाया जाए और जिससे PWD ACT 1995 के कानून की भी पालना करवाई जाए। यह आरक्षण लागू हो जाने से प्रदेश के 825 विकलांगों को नौकरी मिल सकेगी।