विमुद्रीकरण से पेटीएम को मिल रहा खासा फायदा, रोज लाखों की तादाद में पेटीएम से जुड़ रहे लोग

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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से 500 और 1000 रुपए के नोटों का विमुद्रीकरण किए जाने के बाद देशभर में आमजन कैश की कवायद में जुआ हुआ है। वहीं दूसरी ओर, लोग कैशलेस भुगतान में दिलचस्पी नजर आने लगी है। इसी को लेकर देश की अग्रणी ऑनलाइन भुगतान सेवा प्रदाता कंपनी पेटीएम से लाखों की तादाद में रोज नए ग्राहक जुड़ रहे हैं। गौरतलब है कि पेटीएम के मौजूदा उपभोक्ताओं की संख्या 15.5 करोड़ है, जबकि कुछ ही दिन पहले यह 11.5 करोड़ थी।

पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा के अनुसार नोटबंदी की घोषणा के बाद हर दिन लाखों की संख्या में ग्राहक पेटीएम से जुड़ रहे हैं। विजय शेखर ने एक समाचार चैनल से कहा, "इतना ही नहीं, हम जिस चीज को लेकर बेहद उत्साहित हैं, वह है हमारे सक्रिय उपयोगकर्ताओं द्वारा पेटीएम के माध्यम से किए जाने वाले लेनदेन की संख्या में भारी इजाफा।"

विजय शेखर शर्मा ने कहा कि देशभर में कार्ड के जरिए खरीद-बिक्री करने वाले केंद्रों की संख्या सिर्फ 14 लाख है, लेकिन 'हमने इस संख्या को भी पार कर लिया है, क्योंकि हमने अपनी सेवा मोबाइल पर भी शुरू कर दी है। इससे पहले हम कह चुके हैं कि 2020 तक हमारे उपभोक्ताओं की संख्या एक अरब हो जाएगी। लेकिन अब मुझे पूरा विश्वास हो गया है कि 2018 के आखिर तक आते-आते हमारे ग्राहकों की संख्या 50 करोड़ तो निश्चित तौर पर पहुंच जाएगी।"

पेटीएम के लिए काम करने वाले कर्मचारियों की बात की जाए तो अब तक पेटीएम में 4,500 कर्मचारी थे, लेकिन वर्षात तक यह संख्या 12,000 तक पहुंच चुकी है। शर्मा ने धनराशि जुटाने के विषय पर कहा कि कंपनी के पास बैंकों में 2,000 करोड़ रुपये जमा हैं, जिन्हें कंपनी जल्द ही खर्च करेगी। विजय शेखर ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि एक दिन पेटीएम 100 अरब डॉलर की कंपनी बन जाएगी।



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