प्रदेश में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की नई व्यवस्था लागू

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जयपुर। राज्य सरकार ने आरपीईटी परीक्षा व्यवस्था को समाप्त कर प्रदेश में केन्द्रीयकृत प्रवेश कमेटी के माध्यम से मेरिट के आधार पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की नई व्यवस्था लागू की है। तकनीकी शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि इस नई व्यवस्था के अंतर्गत वर्ष 2015-2016 के अंतर्गत आरपीईटी की निर्धारित सीटों में से 50 प्रतिषत पर जेईई के प्राप्ताकों की मेरिट से और शेष 50 प्रतिशत पर 12 वीं परीक्षा के प्राप्तांकों की मेरिट के अनुसार प्रवेश दिया जाएगा।

अभियांत्रिकी पाठ्यक्रमों की कुल प्रवेश क्षमता के 15 प्रतिशत स्थानों पर मैनेजमेंट कोटा, 15 प्रतिशत पर राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों का कोटा तथा शेष 70 प्रतिशत पर राज्य के अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। सराफ ने बताया कि 12वीं के आधार पर दिये जाने वाले प्रवेश के लिए पर्सेन्टाइल पद्धति अपनाते हुए मेरिट सूची तैयार की जाएगी। इसमें राज्य सरकार की आरक्षण नीति पूर्ववत की भांति ही लागू रहेगी।

उन्होंने बताया कि छात्रों को एक ही तरह की पृथक पृथक परीक्षा यथा जेईई, आरपीईटी आदि देने के लिए पृथक-पृथक पाठ्यचर्या का अध्ययन करने की समस्या और कोचिंग में अनावश्यक होने वाले उनके व्यय को देखते हुए वृहद छात्र हित में यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 से इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में प्रवेश अब केवल जेईई के प्राप्तांकों की मेरिट के अनुसार ही दिया जाएगा।

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि नई व्यवस्था के अंतर्गत समस्त प्रवेश प्रक्रिया के पर्यवेक्षण हेतु तकनीकी शिक्षा विशेषज्ञों की केन्द्रीय प्रवेश समन्वय समिति गठित की गई है। तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेषक एस.के. सिंह इस समिति के अध्यक्ष एवं संयोजक होंगे तथा संयुक्त सचिव, तकनीकी शिक्षा परमेश्वर लाल, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार संजीव मिश्रा, बीकानेर इंजीनियरिंग काॅलेज के एस.के. बंसल, अपेक्स इंस्टीट्यूट के रवि जूनवाल, सेंट विलफ्रड काॅलेज के केशव बडाया, इंजीनियरिंग काॅलेज भीलवाड़ा के आनंद चतुर्वेदी तथा झालावाड़ के मिथिलेश कुमार सदस्य होंगे। समिति में रजिस्ट्रार प्राविधिक शिक्षा मंडल पंकज मेहता सदस्य सतिच के रूप में कार्य करेंगें।
 
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