नहीं रहे भारत के 'मिसाइल मेन' डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/07/apj-abdul-kalam-passed-away.html
शिलॉन्ग। भारत के मिसाइल मेन के नाम से पहचाने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, जो देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में सन 2002 से लेकर 2007 तक कार्यरत रहे। सोमवार को मेघालय के शिलॉन्ग में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों को सम्बोधित करने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 83 वर्ष के थे।
उनके निधन के बाद देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया है। कलाम का पार्थिव शरीर मंगलवार को दिल्ली लाया जाएगा और रामेश्वरम में उन्हें सपुर्दे-ए-खाक किया जाएगा। कलाम की मौत पर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है।
जानकारी के मुताबिक आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़े। इसके बाद उन्हें तुरंत शिलॉन्ग के बेथानी अस्पताल लाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों की कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और उनका देहांत हो गया। देर शाम 7:45 बजे उन्हें मृत घोषित किया गया।
अस्पताल के सीईओ जॉन साइलो के मुताबिक, जब कलाम को अस्पताल लाया गया तब उनकी नब्ज और ब्लड प्रेशर साथ छोड़ चुके थे। डॉक्टरों ने कोशिश की, लेकिन उनके शरीर ने वापसी का कोई रिस्पॉन्स नहीं दिखाया।
उल्लेखनीय है कि डॉ कलाम ने आज सुबह ही शिलॉन्ग में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में भाग लेने जाते हुए ट्वीट कर लिखा था कि, वह शिलॉन्ग आईआईएम में लेक्चर के लिए जा रहे हैं। लेकिन अफसोस कि यह उनका आखिरी ट्वीट था।
तमिलनाडु के रामेश्वरम में 15 अक्टूबर 1931 को जन्मे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की। उनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है, उन्होंने स्वदेश तकनीक वाले भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च वीइकल के विकास में बड़ा योगदान किया था।
उनके निधन के बाद देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया है। कलाम का पार्थिव शरीर मंगलवार को दिल्ली लाया जाएगा और रामेश्वरम में उन्हें सपुर्दे-ए-खाक किया जाएगा। कलाम की मौत पर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है।
जानकारी के मुताबिक आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़े। इसके बाद उन्हें तुरंत शिलॉन्ग के बेथानी अस्पताल लाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों की कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और उनका देहांत हो गया। देर शाम 7:45 बजे उन्हें मृत घोषित किया गया।
अस्पताल के सीईओ जॉन साइलो के मुताबिक, जब कलाम को अस्पताल लाया गया तब उनकी नब्ज और ब्लड प्रेशर साथ छोड़ चुके थे। डॉक्टरों ने कोशिश की, लेकिन उनके शरीर ने वापसी का कोई रिस्पॉन्स नहीं दिखाया।
उल्लेखनीय है कि डॉ कलाम ने आज सुबह ही शिलॉन्ग में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में भाग लेने जाते हुए ट्वीट कर लिखा था कि, वह शिलॉन्ग आईआईएम में लेक्चर के लिए जा रहे हैं। लेकिन अफसोस कि यह उनका आखिरी ट्वीट था।
तमिलनाडु के रामेश्वरम में 15 अक्टूबर 1931 को जन्मे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की। उनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है, उन्होंने स्वदेश तकनीक वाले भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च वीइकल के विकास में बड़ा योगदान किया था।